अंतिम दिनों में माता को ओढ़ाई 11 मीटर चुनरी | In the last days, the mother was covered with 11 meter chunri

बड़वानी33 मिनट पहले
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बड़वानी मुख्यालय से सटे राजघाट क्षेत्र में मां नर्मदा के जन्म उत्सव भक्तिभाव और धूमधाम से मनाया जा रहा है। जन्मोत्सव के अवसर पर मां नर्मदा भक्तों द्वारा प्रतिदिन विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन किए जा रहे हैं। इसी के तहत 26 से 28 जनवरी तक नर्मदा पुराण का वाचन पंडित अमित शर्मा के मुखारबिंद से श्रद्धालुओं को श्रवण प्रतिदिन दोपहर 12 से 4 बजे तक चल रही है। वहीं, 28 जनवरी सुबह 10 बजे चुनरी यात्रा निकाली गई। दोपहर 12 बजे से माता जी का विशाल भंडारा प्रारंभ हुआ। देर शाम तक चलता रहा वहीं 5 बजे से मां नर्मदा की पालकी यात्रा का आयोजन कर मां नर्मदा की महाआरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
स्कंद पुराण से अवतरीत मां नर्मदा पुराण
आयोजन के पहले दिन नर्मदा पुराण हुआ, जिसमें बताया कि मां नर्मदा पुराण अंतर्गत भगवान शिव ने जगत कल्याण के लिए नर्मदा की उत्पत्ति अमरकंठ में हुई और सारे विश्व में एक मात्र नर्मदा ही है, जिसकी परिक्रमा की जाती है। जो शिव भक्ति प्रदान करती है। 3 दिवसीय नर्मदा पुराण में आज हमारी परिक्रमा जो मानसिक रूप से आरंभ हुई है। रोहीनणी तीर्थ के परिक्रमा वासी आज की परिक्रमा होशंगाबाद (नर्मदापुरम) तक सबसे बड़ा पुराण है। स्कंध पुराण में 21 कलशों की कथा आई है और नर्मदा के दोनों तटाों को तीर्थ कहकर ही पूजा जाता है। परिक्रमा विधान में जहां से परिक्रमा आरंभ होती है, वहीं पर समाप्त होती है। इस दौरान संजय पुरोहित महेंद्र दरबार अजय सिंह ठाकुर कनक दरबार मुन्ना केवट दिनेश केवट प्रेम दरबार घीसा लाल वर्मा देवेंद्र दरबार सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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