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Delhi High Court appoints Justice NV Ramana to mediate in dispute between DMRC and Arvind Techno Globe

नई दिल्‍ली. दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (DMRC) और मैसर्स अरविंद टेक्नो ग्लोब (जेवी) के बीच विवादों को मध्यस्थता के लिए भेज दिया है. इसमें भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना (NV Ramana) को मध्यस्थ नियुक्त किया है. जस्टिस चंद्र धारी सिंह की पीठ याचिकाकर्ता अरविंद टेक्नो ग्लोब द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी. यह याचिका मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 (A&C अधिनियम) की धारा 11 के तहत दायर की गई थी. इसमें एक स्वतंत्र एकमात्र मध्यस्थ की नियुक्ति की मांग की गई थी.

याचिका में कहा गया था कि डीएमआरसी ने याचिकाकर्ता को उसके द्वारा उल्लिखित 5 नामों के पैनल में से एक मध्यस्थ चुनने के लिए कहा है जबकि एएंडसी एक्ट की धारा 12(5) के अनुसार एक स्वतंत्र मध्यस्थ न्यायाधिकरण नियुक्त करने में विफल रही है. अब जस्टिस एनवी रमना पक्षों के बीच विवादों का निर्णय करने के लिए एकमात्र मध्यस्थ होंगे. दरअसल कोर्ट ने यह देखते हुए कि इससे पहले का विवाद एक स्वतंत्र मध्यस्थ की नियुक्ति तक सीमित है. अदालत ने जस्टिस एनवी रमना को एकमात्र मध्यस्थ नियुक्त किया और पार्टियों को मध्यस्थता के लिए भेजा. इस मामले में कहा गया है कि याचिकाकर्ता अरविंद टेक्नो ग्लोब को डीएमआरसी द्वारा एक कंस्ट्रक्शन कॉन्ट्रैक्ट मिला था. इसको लेकर दोनों के बीच अनुबंध समझौता भी हुआ था. आरोप है कि डीएमआरसी अपने बकाये चुकाने में असफल रही है.

विवाद नहीं हो सकता हल इसलिए मध्‍यस्‍थता खंड को लागू करने की वि‍वशता
इस पर याचिकाकर्ता ने मध्यस्थता खंड का आह्वान किया और दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष ए एंड सी एक्ट की धारा 11 के तहत याचिका दायर की. याचिकाकर्ता ने कोर्ट में तर्क दिया कि चूंकि दोनों पक्षों के बीच विवादों को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने की कोशिशें असफल रही हैं, इसलिए यह अनुबंध की सामान्‍य स्थिति के तहत प्रदान किए गए मध्‍यस्‍थता खंड को लागू करने के लिए विवश है. जस्टिस एनवी रमाना की नियुक्ति करते हुए कोर्ट ने कहा, ‘पक्षों की ओर से सहमति के अनुसार यह न्यायालय 22 जुलाई, 2013 के अनुबंध समझौते के संबंध में पार्टियों के बीच उत्पन्न होने वाली असहमति को इसके निवारण के लिए, पक्षों के बीच विवादों का निर्णय करने के लिए एकमात्र मध्यस्थ के रूप में एक स्वतंत्र एकमात्र मध्यस्थ को संदर्भित करना उचित समझता है.’

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Tags: DELHI HIGH COURT, DMRC, NV Ramana, दिल्ली हाईकोर्ट


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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