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IPL 2023 : सचिन तेंदुलकर की खिलखिलाहट और धोनी की वह मोहक मुस्कान | IPL 2023 Sachin Tendulkar Mahendra Singh Dhoni smile picture viral

IPL 2023: सचिन, धोनी के बचपन के हीरो रहे हैं। धोनी उन्हें अपना आदर्श मानते थे। लेकिन वही तेंदुलकर उनकी कप्तानी में छह साल तक खेले।

Cricket

lekhaka-Ashok kumar sharma

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Sachin Tendulkar

मुम्बई
इंडियंस
और
चेन्नई
सुपर
किंग्स
के
मैच
के
दौरान
वानखेड़े
स्टेडियम
पर
एक
खास
नजारा
देखने
के
मिला।
टॉस
से
पहले
मैदान
पर
भारत
रत्न
सचिन
तेंदुलकर
और
पद्म
भूषण
महेन्द्र
सिंह
धोनी
की
आत्मीय
मुलाकात,
एक
दुर्लभ
दृश्य
था।
दोनों
दिल
खोल
कर
हंसे।
मुसकुराये।
फिर
अपनेपन
के
साथ
बात
भी
की।
सचिन
तेंदुलकर
और
महेन्द्र
सिंह
धोनी
का
रिश्ता
थोड़ा
हट
कर
है
और
कई
मायनों
में
अनोखा
है।
सचिन,
धोनी
के
बचपन
के
हीरो
रहे
हैं।
धोनी
उन्हें
अपना
आदर्श
मानते
थे।
लेकिन
वही
तेंदुलकर
उनकी
कप्तानी
में
छह
साल
तक
खेले।
इसमें
सबसे
खास
बात
ये
थी
कि
धोनी
को
किसी
और
नहीं
बल्कि
सचिन
ने
ही
कप्तान
बनवाया
था।
सचिन
तेंदुलकर
जैसे
महान
खिलाड़ी
का
कप्तान
होना
धोनी
के
लिए
बहुत
गौरव
की
बात
थी।
लेकिन
उन्होंने
हमेशा
अपने
बचपन
के
नायक
का
सम्मान
किया।
सचिन
के
विशाल
आभामंडल
को
देख
कर
धोनी
सकुचाये
रहते
थे।
कप्तान
होने
के
बावजूद
वे
मैदान
से
बाहर
सचिन
से
बात
में
बहुत
शर्माते
थे।

GT vs KKR: रिंकू सिंह को उमेश यादव से मिला ऐसा गुरु मंत्र कि जड़ दिए 5 छक्के, मैच जीतने के बाद खोला राजGT
vs
KKR:
रिंकू
सिंह
को
उमेश
यादव
से
मिला
ऐसा
गुरु
मंत्र
कि
जड़
दिए
5
छक्के,
मैच
जीतने
के
बाद
खोला
राज


तेंदुलकर
जब
पहली
बार
धोनी
से
मिले

भारत
की
टीम
2004
में
बांग्लादेश
के
दौरे
पर
गयी
थी।
सौरव
गांगुली
कप्तान
थे।
टेस्ट
मैच
के
लिए
दिनेश
कार्तिक
और
वनडे
के
लिए
महेन्द्र
सिंह
धोनी
को
विकेटकीपर
चुना
गया
था।
इस
दौरे
से
ही
धोनी
का
अंतर्राष्ट्रीय
क्रिकेट
जीवन
शुरू
होने
वाला
था।
वनडे
सीरीज
से
पहले
एक
प्रैक्टिस
मैच
में
सचिन
ने
पहली
बार
धोनी
को
देखा
था।
इसके
पहले
उन्होंने
घरेलू
क्रिकेट
में
धोनी
का
नाम
नहीं
सुना
था
क्यों
कि
वे
राष्ट्रीय
टीम
के
साथ
मैच
में
मशरूफ
रहते
थे।
उन्होंने
अभ्यास
के
दौरान
धोनी
को
दो
चौके
मारते
हुए
देखा।
यह
देख
कर
सचिन
अपने
दोस्त
सौरव
गांगुली
के
पास
गये
और
कहा,
दादा
!
क्या
देखे
उसके
शॉट्स
?
उसके
हाथ
में
एक
अलग
किस्म
का
झटका
है
जो
वह
गेंद
को
हिट
करते
समय
इस्तेमाल
करता
है।
यह
हिटिंग
बिल्कुल
अगल
और
विशिष्ट
है।
वह
जिस
तरह
गेंद
को
हिट
कर
रहा
है,
उससे
स्पेशल
खिलाड़ी
की
झलक
मिल
रही
है।
उस
समय
सचिन
की
टीम
और
क्रिकेट
बोर्ड
में
इतनीइज्जत
थी
कि
उनकी
कही
किसी
बात
का
बहुत
बड़ा
मतलब
होता
था।


कैसा
था
धोनी
का
वनडे
डेब्यू

23
दिसम्बर
2004
को
महेन्द्र
सिंह
धोनी
ने
वनडे
क्रिकेट
में
डेब्यू
किया।
बांग्लादेश
के
खिलाफ
पहले
वनडे
मैच
को
भारत
ने
तो
जीत
लिया
लेकिन
धोनी
का
डेब्यू
बहुत
निराशाजनक
रहा।
वे
0
पर
रनआउट
हो
गये।
दूसरे
वनडे
में
धोनी
ने
11गेंदों
पर
12
रन
बनाये
और
दो
चौके
लगाये।
यह
मैच
भारत
भारत
हार
गया।
तीसरे
वनडे
में
धोनी
ने
नाबाद
7
रन
बनाये
और
अपने
अंतर्राष्ट्रीय
करियर
का
पहला
छक्का
लगाया।
भारत
ने
यह
मैच
91
रनों
से
जीता
था।
बांग्लादेश
के
खिलाफ
वनडे
सीरीज
में
धोनी
का
प्रदर्शन
बहुत
साधारण
रहा।
लेकिन
सचिन
तेंदुलकर
उनकी
आंतरिक
क्षमता
से
वाकिफ
थे।
उन्होंने
धोनी
को
नौतिक
समर्थन
जारी
रखा।


ऐसे
हुई
सचिन
की
धोनी
से
मजबूत
बॉन्डिंग

पांच-छह
महीने
में
सचिन,
धोनी
से
और
ज्यादा
प्रभावित
हुए।
अप्रैल
2005
में
पाकिस्तान
की
टीम
भारत
के
दौरे
पर
आयी
थी।
भारत
के
कप्तान
सौरव
गांगुली
थे।
भारत
और
पाकिस्तान
के
बीच
कोच्ची
में
पहला
वनडे
मैच
खेला
गया
था।
पहले
खेलते
हुए
भारत
ने
सहवाग
और
द्रविड
के
शतक
की
मदद
से
281
रन
बनाये।
282
के
टारगेट
का
पीछा
करने
के
लिए
पाकिस्तान
की
टीम
मैदान
पर
उतरी।
इस
मैच
में
सचिन
ने
अपनी
गेंदबाजी
से
खेल
पलट
दिया
था।
जब
सचिन
बॉलिंग
के
लिए
आये
तो
उन्होंने
धोनी
से
पूछा,
लेग
स्पिन
डालूं
या
आफ
स्पिन,
या
फिर
सीम
को
ऊपर
रख
कर
डालूं
?
दूसरे
लोगों
ने
बाद

में
धोनी
के
क्रिकेट
नॉलेज
का
लोहा
माना
लेकिन
सचिन
ने
शुरू
में
ही
उनकी
इस
योग्यता
को
ताड़
लिया
था।
सचिन
ने
इस
मैच
में
धोनी
से
अपनी
बॉलिंगको
लेकर
इसलिए
सवाल
पूछा
क्यों
कि
कीपर
होने
के
कारण
वे
पिच
के
मिजाज
को
अच्छी
तरह
भांप
रहे
थे।
धोनी
तब
नये-नये
टीम
में
आये
थे
और
वे
सचिन
का
बहुत
लिहाज
करते
थे।
इस
सवाल
पर
पहले
तो
वे
हड़बड़ाये,
फिर
आत्मविश्वास
से
कहा,
लेग
स्पिन
ही
ठीक
रहेगी।
धोनी
की
इस
सलाह
ने
कमाल
कर
दिया।
सचिन
ने
10
ओवर
में
1
मेडन
रखते
हुए
50
रन
दे
कर
5
विकेट
लिये।
सचिन
की
इस
बॉलिंग
से
पाकिस्तान
की
कमर
टूट
गयी
और
वह
87
रनों
से
मैच
हार
गया।


सचिन,
सौरव
के
भरोसेमंद

सचिन
का
धोनी
पर
यह
भरोसा
भारत
के
बहुत
काम
आया।
धोनी
ने
अपने
पांचवें
वनडे
मैच
में
ही
शतक
लगा
कर
अपनी
काबिलियत
साबित
कर
दी।
तब
तक
धोनी
सचिन
और
सौरव
के
भरोसेमंद
खिलाड़ी
बन
चुके
थे।
विशाखापट्टनम
में
भारत
और
पाकिस्तान
के
बीच
दूसरा
वनडे
खेला
गया
था।
इस
मैच
में
सचिन
और
सहवाग
ने
ओपनिंग
की
थी।
लेकिन
जब
सचिन
केवल
2
रनों
पर
आउट
हो
गये
तो
सौरव
गांगुली
ने
धोनी
को
वन
डाउन
बैटिंग
के
लिए
भेज
दिया।
फिर
तो
धोनी
ने
पाकिस्तानी
गेंदबाजों
की
बखिया
उधेड़
कर
रख
दी।

उन्होंने
केवल
88
गेंदों
में
शतक
पूरा
कर
लिया।
123
गेंदों
पर
148
रन
बनाये।
इसके
अलावा
जनवरी
2006
में
धोनी
ने
पाकिस्तान
के
खिलाफ
फैसलाबाद
टेस्ट
मैच
में
148रनों
की
तेज-तर्रार
पारी
खेली
थी।
इस
पारी
में
उन्होंने
19
चौके
और
4
छक्के
लगाये
थे।
धीरे-धीरे
धोनी
भारत
के
यशस्वी
क्रिकेटर
बन
गये।
समय
चाहे
जितना
भी
गुजर
जाए,
धोनी
और
सचिन
तेंदुलकर
जब
भी
मिलेंगे,
वह
नजारा
बहुत
खास
ही
होगा।

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हुआ?
KKR
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खिलाफ
मैच
से
क्यो
होना
पड़ा
बाहर?
|
वनइंडिया
हिंदी

English summary

IPL 2023 Sachin Tendulkar Mahendra Singh Dhoni smile picture viral


Source link

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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