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फटेहाल पाकिस्तान को IMF से भी तगड़ा झटका! जानें क्यों नहीं मिल सका लोन

इस्लामाबाद. पाकिस्तान इस समय बेजा आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. कंगाल होते इस मुल्क के सियासी आकाओं ने दुनियाभर के देशों से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है. इसके बाद भी यहां के हालात बदतर बने हुए हैं. पाकिस्तान को ताजा झटका आईएमएफ से लगा है. आईएमएफ ने पाकिस्तान के उस दावे को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की सभी शर्तों को पूरा करने का दावा किया था. इसके बाद अब पाकिस्तान को आईएमएफ से भी लोन मिलने में मुश्किल खड़ी हो गई है.

गौरतलब है कि पाकिस्तान बीते कुछ वक्त से लगातार पैसों की कमी से जूझ रहा है. आईएमएफ ने पाकिस्तान को कुछ शर्तों पर छह अरब डॉलर देने के लिए 2019 में समझौता किया था. यह योजना कई बार बेपटरी हुई और पूरा भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है. इसके पीछे वजह यह है कि आईएमएफ चाहता है कि पाकिस्तान सभी शर्तों का पालन करे. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और वित्त मंत्री इशाक दार ने बार-बार दावा किया है कि समझौते पर पहुंचने के लिए पाकिस्तान ने सभी शर्तें पूरी कर ली हैं और समझौते से पीछे हटने का कोई कारण नहीं है.

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के मुताबिक उसके पास आईएमएफ की ओर से शुक्रवार को एक बयान आया है. इसमें उसने नौवीं समीक्षा के लिए जरूरी सभी औपचारिकताएं पूरी करने के अगला पाकिस्तान सरकार के दावे को खारिज कर दिया गया है. पाकिस्तान को आईएमएफ द्वारा मंजूर की गई कर्ज की रकम की पहली किश्त अभी तक अटकी हुई है. आईएमएफ द्वारा 2019 में पाकिस्तान के लिए तय बेलआउट प्रोग्राम जून में पूरा हो जाएगा। अगर तब तक कर्ज की किस्तें जारी नहीं हुईं, तो इस प्रोग्राम का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा.

बताया गया है कि नौवीं बैठक में आईएमएफ ने पाकिस्तान के सामने कुछ कड़ी शर्तें रख दीं और इसको लेकर विवाद होने लगा. इस बैठक के सवाल पर आईएमएफ के पाकिस्तान मिशन चीफ नाथन पोर्टरका कहना है कि समीक्षा प्रक्रिया चल रही है. इस बीच खबरें यह भी आ रही हैं कि आईएमएफ ने पाकिस्तान सरकार से कहा है कि वह पहले वित्त वर्ष 2023-24 के प्रस्तावित बजट पर उससे चर्चा करें.

Tags: IMF, Pakistan, Shahbaz Sharif, World news


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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