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ये नया इंडिया है…चीन को दिखा रहा आंख!, अरुणाचल पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह, सीमावर्ती गांव में अहम प्रोग्राम शुरू

नई दिल्ली. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती गांव किबितू में ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ का शुभारंभ किया. मंच से सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमावर्ती गांवों के प्रति जनता का दृष्टीकोण बदला है. अब सीमावर्ती क्षेत्र में जाने वाले लोग इसे आखिरी गांव नहीं बल्कि भारत के पहले गांव के रूप में जानते हैं. सीमावर्ती क्षेत्र पीएम मोदी की प्राथमिकता है. सीमा की सुरक्षा ही राष्ट्र की सुरक्षा है, इसलिए सरकार बॉर्डर पर इनफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है. विरोधी पार्टी की 12 सरकारें बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जो काम नहीं कर सकी, वो पीएम मोदी ने 2 टर्म में ही कर लिया है.

गृहमंत्री ने कहा,’हमारी सेना और ITBP के वीर जवानों के शौर्य के कारण कोई भी हमारे देश की सीमा की तरफ आंख उठा कर नहीं देख सकता. अब वो जमाने चले गए जब कोई भी भारत की भूमि का अतिक्रमण कर सकता था. आज एक इंच जमीन पर भी कोई अतिक्रमण नहीं कर सकता. 3 चरणों में होने वाले वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के माध्यम से पूरी उत्तरी सीमा के सभी गांवों से पलायन रोकना, पर्यटन को बढ़ावा देना और शहरों जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराना सरकार का लक्ष्य है.

2967 गांवों को होगा फायदा

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2025-26 के लिए सड़क संपर्क के लिए विशेष रूप से 2500 करोड़ रुपये सहित 4800 करोड़ रुपये के केंद्रीय योगदान के साथ ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ को मंजूरी दी. यह कार्यक्रम सीमावर्ती गांवों के लोगों के जीवनस्तर में सुधार करने में मदद करेगा और उन्हें अपने मूल स्थानों पर रहने के लिए प्रोत्साहित करेगा जिससे इन गांवों से पलायन रुकेगा और सीमा की सुरक्षा भी मजबूत होगी. अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में उत्तरी सीमा से सटे 19 जिलों के 46 ब्लॉकों में 2967 गांवों की ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ के तहत व्यापक विकास के लिए पहचान की गई है.

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि1962 की लड़ाई में तत्कालीन कुमाऊं रेजीमेंट ने अदम्य साहस का परिचय दिया था. उन्होंने कहा कि आज पूरा देश निश्चिंत होकर सोता है, इसका कारण हमारे हिमवीर आईटीबीपी और सेना के जवानों का पराक्रम और उनका त्याग और बलिदान है और उन्हीं के कारण कोई हमारी सीमा की ओर आंख उठाकर देख भी नहीं सकता. उन्होंने कहा कि 13 हजार फीट की ऊंचाई पर अपने परिवारों से दूर रहकर देश की सेवा कर रहे सभी जवानों के त्याग, बलिदान, शौर्य, उत्साह और देशभक्ति प्रणामयोग्य हैं.

ये भी पढ़ें: ‘सीमा पर शांति के लिए ठीक नहीं’, गृहमंत्री अमित शाह के अरुणाचल दौरे से क्यों तिलमिलाया चीन?

उन्होंने कहा कि सभी अरूणाचलवासी जय हिंद बोलकर एक-दूसरे का अभिवादन करते हैं और इसी जज़्बे ने भारत के साथ अरूणाचल को जोड़कर रखा है. उन्होंने कहा कि 10 साल पहले यहां के गांवों से पलायन हो रहा था लेकिन अब सरकार ने इन गांवों तक विकास को पहुंचाया है.  उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के विकास के लिए भी अंतर्राष्ट्रीय सीमा के 5 किलोमीटर के दायरें में आने वाले सभी गांवों को ऑलवैदर रोड्स से जोड़ा है, 1859 किलोमीटर लंबे अरुणाचल फ्रंटियर हाइवे का काम शुरू हो गया है और पिछले कुछ सालों में सीमावर्ती क्षेत्रों में 2500 किलोमीटर सड़कों का निर्माण करके 252 बस्तियों को जोड़ा गया है. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने अरुणाचल सरकार को 44 हजार करोड़ रुपये इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए दिया है. उन्होंने कहा कि डिजिटल संपर्क के क्षेत्र में भी 684 गांवों में 4जी कनेक्टिविटी पहुंच चुकी है औरलगभग 1327 सीमावर्ती गांवों का विद्युतीकरण किया जा चुका है.

Tags: Amit shah, Arunachal pradesh, BJP


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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