शरद पवार ने विपक्षी एकता के साथ कर दिया ‘खेल’ और ‘गुगली’ में फंस गए नीतीश कुमार! सियासी हलचल तेज, किसका बजेगा गेम?

हाइलाइट्स
क्या नीतीश कुमार के मंसूबे को शरद पवार ने दे दिया है झटका?
गौतम अदानी पर शरद पवार ने जेपीसी की मांग को बेकार कहा.
बिहार की सियासत में शरद पवार के बयान के बाद हलचल तेज.
पटना. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार (NCP chief Sharad Pawar) ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा कि उद्योगपतियों पर निशाना साधने से ज्यादा जरूरी है कि मुद्दे की राजनीति हो. एनसीपी प्रमुख ने उद्योगपति गौतम अदानी (Industrialist Gautam Adani) के मुद्दे को लेकर विपक्ष की JPC मांग को बेकार बता दिया. शरद पवार ने यह भी कहा कि JPC में सत्तारूढ़ पार्टी का बहुमत होता है उससे सच्चाई सामने नहीं आ पाती है. इस मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ही सही विकल्प है. शरद पवार के इसी बयान को जहां विपक्षी एकता के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के लिए सेटबैक माना जा रहा है.
दरअसल, बिहार में महागठबंधन के नेता लगातार इस कोशिश में लगे हुए थे कि JPC के मुद्दे पर तमाम विरोधी दल एकजुट हो सके, ताकि 2024 में गैर बीजेपी दलों का एक बड़ा मोर्चा बने. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार इस कोशिश में लगे हुए भी थे. इस बात की सुगबुगाहट तब और तेज हो गई थी जब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नीतीश कुमार से फोन पर बात कर इसका प्रयास शुरू कर दिया था. इसके लिए नीतीश कुमार लगातार प्रयासरत थे, लेकिन शरद पवार के बयान ने मामले को उलझा दिया है. माना जा रहा है कि नीतीश कुमार के मिशन 2024 को शरद पवार ने झटका दे दिया है.
बिहार के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय कहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता की कवायद में निश्चित रूप से प्रयासरत हैं. विश्व की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी को यदि 2024 के लोकसभा चुनाव में चुनौती देनी होगी तो इसके लिए मजबूत विपक्ष की अत्यंत ही आवश्यकता है, इस सच्चाई को देखते हुए ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता की बात करते आ रहे हैं. लेकिन, एनसीपी नेता शरद पवार के ताजा बयान के बाद निश्चित रूप से मुख्यमंत्री कुमार के विपक्षी एकता की कवायत को झटका जरूर लगा है.
आपके शहर से (पटना)
विपक्ष के मंसूबे पर पानी!
रवि उपाध्याय कहते हैं कि शरद पवार देश की एक बड़ी राजनीतिक हस्ती हैं और उनका इस तरह का बयान देना न सिर्फ कांग्रेस के लिए, बल्कि नीतीश कुमार और आरजेडी के लिए भी बड़ा झटका है. शरद पवार अगर गैर बीजेपी गठबंधन के साथ खड़े नहीं होते है तो नीतीश कुमार सहित तमाम विरोधी दल के मंसूबे पर पानी फिर सकता है.
पसोपेश में पड़ गया जदयू
शरद पवार के बयान पर कांग्रेस, राजद और बीजेपी की प्रतिक्रिया आई है. जदयू प्रवक्ता डॉ सुनील सिंह कहते हैं कि शरद पवार बड़े नेता हैं. वे क्या बोल रहे हैं ये तो वही बता सकते हैं, लेकिन देश की 14 बड़ी पार्टियों ने इस मामले पर एक रुख दिखाया है. जो भी सच्चाई सामने आएगी वो जेपीसी की जांच से ही आएगी. रही बात नीतीश कुमार के मंसूबे की तो नीतीश जी ने पहले ही साफ कर दिया है कि उनकी प्राथमिकताओं में सबसे पहले 2024 में तमाम गैर बीजेपी पार्टियों को एकजुट करने की है. उस कोशिश में वो लगे रहेंगे और अपने मकसद में सफल भी होंगे.
सकते में दिख रहा राजद!
वहीं, आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद कहते हैं कि हर राजनीतिक दल की अपनी-अलग राय और विचारधारा होती है. अगर बयान के आधार पर राय निकाले जाने लगे तो इसका कोई मतलब नहीं है. शरद पवार जी विरोधी पार्टियों के बैठक में शामिल होते रहे हैं और उनकी भी कोशिश है कि बीजेपी के खिलाफ एक बड़ा मोर्चा बनाया जाए, इसलिए उनके बयान को अलग अर्थ में सोचना सही नहीं है.
भाजपा का विपक्ष पर प्रहार
दूसरी ओर बीजेपी प्रवक्ता राम सागर सिंह कहते हैं कि शरद पवार के बयान ने बीजेपी विरोधी तमाम पार्टियों की हवा निकाल दी है. जिस कांग्रेस ने जेपीसी के मुद्दे पर संसद नहीं चलने दिया, वही कांग्रेस और ऐसे तमाम दलों को शरद पवार ने आईना दिखा दिया है. इसके साथ ही नीतीश कुमार का सपना भी तोड़ दिया है.
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Tags: Bihar News, Bihar politics, CM Nitish Kumar, NCP chief Sharad Pawar
FIRST PUBLISHED : April 08, 2023, 17:30 IST
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