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कैसे डिफेंस मार्केट ने पकड़ी रफ्तार?
अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा हथियार उत्पादक और निर्यातक है, फ्रांस भी कोई कम नहीं है. अब ये दोनों देश भारत के साथ रक्षा सहयोग और उत्पाद के अलावा डिफेंस प्रोडक्ट भारत से खरीद रहे हैं. साल 2023-2024 में अमेरिका, फ्रांस और अर्मेनिया सबसे ज्यादा खरीद करने वाले देश थे. भारत कुल 100 से ज्यादा देशों को आज सैन्य उपकरण और बाकी साजो-सामान बेच रहा है. दुनिया के तमाम हथियार निर्माता देश भारत के साथ जुड़ने की कोशिशों में जुटे हैं. रक्षा मंत्रालय की तरफ से वित्तीय वर्ष 2023-2024 के आंकड़े जारी किए गए थे. रिपोर्ट में कहा गया था कि साल 2004 से 2014 तक जो एक्सपोर्ट मात्र 4,312 करोड़ का हुआ करता था, वह 2014-2024 में बढ़कर 88,319 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. देश में रक्षा उत्पादन पिछले 10 साल में 174 फीसदी बढ़ गया है. साल 2014-15 में जो डिफेंस प्रोडक्शन महज 46,429 करोड़ का था, वह साल 2023-24 में बढ़कर 1,27,265 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. 3 लाख करोड़ के रक्षा उत्पादन का टारगेट साल 2029 तक का रखा गया है.
भारत की रफ्तार इतनी तेज हो गई कि अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट 23,622 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट पिछले साल के मुकाबले 12.04 प्रतिशत बढ़ा है. साल 2023-2024 में डिफेंस एक्सपोर्ट 21,083 करोड़ रुपये था, जिसमें 2,539 करोड़ का इजाफा हुआ है.
2029 तक छूना है 50,000 करोड़ का आंकड़ा
भारत के डिफेंस एक्सपोर्ट को 23,622 करोड़ रुपये से बढ़ाते हुए 2029 तक 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. अपनी जरूरतों को देश में बने हथियारों से पूरा कर रहा है. रक्षा मंत्रालय ने पॉजिटिव इंडिजिनाइजेशन लिस्ट के तहत कई हजार तरह के हथियार, उपकरण और स्पेयर पार्ट्स के इंपोर्ट पर बैन लगा दिया है. दूसरे देशों से हथियारों की खरीद करने के बजाय आज दुनिया को हथियार एक्सपोर्ट कर रहा है. DPSU और प्राइवेट कंपनियों ने साल 2024-2025 में जबरदस्त प्रदर्शन किया. कुल एक्सपोर्ट का 8,389 करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट DPSU ने किया जबकि प्राइवेट कंपनियों ने 15,233 करोड़ रुपये अपनी झोली में डाले. वित्तीय वर्ष 2023-2024 में यह आंकड़ा 5,874 और 15,209 करोड़ रुपये था. DPSU डिफेंस एक्सपोर्ट में पिछली बार के मुकाबले 42.85 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. सरकार ने साल 2029 तक एक्सपोर्ट के आंकड़े को 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का टारगेट रखा.
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