Drought-like picture in 67% of MP in August | भोपाल, इंदौर, ग्वालियर-उज्जैन समेत 35 जिलों में कम बारिश; मंदसौर-नीमच में बूंदाबांदी भी नहीं

भोपाल31 मिनट पहलेलेखक: ईश्वर सिंह परमार
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भोपाल समेत प्रदेश के कई जिलों में अगस्त में अब तक हल्की बारिश हुई है।
मध्यप्रदेश में 5 अगस्त से मानसून का ब्रेक है। 11 दिन से सिर्फ बूंदाबांदी ही हो रही है। अगले 3 दिन और मौसम ऐसा ही रहेगा। मानसून ब्रेक होने से अगस्त में बारिश के आंकड़ों में गिरावट हुई है। प्रदेश का 67% हिस्सा ऐसा है, जहां सूखे जैसी तस्वीर है। मौसम विभाग के अनुसार भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन समेत 35 जिलों में सामान्य से काफी कम पानी गिरा है। मंदसौर, नीमच जिलों में 15 दिन से हल्की बूंदाबांदी भी नहीं हुई है।
प्रदेश में सीजन की सामान्य बारिश 949 मिमी यानी 37.36 इंच है। इसमें से करीब 40% बारिश अगस्त महीने में ही हो जाती है। पिछले साल अगस्त की बारिश ने ही सीजन का कोटा पूरा कर दिया था। पहले सप्ताह में ही सभी डैम छलक उठे थे और कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। भोपाल में तो इस महीने 30 इंच से ज्यादा बारिश हो गई थी, जबकि इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन में आंकड़ा 3 गुना तक पहुंच गया था, लेकिन इस बार तस्वीर अलग है। 15 दिन बीतने के बावजूद सामान्य बारिश से प्रदेश काफी पीछे है। अब तक प्रदेश में एवरेज 6.71 इंच पानी गिरना चाहिए, लेकिन 4.94 इंच पानी ही गिरा है। ऐसे में अगस्त में 26% कम बारिश हुई है।

सही साबित हो रहा मौसम विभाग का अनुमान
जुलाई के आखिरी सप्ताह में भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने देश में अगस्त-सितंबर के दौरान सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान जताया था। वहीं, मध्यप्रदेश में भी बारिश को लेकर तस्वीर साफ की थी। मौसम विभाग का यह अनुमान सही साबित हो रहा है।
- अगस्त के पहले सप्ताह में प्रदेश के पूर्वी हिस्से में अच्छी बारिश हुई, लेकिन पश्चिमी हिस्सा सूखा रहा। दूसरे सप्ताह में कहीं भी तेज बारिश का दौर नहीं रहा।
- मानसून की एक्टिविटी नहीं होने से 5 अगस्त को मानसून ब्रेक हो गया, जो अब तक जारी है। 18 अगस्त के बाद ही सिस्टम की एक्टिविटी होने पर तेज बारिश का दौर शुरू होने का अनुमान है।

इन चार संभाग में सामान्य से काफी कम बारिश
बता दें कि प्रदेश में मानसून की एंट्री को करीब 2 महीने बीतने वाले हैं। 24 जून को मानसून एंटर हो गया था। शुरुआत में अच्छी बारिश हुई, लेकिन अगस्त में मानसून जैसा रूठा हुआ है। पश्चिमी हिस्से के मालवा-निमाड़ यानी इंदौर-उज्जैन के साथ भोपाल और नर्मदापुरम में तस्वीर ठीक नहीं है। इन चारों संभाग के कुल 23 में से एक भी जिला ऐसा नहीं है, जहां सामान्य या इससे ज्यादा बारिश हुई हो।
नीमच में सिर्फ 1 मिमी पानी ही गिरा
नीमच में 15 दिन में सिर्फ 1 मिमी बारिश हुई, जबकि मंदसौर में आंकड़ा 1.5 मिमी है। इसी तरह आगर-मालवा में 3.5 मिमी, शाजापुर में 8.2 मिमी, खरगोन में 16.1 मिमी, बुरहानपुर में 17.1 मिमी बारिश हुई। सामान्य बारिश से यह 99% तक कम है। उदाहरण- नीमच में 1 से 15 अगस्त के बीच 156 मिमी यानी 6 इंच से ज्यादा पानी गिरना चाहिए था, जबकि हुई सिर्फ 1 मिमी बारिश। ऐसा ही अन्य जिलों को लेकर भी है।
सिस्टम एक्टिव होने से पूर्वी हिस्सा ही भीगा
अगस्त के पहले सप्ताह में पूर्वी हिस्से में तेज बारिश हुई। निवाड़ी में सबसे ज्यादा 129% ज्यादा बारिश हो गई। यहां 1 से 15 अगस्त तक 4.62 इंच बारिश होती है, जबकि इस बार 10 इंच से ज्यादा पानी गिर गया। डिंडोरी, जबलपुर, कटनी, शहडोल, उमरिया, पन्ना को लेकर भी ऐसा ही है।
जुलाई-अगस्त में होती है अच्छी बारिश
IMD भोपाल के सीनियर वैज्ञानिक एचएस पांडे ने बताया कि मध्यप्रदेश में 1 जून से मानसून की एक्टिविटी शुरू हो जाती है, जो 30 सितंबर तक रहती है। मानसून के 4 में से 2 महीने जुलाई और अगस्त में अच्छी बारिश होती है। इस बार अगस्त महीने में बारिश की स्थिति कमजोर है।
मौसम वैज्ञानिक अशफाक हुसैन ने बताया कि अगस्त में मानसून की एक्टिविटी तो थी, लेकिन स्ट्रॉन्ग सिस्टम नहीं होने से बारिश की गतिविधि कम रहा। इससे सामान्य से कम बारिश हुई है। 18 अगस्त से साइकोनिक सकुर्लेशन बन रहा है। इससे प्रदेश के पूर्वी हिस्से में अच्छी बारिश होने का अनुमान है। पश्चिमी हिस्से में एक्टिविटी कमजोर रह सकती है।
अब जानिए, पिछले 10 साल में अगस्त में कहां-कितनी हुई बारिश…
भोपाल में पिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो सिर्फ 3 बार ऐसा हुआ, जब 10 इंच से कम बारिश हुई हो। वर्ष 2015, 2020 और 2022 में तो आंकड़ा 20 इंच से ज्यादा ही रहा। पिछले साल बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। यहां 30 इंच से ज्यादा बारिश हो गई थी। इससे बड़ा तालाब, केरवा-कलियासोत डैम छलक उठे थे। दूसरी ओर, भोपाल के पास कोलार डैम के भी सभी गेट खुल गए थे। कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात भी बने थे।
- इस बार अब तक कुल बारिश 17.68 इंच ही हुई है। 1 से 15 अगस्त के बीच भोपाल में डेढ़ इंच पानी ही गिरा है। अगस्त के पूरे महीने में भोपाल में औसत 12.83 इंच पानी गिरता है।

इंदौर में भी पिछले कुछ सालों में अगस्त में अच्छी बारिश हुई है। वर्ष 2013 से 2022 के बीच चार साल ही आंकड़ा 10 इंच से कम रहा था। पिछले साल 17 इंच तक पानी गिर गया था। यहां भी सारे नदी-डैम भर गए थे।
- इस बार कुल बारिश के आंकड़ों में इंदौर 27% तक आगे हैं। 27.71 इंच पानी गिर चुका है। हालांकि, अगस्त के 15 दिन में यहां 78% बारिश कम हुई है। 1 से 15 अगस्त तक इंदौर में 5.60 इंच बारिश होना चाहिए, लेकिन 1.2 इंच पानी ही गिरा है।

आंकड़ों के लिहाज से जबलपुर भी बेहतर रहा है। यहां वर्ष 2021 ही ऐसा रहा, जब अगस्त महीने में आंकड़ा 4 इंच तक भी नहीं पहुंचा हो। बाकी सालों में अच्छी बारिश दर्ज की गई है। पिछले साल यहां साढ़े 16 इंच बारिश हुई थी। 2013 में आंकड़ा 34 इंच के पार पहुंच गया था।
- इस बार की बात करें तो ओवरऑल 30.39 इंच पानी गिर चुका है। अगस्त में 11.53 बारिश हुई, जो सामान्य बारिश से 33% अधिक है। यहां मानसून की स्थिति बाकी बड़े शहरों से ठीक है।

ग्वालियर में 2014 और 2021 में ही बारिश का आंकड़ा 10 इंच से कम रहा था। बाकी सालों में यहां अच्छी बारिश हुई है। पिछले साल करीब 14 इंच बारिश हुई थी।
- इस बार अब तक (1 जून से) 14.55 इंच पानी गिर चुका है, जो सामान्य बारिश से 18% कम है। 1 से 15 अगस्त के बीच 4 इंच पानी गिरा है। हालांकि, 15 दिन में 6 इंच बारिश होना चाहिए थी।

अब जानिये, 1 से 15 अगस्त के बीच कहां, कितनी बारिश हुई…










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