अजब गजब

कौन है डीमार्ट का मालिक, कैसे बदला इस बंदे ने किराने का धंधा, सस्ता सामान देने के लिए लगाया गजब दिमाग

Dmart Success Story: भारत के रिटेल सेक्टर में Dmart एक बड़ा नाम है. सीधे शब्दों में कहें तो देश के किराना बाजार में यह सबसे बड़ी दुकान है, जो कई शहरों में स्थित है. डीमार्ट को शुरू करने की कहानी बड़ी दिलचस्प है क्योंकि इसके फाउंडर को सस्ती दुकान खोलने का आइडिया अमेरिका से मिला. डीमार्ट के फाउंडर, राधाकिशन दमानी हैं, जो किसी जमाने में शेयर बाजार के बड़े निवेशक रहे. साल 1980 से 90 के दशक राधाकिशन दमानी शेयर मार्केट में सक्रिय रहे और शेयरों में निवेश करके बहुत पैसा कमाया. एक वक्त ऐसा जब उन्होंने शेयर बाजार से हटकर अपना बिजनेस करने के बारे में सोचा. इसका नतीजा डीमार्ट के तौर देश के सामने है. लाखों भारतीय परिवारों के लिए डीमार्ट से शॉपिंग काफी मायने रखती है. क्योंकि, यहां उन्हें बाजार भाव से कम कीमत पर सामान मिल जाता है. सप्ताह के सातों दिन डीमार्ट में लोगों की भारी भीड़ रहती है. क्या आप जानते हैं डीमार्ट में सामान इतना सस्ता क्यों मिलता है, आखिर कैसे राधाकिशन दमानी को डीमार्ट खोलने का आइडिया मिला. आइये आपको बताते हैं इसके पीछे की कहानी…

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देश में डीमार्ट का दबदबा

DMart का पूरा नाम “दमानी मार्ट” है, जो राधाकिशन दमानी ने अपने उपनाम के नाम से रखा. डीमार्ट की शुरुआत 2002 में हुई. डीमार्ट सुपरमार्केट चैन का स्वामित्व और संचालन एवेन्यू सुपरमार्ट्स लिमिटेड के पास है.

डीमार्ट, एक ऐसा शॉपिंग डेस्टिनेशन है, जहां किराने के सामने से लेकर, कपड़े और यूटिलिटी का सामान मिलता है. गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश और दिल्ली समेत 11 राज्यों में डीमार्ट 375 स्टोर्स हैं.

कैसे हुई डीमार्ट की शुरुआत

साल 2002 में शेयर बाजार से ब्रेक लेकर राधाकिशन दमानी ने भारत के रिटेल सेक्टर की ओर रुख किया है. इस दौरान उन्हें इंडियन मार्केट में एक कमी नजर आई. यह वह वक्त था जब भारत में मॉल और सुपरमार्केट कल्चर धीरे-धीरे पैर पसार रहे थे. हालांकि, उस समय सुपरमार्केट में शॉपिंग बहुत महंगी हुआ करती थी. ऐसे में

राधाकिशन दमानी ने मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए एक ऐसे स्टोर की कल्पना की जो ज़रूरतों को पूरा कर सके. इसी मकसद से उन्होंने DMart शुरू करने का फैसला किया. उन्होंने साल 2002 में मुंबई के पवई में अपना पहला डीमार्ट स्टोर खोला.

डीमार्ट शुरू करने के पीछे राधाकिशन दमानी का सपना रहा कि हर भारतीय परिवार अपनी दैनिक जरूरतों से जुड़े सामान एक ही जगह से किफायती दाम पर खरीद सकें. किराना, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से लेकर डीमार्ट में काफी वैरायटी में बहुत-से सामान मिलते हैं.

डीमार्ट में कैसे मिलता सस्ता सामान

राधाकिशन दमानी ने काफी सोच-समझकर डीमार्ट खोलने का फैसला किया. चूंकि, उनकी नजर देश के मध्यमवर्गीय परिवारों को किफायती सामान मुहैया कराना था इसलिए उन्होंने किराये की जगह ना लेकर, जमीन खरीदकर अपने स्टोर खोले. इसका फायदा यह हुआ कि उन्हें हर नियमित अंतराल पर बढ़ा हुआ किराया नहीं देना होता. ऐसे में डीमार्ट किराये पर 5-7 फीसदी की बचत करता है और उन्हें डिस्काउंट के रूप में लोगों को पास ऑन कर देता है.

2017 में आया डीमार्ट का आईपीओ

जब डीमार्ट ने देश के रिटेल सेक्टर में पकड़ बना ली, इसके बाद राधाकिशन दमानी 2017 में DMart को आईपीओ लेकर आए. शेयर बाजार में डीमार्ट (एवेन्यू सुपरमार्ट) के लिस्ट होते ही 16.5 बिलियन डॉलर की कुल संपत्ति के साथ राधाकिशन दमानी भारत के चौथा सबसे अमीर व्यक्ति बन गए. अब उनकी कुल संपत्ति 21.3 बिलियन डॉलर है. डीमार्ट (एवेन्यू सुपरमार्ट) का बाजार पूंजीकरण अब 3 लाख करोड़ के करीब पहुंच गया है.

Tags: Business ideas, Business news, Consumer and Retail industry


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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