चश्मा बेचने वाले एक शख्स ने 16 करोड़ लोगों को कराया 6500 करोड़ रुपये का फायदा – News18 हिंदी

नई दिल्ली. लोन मोरेटोरियम, यह वो शब्द है जिससे आज लोन चुकाने वाला हर शख्स वाकिफ है. लोन मोरेटोरियम पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) के आदेश के बाद सरकार की ओर से उठाए कदमों से आम लोगों को बड़ी राहत मिली है. लेकिन यह बात शायद बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि देश के इस बड़े मामले के पीछे चश्मा बेचने वाला एक शख्स है. यूपी के आगरा में चश्मे की दुकान चलाने वाले गजेंद्र शर्मा की याचिका पर ही सुप्रीम कोर्ट ने लोन मोरेटोरियम पर यह आदेश दिया है. खास बात यह है कि देश के करीब 16 करोड़ लोग जिन्होंने 2 करोड़ से कम का लोन लिया है. केंद्र सरकार ने ऐसे लोगों को राहत देने के लिए 6500 करोड़ रुपये का फंड निर्धारित किया है. आपको बता दें कि कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में कहा था कि आम आदमी की दिवाली कैसी होगी, यह सरकार के हाथ में है. कोर्ट ने सरकार को यह भी कहा था कि वह सर्कुलर जारी करने के मामले में देरी न करे और इसे जल्दी जारी करे. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकार ब्याज माफी के निर्णय को जल्द लागू करे.
आइए जानें उनके बारे में…
गजेंद्र शर्मा आगरा की संजय प्लेस मार्केट में चश्मे की दुकान चलाते हैं. वह यहां नज़र के और सन ग्लास बेचते हैं, लेकिन इसके साथ ही उनकी एक पहचान समाजसेवी के रूप में भी है. न्यूज18 हिंदी के साथ खास बातचीत में गजेंद्र शर्मा ने बताया कि मुझे खबरें पढ़ने और सुनने की आदत है. इसी के चलते लॉकडाउन के दौरान पता चला कि जो लोन की किश्त नहीं भरेगा तो उसे बाद में ब्याज के साथ जमा करनी होगी. इसमें भी लेट हो गए तो ब्याज पर भी ब्याज लगेगा. बस यहीं से ठान लिया कि इस मामले में खुद भी राहत लूंगा और दूसरों को भी दिलाने की कोशिश करूंगा.
लॉकडाउन में लोन न चुका पाना नाकामी नहीं मजबूरी थी- गजेन्द्र शर्मा कहते हैं, लॉकडाउन के दौरान हम अपने लोन की किश्त नहीं दे पा रहे थे. लेकिन यह हमारी नाकामी नहीं थी, यह तो लॉकडाउन के दौरान दुकान-कारोबार बंद होने की वजह से मजबूरी थी. जब धंधा ही नहीं है तो किश्त जमा करने के लिए पैसे कहां से लांए. अब जब हमारी नाकामी नहीं है तो खामियाजा हम क्यों भुगतें. इन्हीं सब सवाल-जवाब के चलते मैंने अपने एडवोकेट बेटे से सलाह-मश्विरा किया और वकीलों से मिलकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी. असल में यह मामला था राइट टू लिव का. इसी को आधार बनाकर हमने याचिका दाखिल की. हम नेक काम करने जा रहे थे और करोड़ों लोगों की दुआएं साथ थीं.
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सरकार देगी ब्याज पर ब्याज की रकम- वित्त मामलों के जानकार बताते हैं कि लॉकडाउन के 6 महीनों के दौरान जो भी ऐसे मामले होंगे जहां ब्याज पर ब्याज लगेगी तो ऐसे ब्याज को केन्द्र सरकार चुकाएगी. और इससे केन्द्र सरकार पर करीब 6500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. वहीं 2 करोड़ से नीचे के करीब 16 करोड़ लोन धारकों को इसका फायदा मिलेगा.
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Tags: Bank Loan, Housing loan, Loan moratorium, Loan waiver, Supreme court on loan moratorium
FIRST PUBLISHED : October 28, 2020, 15:00 IST
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