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परिवार के लिए लांघी समाज की दीवार, अब ताना मारने वाले भी देने लगे दाद, मिलिए जम्मू की पहली लेडी ऑटो ड्राइवर से

हाइलाइट्स

जम्मू की रंजीत कौर ने समाज के सामने पेश की मिसाल
परिवार की मदद के लिए रंजीत बनीं ऑटो ड्राइवर
पहले लोगों ने की रंजीत की आलोचना, अब कर रहे तारीफ

जम्मू-कश्मीर. जम्मू (Jammu-Kashmir) जिले की कुंजवानी की रहने वाली रंजीत कौर हर किसी के लिए एक मिसाल से कम नहीं हैं. रंजीत जम्मू में ऑटो रिक्शा चलाने वाली पहली महिलाओं में से एक हैं. उन्हें जम्मू और कश्मीर ग्रामीण आजीविका मिशन (JKRLM) की उम्मीद योजना का फायदा मिला और अब वे जम्मू की सड़कों पर शान से अपना ऑटो दौड़ा रही हैं. अब UMEED योजना की मदद से रंजीत कई लोगों को लिए एक इंस्पीरेशन बन गई हैं. लोग से उन्हें काफी सम्मान और प्रशंसा भी मिल रही है.

रंजीत कौर का कहना है कि वे रोजाना 1500 से लेकर 2000 रुपये तक ऑटो चलाकर कमा लेती है. अब उन्होंने स्पेशल बुकिंग भी मिल रही है. उन्होंने कहा,’अब मैं जहां भी जात लोग मेरी प्रशंसा करते हैं. वो लोग भी मेरी तारीफ करने लगे हैं जो पहले कभी मेरी आलोचना करते थे. इतना ही नहीं मेरी हिम्मत देखकर कई बार पैसेंजर्स भी मेरी हौसला अफजाई करते हैं.’

ई-रिक्शा चलाती हैं रंजीत कौर
रंजीत कौर बोलीं ‘बहुत जरूरी है कि महिलाएं आत्मनिर्भर बने. उन्हें अपने पिता और पति पर खासकर पैसों के लिए डिपेंट नहीं रहना चाहिए. मैं सरकार का शुक्रिया अदा करती हूं. केंद्र की स्कीम का मुझे काफी फायदा मिला.’ उन्होंने कहा कि अपने परिवार की मदद करने के लिए एक दिन मैंने फैसला किया कि मैं अपने पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर ऑटो रिक्शा चलाऊंगी. हालांकि पहले पति इस बात को लेकर राजी नहीं थे. लेकिन जब परिवार मान गया फिर मैंने बिना देरी किए UMEED ग्रुप जॉइन किया जहां से मिले ई-रिक्शा खरीदने फाइनेंशियल सपोर्ट मिला.

रंजीत कौर को UMEED प्रोग्राम से काफी मदद मिली. (ANI)

बता दें कि जम्मू और कश्मीर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत उम्मीद कार्यक्रम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद करता है. यह महिलाओं को छोटी बचत करने के लिए भी प्रोत्साहित करता है. UMEED प्रोग्राम की मदद से जम्मू और कश्मीर में सैकड़ों महिलाओं गरीबी से बाहर आई और अब सफल उद्यमी बन रही हैं. रंजीन कौर का कहना है कि काम करने से शर्म नहीं करनी चाहिए. जब मैं इस काम से संतुष्ट हूं और अपने परिवार की बहुत अच्छे तरीके से मदद कर पा रहा हूं, तो मैं लोगों के ताने या आलोचना की परवाह क्यों करूं?.’

Tags: Jammu and kashmir, Viral news, Woman


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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