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Today in Indore, daughter will donate liver to father | इंदौर में लिवर देकर पिता को नई जिंदगी देगी बेटी: आज होगा लिवर ट्रांसप्लांट, पिता की सेवा के लिए नेहा ने छोड़ा अपना व्यवसाय – Indore News

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इंदौर के एक निजी अस्पताल में बुधवार को लिवर ट्रांसप्लांट किया जाएगा, जिसमें 55 वर्षीय पिता राजेंद्र जैन के लिए उनकी अविवाहित बेटी नेहा लिवर का हिस्सा डोनेट करेगी। जैन ने देश के कई बड़े अस्पतालों में इलाज कराया, लेकिन सुधार नहीं हुआ। कुछ समय पहले डॉक्ट

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मुश्किल की इस घड़ी में बेटी नेहा ने आगे बढ़कर पिता की जिंदगी बचाने का फैसला लिया। करीबी लोगों के मुताबिक नेहा ने मेहनत से खुद का व्यवसाय खड़ा किया और सफलता पाने के बाद वह अब अपने पिता की सेवा में जुटी है। डॉक्टरों ने परिवार को बताया कि खून के रिश्ते में ऑर्गन डोनेशन ज्यादा उपयुक्त होता है। नेहा ने बिना हिचक मंजूरी दी और बुधवार को डॉक्टरों की टीम उसके लिवर का कुछ हिस्सा लेकर ट्रांसप्लांट करेगी।

काउसलिंग के बाद जांचें हुईं पूरी

डॉक्टरों की टीम ने पिता-पुत्री सहित परिवार की काउंसलिंग की। उसकी सहमति के बाद पिछले दिनों पिता-पुत्री की ट्रांसप्लांट संबंधी कई जांचें हुईं। इसमें सारे पैरामीटर्स सही पाए जाने पर लीगल प्रोसेस पूरी की गई। इसके बाद बुधवार सुबह ट्रांसप्लांट प्लान किया गया है। ट्रांसप्लांट की प्रोसेस में कई घंटे लगेंगे। इसके बाद दोनों को आईसीयू में शिफ्ट करने के बाद करीब 10 दिनों तक लगातार मॉनिटरिंग की जाएगी।

इनकंपेटिबल प्रोसेस से ट्रांसप्लांट होगा लिवर

जानकारी के मुताबिक लिवर ABO इनकंपेटिबल प्रोसेस से ट्रांसप्लांट होगा। इसमें हैदराबाद के लिवर ट्रांसप्लांट एक्सपर्टस भी शामिल रहेंगे। हालांकि इस केस में अभी परिजन और डॉक्टर्स का कहना है कि वे कुछ दिनों बाद मीडिया से केस हिस्ट्री और ट्रांसप्लांट को लेकर पूरी जानकारी साझा करेंगे। बता दें कि यह जटिल प्रक्रिया है। इसमें पेशेंट के खून को दवा और मशीन द्वारा ट्रांसप्लांट के लिए तैयार किया जाता है।

500 से ज्यादा बॉडी फंक्शन्स जुड़े हैं लिवर से

हेल्थ जरनल जॉन हॉपकिन्स मेडिसिन के मुताबिक लिवर हमारे शरीर में ज्यादातर केमिकल्स के लेवल को कंट्रोल करता है। यह पित्त बनाता है, जो फैट को पचाता है और अपशिष्ट बाहर निकालता है। पेट और आंतों से गुजरने वाला सारा ब्लड लिवर से होकर गुजरता है। लिवर इस खून को फिल्टर करता है और इसे संतुलित बनाता है।

खराब लाइफ स्टाइल के कारण खराब होता है लिवर

यह खाने से पोषक तत्व अवशोषित करता है। जो न्यूट्रिएंट्स शरीर के काम के हैं, उन्हें शरीर के जरूरी हिस्से तक भेज देता है। बाकी बचे पोषक तत्वों को स्टोर कर लेता है। ऐसे छोटे-बड़े 500 कामों की जिम्मेदारी अकेला लिवर संभालता है। हमारी दिनचर्या और खानपान इसे अक्सर नुकसान ही पहुंचा रहे होते हैं।

लिवर के पास खुद को रि-जेनरेट करने की क्षमता

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की एक रिपोर्ट के मुताबिक लिवर के पास खुद को रि-जेनरेट करने की क्षमता होती है। यह 90% तक डैमेज होने के बाद भी अपने मूल स्वरूप में लौट सकता है। उसमें भी कमाल की बात यह है कि अगर इसे मन मुताबिक कंडिशन मिल जाए तो इसे खुद को रि-जेनरेट करने में मात्र 3 से 4 हफ्ते का समय लगता है।

इंदौर में पिछले साल नाबालिग बेटी ने पिता को किया था लिवर डोनेट

शिवनारायण बाथम और लिवर डोनेट करने वाली बेटी प्रीति ।

शिवनारायण बाथम और लिवर डोनेट करने वाली बेटी प्रीति ।

इंदौर में पिछले साल इंदौर के शिवनारायण बाथम (42) का लिवर फेल हो गया था। उनकी कंडिशन काफी क्रिटिकल थी। डोनर नहीं मिलने पर नाबालिग बेटी प्रीति ने कहा था कि वह पिता को लिवर देना चाहती है। उसकी उम्र 18 साल से दो महीने कम होने के चलते डॉक्टरों ने ट्रांसप्लांट में कानूनी अड़चन बता दी थी। इस पर नाबालिग ने 13 जून 2024 को हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में याचिका दायर की थी। सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने लिवर डोनेट करने की मंजूरी दी थी। फिर प्रीति ने लिवर का हिस्सा डोनेट किया था। सफल सर्जरी के बाद दोनों को आईसीयू में रखा गया था। पिता को लिवर डोनेट करने वाली प्रीति प्रदेश की पहली नाबालिग डोनर है।

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