Home देश/विदेश Pahalgam Attack: पहलगाम आतंकी हमले पर किसने भारत का समर्थन किया? बीजेपी...

Pahalgam Attack: पहलगाम आतंकी हमले पर किसने भारत का समर्थन किया? बीजेपी ने सबूतों के साथ राहुल गांधी के झूठ का किया पर्दाफाश

43
0

[ad_1]

नई दिल्ली. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को राहुल गांधी पर पाकिस्तान का विमर्श आगे बढ़ाने का आरोप लगाया. राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि पहलगाम हमले के बाद किसी भी देश ने भारत का समर्थन नहीं किया जबकि सत्तारूढ़ दल का दावा है कि 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद सभ्य दुनिया भारत के साथ खड़ी थी.

भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “पहलगाम आतंकी हमले के बाद राहुल गांधी ने पूछा: ‘किसने समर्थन किया हमें?’ वे लगातार पाकिस्तान की घिसी-पिटी रट दोहराते रहते हैं कि भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर अकेला पड़ गया है. आइए इस झूठ को पूरी तरह उजागर करें.”

उन्होंने कहा, “पहलगाम हमले के बाद पूरी सभ्य दुनिया भारत के साथ खड़ी थी. वॉशिंगटन से टोक्यो तक, पेरिस से कैनबरा तक, देशों ने इस कायराना हमले की एक स्वर में निंदा की और भारत के आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष को बिना किसी झिझक के समर्थन दिया.” उन्होंने दावा किया कि कोई भी देश पाकिस्तान की भाषा नहीं बोलता और गांधी को छोड़कर पूरी दुनिया भारत के साथ खड़ी है. गांधी सरकार पर उसकी विदेश नीति को लेकर निशाना साधते रहे हैं.

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष गांधी ने हाल ही में कहा था, “एक तरफ आप (सरकार) कहते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर जारी है और दूसरी तरफ आप कहते हैं कि जीत हासिल हो गई है. या तो जीत हासिल हो गई है या (ऑपरेशन) सिंदूर जारी है. (अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड) ट्रंप कह रहे हैं कि मैंने (ऑपरेशन)सिंदूर रोक दिया, वह यह 25 बार कह चुके हैं. इसलिए, कुछ न कुछ तो दाल में काला है.”

राहुल गांधी ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत द्वारा संपर्क किये जाने के एक सवाल पर कहा, “उन्होंने (सरकार ने) हमारी विदेश नीति को नष्ट कर दिया है, किसी ने हमारा समर्थन नहीं किया.” नेता प्रतिपक्ष के दावे पर पलटवार करते हुए मालवीय ने कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका ने इसे ‘घृणित’ हमला बताया और आतंकवाद विरोधी सहयोग को पूरी तरह दोहराया. ट्रंप प्रशासन ने द रेजिस्टेंस फ्रंट (लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन) को आतंकवादी संगठन घोषित किया. यह भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत है.”

उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा गांधी पर यह हमला ऐसे समय में किया गया है, जब एक दिन बाद ही संसद में पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होने वाली है, जिसमें प्रमुख मंत्री और विपक्षी नेता अपनी बात रखेंगे.

मालवीय ने कहा, “फ्रांस ने बिना किसी शर्त के समर्थन दिया. राष्ट्रपति (इमैन्युएल) मैक्रों ने हमले की कड़ी निंदा की, ठीक वैसे ही जैसे पुलवामा के समय की थी. रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने स्वयं प्रधानमंत्री मोदी को फोन कर संवेदना प्रकट की और एकजुटता का आश्वासन दिया. मॉस्को अब भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत विरोधी प्रस्तावों को रोकता आ रहा है.”

उन्होंने कहा कि ब्रिटेन ने जी7 के साथ मिलकर इसे ‘शांति और मानवता पर हमला’ बताया. संदेश स्पष्ट और एकजुट था. भाजपा नेता ने कहा कि यहां तक कि चीन ने भी अपनी पारंपरिक कूटनीतिक चालबाज़ी के बावजूद ‘चौंकाने वाला’ और ‘गंभीर रूप से निंदनीय’ कहकर हमला किया. हालांकि बीजिंग ने पाकिस्तान की ‘चिंताओं’ का जिक्र कर कूटनीतिक संतुलन साधने की कोशिश की, लेकिन उसने पाकिस्तान का झूठा प्रचार दोहराने की हिम्मत नहीं की.

मालवीय ने कहा कि यूएनएससी के पांच स्थायी देश अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और यहां तक कि चीन ने या तो भारत का पूर्ण समर्थन किया या तटस्थ रहे. किसी एक भी देश ने भारत को दोष नहीं दिया. किसी ने नहीं कहा ‘दोनों पक्ष दोषी हैं’. उन्होंने कहा कि फिर भी राहुल गांधी इसे “अंतरराष्ट्रीय अलगाव” कहते हैं? मालवीय ने विभिन्न देशों की ओर से एकजुटता प्रकट करने का जिक्र करते हुए कहा कि यहां तक कि वे देश जो अक्सर तटस्थ रहते हैं जैसे ईरान, फिलिस्तीन, और कई अरब राष्ट्र सऊदी अरब, (संयुक्त अरब अमीरात) यूएई, मिस्र, जॉर्डन ने भी भारत का खुला समर्थन किया.

उन्होंने कहा कि दक्षिण एशियाई पड़ोसी श्रीलंका, नेपाल, भूटान, मॉरीशस हमारे साथ खड़े रहे. दक्षिण-पूर्व एशियाई देश इंडोनेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम हमारे साथ एकजुट थे. मालवीय ने कहा कि यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने इसे ‘कायरतापूर्ण और अमानवीय’ कहा और जवाबदेही की मांग की.

उन्होंने कहा कि किसी ने पाकिस्तान की भाषा नहीं बोली, किसी ने भारत के जवाब देने के अधिकार पर सवाल नहीं उठाया. मालवीय ने आरोप लगाया, “लेकिन राहुल गांधी जो सच्चाई से कटे हुए हैं और केवल अपनी प्रतिध्वनि मंडली के प्रति वफादार हैं. वह पूछते हैं, किसने समर्थन किया? जवाब साफ है, पूरी दुनिया ने किया. सिवाय उनके.”

भाजपा नेता ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी ने लंदन में खड़े होकर कहा था कि भारतीय लोकतंत्र मर चुका है. गलवान संघर्ष के दौरान उन्होंने चीन की भाषा दोहराई. बालाकोट स्ट्राइक पर उन्होंने विदेश में खड़े होकर सवाल उठाया. मालवीय ने कहा कि वे भारत के साथ नहीं खड़े हुए. वे पाकिस्तान की इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन (प्रोपेगंडा मशीन) की भाषा बोलते रहे हैं.

उन्होंने कहा कि आज का भारत सम्मान की मुद्रा में है, वॉशिंगटन से लेकर मास्को तक, बीजिंग से ब्रासीलिया तक. हम दुनिया से दया नहीं मांगते. हम ‘ग्लोबल साउथ’ का नेतृत्व करते हैं, हिंद-प्रशांत को दिशा देते हैं, और वैश्विक विमर्श तय करते हैं. मालवीय ने कहा, “हमने पाकिस्तान प्रायोजित आतंक को पहले भी कुचला है. फिर करेंगे. जब चाहें, जहां चाहें, जैसे चाहें.”

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here