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माता-पिता की मौत के बाद भी नहीं मिला बच्चों को सहारा, 80 साल की दादी के भरोसे खपरैल मकान में रह रहे मासूम

महाराजपुर। क्षेत्र के ग्राम डिगपुरा के एक भाई और तीन बहिनें दीन और हीन हंै किंतु इनके लिए अभी तक असल दीनबंधू कोई नहीं मिल पाया इन बच्चों को आज तक सरकारी योजनाओं का लाभ भी नही मिल पाया है। इन बच्चों को आज भी ग्रामीणों के रहमोकरम पर रहना पड़ रहा है।यह कहानी नहीं बल्कि हकीकत है महाराजपुर तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत डिगपुरा की 16 वर्षीय बबिता कुशवाहा एवं उसके भाई बहिनों की। इन बच्चों के सिर से मां चँदा कुशवाहा का साया उठा और 2 साल बाद ही बीमारी के चलते पिता हरिश्चन्द्र कुशवाहा ने भी साथ छोड़ दिया। अब यह बेसहारा एक भाई और तीन बहन बबीता (16), प्रियंका(13), रोशनी(11) एवं भाई कोमल कुशवाहा(9) अब अपनी 80 वर्षीय बूढ़ी दादी किशुनिया के सहारे ही जीवन यापन कर रहे हैं। ये परिवार लगभग एक वर्ष से टूटे खपरैल मकान में रहकर अपनी जिंदगी बसर कर रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना पूरे देश मे तेजी से चल रही है। ग्रामीणों को पक्के मकान भी मिल रहे हैं लेकिन इन बच्चों के लिए ऐसी कोई योजना नहीं है कि उन्हें सिर छिपाने के लिए पक्की छत मिल सके।केन्द्रीय मंत्री ने दिया मदद का भरोसा इन बच्चों की जानकारी भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश मंत्री अविनेन्द्र पटैरिया को लगी तो वे बच्चों का हाल जानने उनके घर पहुँचे और ग्राम पंचायत के सरपंच रामकुमार पाठक से सारी जानकारी लेकर केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक को मामले से अवगत कराया। श्री पटैरिया ने महिला बाल विकास अधिकारी अनिल नामदेव को बच्चों के खाने पीने के पोषण आहार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने आगे भी मदद का भरोसा दिया है। 

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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