मध्यप्रदेश

दलित किसान का सिर फोड़ने पर गुस्साए ग्रामीण, कलेक्शन मैनेजर ने आरोप झुठलाए | Villagers angry over beheading of Dalit farmer, collection manager denies allegations


राजगढ़ (भोपाल)18 मिनट पहले

राजगढ़ में वसूली करने आए एक फाइनेंसर ने एक किसान का सिर फोड़ दिया। जिसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। गुस्साए ग्रामीणों ने एक फाइनेंसर को पकड़ लिया और उसे पेड़ से बांध दिया। ग्रामीणों का गुस्सा देख मौके से एक फाइनेंसर तो फरार ही हो गया था। बाद में उसे थाने लाया गाया। पुलिस ने कलेक्शन मैनेजर पर FIR दर्ज कर लिया है। मामला राजगढ़ के खिलचीपुर का है। हालांकि, डॉक्टर्स का कहना है कि किसान के सिर पर मामूली सी चोट है।

खिलचीपुर से 30 KM दूर जैतपुरा खुर्द गांव में रहने वाले दलित किसान कन्हैयालाल मेघवाल ने 5 साल पहले महिंद्रा फाइनेंस कंपनी से लोन लिया था। इसी के रिकवरी के लिए कंपनी से गुरुवार को दिलीप यादव और दीपक मेवाड़े आए थे। इस दौरान दोनों में कहासुनी हो गई। जिसके बाद फाइनेंसरों ने पत्थर मारकर कन्हैयालाल का सिर फोड़ दिया। विवाद बढ़ा तो दीपक मेवाड़े मौका पाते ही फरार हो गया। इस वजह से ग्रामीणों ने कलेक्शन मैनेजर दिलीप यादव को पकड़ किया और पेड़ पर रस्सी से बांध दिया। उन्होंने पुलिस को घटना की सूचना दी। घायल को उसके परिजन गाड़ी में बैठाकर खिलचीपुर अस्पताल लाए। जहां उसे प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिया।

ब्याज समेत जमा कर चुका हूं सूद

घायल कन्हैयालाल ने बताया कि 5 साल पहले महिंद्रा फायनेंस मकान बनाने के लिए 1 लाख रुपए का लोन लिया था। उस समय कंपनी ने मुझे 80 हजार रुपए ही दिए थे। जिसकी प्रति माह की किश्त 2700 रुपए आई थी। मैंने किश्त के साथ-साथ 80 हजार रुपए जमा कर दिए थे। 80 हजार ही देने का मैंने कंपनी से स्टेटमेंट भी मांगा था लेकिन उन्होंने नहीं दिया। ब्याज सहित सूद जमा करने के बाद भी कंपनी ने मेरी ओर राशी बकाया निकाल दी। सेटलमेंट के लिए मुझसे से 40 हजार रुपए मांगे। मैंने वहां भी दे दिए। लेकिन उन्होंने मुझे इसकी रसीद नहीं दी। गुरुवार को फिर कंपनी के 2 लोग लोन के पैसे लेने आए थे। मैंने उनसे जमा रुपए की रसीद मांगी तो वे गाली-गलौज करने लगे और पत्थर उठाकर मेरा सिर फोड़ दिया।

उसने ही हमें पत्थर से मारा- कलेक्शन मैनेजर

कलेक्शन मैनेजर यादव का कहना है कि जैतपुरा गांव के कन्हैया लाल मेघवाल ने महिंद्रा फाइनेंस से 5 साल पहले मकान बनाने के लिए 1 लाख 10 हजार रुपए का लोन लिया था। लोन के बाद उसने 60 से 70 हजार जमा किए। बाकी रकम वसूलने के लिए कंपनी ने मुझे और दीपक को भेजा था। हमने उससे पैसे मांगे तो उसने गाली गलौज की। जिसके बाद पत्थर से मेरा सिर फोड़ दिया। जिसके बाद बड़ा पत्थर उठाया तो वह कन्हैयालाल के सिर पर ही गिर गया। दीपक मुझे छोड़कर वहां से भाग गया। ग्रामीणों ने मुझे पकड़ कर पेड़ से बांध दिया। पुलिस मुझे छुड़वाकर थाने लाई है।

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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