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सीधी जिले के कुबरी गांव में अदिति स्कूल में राष्ट्रध्वज के अपमान का मामला सामने आया है। स्कूल प्रबंधन ने करीब दो महीनों से स्कूल की बाउंड्री पर तिरंगा स्थायी रूप से लगाया था। ये भारतीय ध्वज संहिता का उल्लंघन है।
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बच्चों ने बताया कि अप्रैल में स्कूल खुलने के बाद से यह ध्वज वहीं लगा है और इसे कभी उतारा नहीं गया। यह दर्शाता है कि स्कूल संचालकों को या तो राष्ट्रध्वज से जुड़े नियमों की जानकारी नहीं है या वे जानबूझकर इनकी अनदेखी कर रहे हैं।
भारतीय ध्वज संहिता के नियम क्या कहते हैं?
भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज सिर्फ सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही फहराया जा सकता है। ध्वज की प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए निर्धारित स्थानों और तरीकों का पालन करना आवश्यक है। इसे कभी भी पुराने या फटे हुए रूप में प्रदर्शित नहीं किया जा सकता।
स्थानीय लोगों ने इस मुद्दे पर कई बार अधिकारियों से शिकायत की है। लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। लोगों का कहना है कि यह राष्ट्रध्वज का सार्वजनिक अपमान है और प्रशासन की निष्क्रियता इस लापरवाही को बढ़ावा दे रही है।

पूरा मामला कुबरी गांव में अदिति स्कूल का है।
स्कूल संचालक बोले- अन्य झंडे कम थे, इसलिए तिरंगा लगा दिया
स्कूल संचालक श्रवण मिश्रा से बात की गई, तो उन्होंने कहा, “मेरे पास ध्वज की कमी हो रही थी, इसीलिए मैंने यही ध्वज लगवा दिया है। इसमें गलत क्या है? यह भी तो एक झंडा है।” यह बयान स्कूल प्रबंधन की राष्ट्रध्वज के प्रति गंभीरता पर सवाल खड़ा करता है।
डीपीसी बोले- टीचर्स को मौके पर भेजा है
डीपीसी राजेश तिवारी से बात की गई तो उन्होंने कहा, “मुझे इस विषय की जानकारी अभी हुई है। हमने बीआरसी और अन्य शिक्षक को मौके में भेजा था और उसकी रिपोर्ट 3 दिन में देने के लिए बोला है। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
एसडीएम ने कहा- जांच कर कार्रवाई करेंगे
वहीं एसडीएम निलेश शर्मा ने जवाब में कहा की राष्ट्रध्वज का अगर सच में किसी ने अपमान किया है, तो यह है चिंता का विषय है। हम इसके बारे में विधिवत है जांच करवाएंगे और कार्रवाई की जाएगी।


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