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बमोरी इलाके के पथरिया गांव से एक परिवार के पांच सदस्यों का रेस्क्यू कराया गया।
जिले में मंगलवार को हुई मूसलाधार बारिश के बाद बुधवार का दिन राहत भरा रहा। बुधवार को तेज बारिश नहीं हुई। हालांकि, मंगलवार की बारिश ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया। बाढ़ के हालात अपने पीछे बर्बादी के निशान छोड़ गए। जिन घरों, दुकानों में पानी घुसा था, बुध
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बता दें कि बुधवार को शहर में 10 मिमी बारिश दर्ज की गई। दिन में तेज बारिश तो नहीं हुई, हालांकि दिन भर फुहार चलती रही। मंगलवार की बाढ़ के बाद बुधवार सुबह तक शहर के ज्यादातर हिस्से में पानी उतर गया। हालांकि, वो अपने पीछे बर्बादी ने निशान छोड़ गया। प्रशासन सहित जनप्रतिनिधियों ने भी अपने अपने क्षेत्रों का जायजा लिया।
शास्त्री पुल की रेलिंग टूटी बुधवार सुबह शहर के बीच से गुजरी नदी का पानी उतर गया। मंगलवार को इस नदी पर पुरानी गल्ला मंडी के पास बना शास्त्री पुल पूरी तरह डूब गया था। सुबह जब पानी उतरा तो उसकी रेलिंग गायब दिखाई दी। पानी के तेज बहाव ने रेलिंग को तोड़ दिया। इस कारण पुल पर सुरक्षा के लिए कुछ नहीं बचा। पुल के किनारे लगे पाइप भी उखड़कर पुल पर आ गए। यहां अपने ठेले लगाकर व्यापार करने वाले दुकानदारों ने बुधवार को अपने ठेले नहीं लगाए।

शास्त्री पुल की रेलिंग टूट गई।
न्यूसिटी कॉलोनी में घरों में एक फीट तक कीचड़
बता दें कि मंगलवार की बारिश के बाद सबसे ज्यादा हालात न्यू सिटी कॉलोनी, भगत सिंह कॉलोनी, नानाखेड़ी इलाके में हुए थे। न्यू सिटी कॉलोनी में कई घरों की एक मंजिल तक पानी में डूब गई थी। कई घरों में पांच से दस फीट तक पानी भर गया था। बुधवार सुबह जब पानी उतरा, तब और ज्यादा हालात खराब नजर आए। घरों में एक फीट तक कीचड़ और मिट्टी जम गई थी। नागरिक अपने घरों की सफाई करते हुए दिखे। हालांकि, कुछ दुकानों में भी कीचड़ भर गया है। बुधवार को भी बारिश की आशंका के बीच दुकानदारों ने दुकान नहीं खोली।

कई घरों में एक फीट तक कीचड़ भर गया।

दुकानों में कई फीट तक पानी भर गया।
बमोरी में चलता रहा रेस्क्यू
उधर बमोरी इलाके में कलोरा डैम के फूटने की आशंका के बीच सेना बुलाई गई थी। झांसी के बबीना से सेना की एक टुकड़ी गुना पहुंची। टीम को बमोरी भेजा गया। हालांकि, बुधवार को बारिश न होने से डैम का जलस्तर कम होता रहा। इससे डैम के टूटने की आशंका कम हो गई। एहतियात के तौर पर दिन भर सेना की टीम बमोरी में कैंप किए रही।
हालांकि, कुछ इलाकों में नागरिक फंस गए। सेन बोर्ड चौराहे के पास स्थित पथरिया गांव में एक परिवार अपने खेत पर बने घर में फंस गया। उनके खेत के दोनों तरफ से नाला होने के कारण वह बीच में फंस गए थे। SDERF की टीम ने उनका रेस्क्यू किया। टीम ने खेत पर फंसे हरपाल सिंह(45), अरिजीत सिंह कौर(40), बलवीर सिंह(20), बलजीत कौर(18) और हरपाल सिंह की 80 वर्षीय सास का नाव से रेस्क्यू किया।

पथरिया गांव में SDERF की टीम ने रेस्क्यू किया।
डिलीवरी कराने पहुंची स्वास्थ्य कार्यकर्ता
बमोरी विकास खंड के सुहाया गांव के सुरेश लोधा ने रात 10:15 बजे स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी उनकी पत्नी को तीव्र प्रसव पीड़ा हो रही है। बारिश के कारण सभी रास्ते अवरुद्ध हैं, जिससे स्वास्थ्य केंद्र तक पहुँचना असंभव है। कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल के निर्देशानुसार तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू की गई। मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ लक्ष्मी कुमार ने लेवल-1 डिलीवरी प्वाइंट झागर की महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता रानी साहू को पीड़िता के घर जाकर परीक्षण एवं सहायता के लिए निर्देशित किया।
महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने मौके पर पहुंचकर आवश्यक परीक्षण किए और रात 11:45 बजे राधाबाई, पत्नी सुरेश लोधा ने एक स्वस्थ शिशु (वजन 2.5 किलोग्राम) को जन्म दिया। जच्चा-बच्चा दोनों पूरी तरह से स्वस्थ हैं। विशेष बात यह रही राधाबाई की उम्र 35 वर्ष से अधिक है और यह उनका दूसरा प्रसव था, जो कि दस वर्षों के अंतराल के बाद हुआ। ऐसी परिस्थितियों में घर पर सुरक्षित प्रसव कराना एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने बारिश के बीच गांव में पहुंचकर प्रसव कराया।
जिले में 107% बारिश हुई
जिले में 1 जून से अब तक 1125.5 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। यह सामान्य बारिश का 106.8 प्रतिशत है। जिले में पिछले वर्ष इसी अवधि में 474.4 औसत वर्षा दर्ज की गई थी। जिले की वर्षा ऋतु में सामान्य औसत वर्षा 1053.5 मिलीमीटर है। अधीक्षक भू-अभिलेख द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 1 जून से 30 जुलाई तक जिले के वर्षामापी केन्द्र गुना में 1479.5 मिलीमीटर, बमौरी में 1299, आरोन में 861, राघौगढ़ में 970, चांचौड़ा में 1056, कुम्भराज में 1038 और वर्षा मापी केन्द्र मक्सूदनगढ़ में 1183.6 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।

बमोरी इलाके में कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं।
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