[ad_1]
तस्करी का आरोपी आरक्षक राजेंद्र सिंह।
नीमच में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहां नशे के खिलाफ लड़ने वाली पुलिस का ही एक जवान नशीले पदार्थों की तस्करी में पकड़ा गया है। नारायणगढ़ थाना क्षेत्र की बूढ़ा चौकी पुलिस ने शनिवार रात एक नीमच पुलिस लाइन में पदस्थ आरक्षक को 30 किलो डोडाचूरा क
.
बूढ़ा चौकी प्रभारी शुभम व्यास के अनुसार, पुलिस को लंबे समय से एक संदिग्ध कार की गतिविधियों की सूचना मिल रही थी। मुखबिर की सूचना पर पर शनिवार रात करीब 2 बजे बूढ़ा और मुंजाखेड़ी मार्ग के बीच नाकाबंदी की गई।
इस दौरान एक कार (एमपी 44 सीसी 5597) को रोका गया। कार में दो व्यक्ति सवार थे और तलाशी लेने पर कट्टों में भरा 30 किलो डोडाचूरा बरामद हुआ। जांच में पता चला कि कार में सवार एक व्यक्ति राजेन्द्रसिंह पिता बलवंत सिंह सौंधिया (35 वर्ष), निवासी भांगी पिपलिया, नीमच पुलिस लाइन में पदस्थ आरक्षक है।
उसके साथ कार में बैठा दूसरा व्यक्ति भगत सिंह पिता रण सिंह सौंधिया, निवासी चौथखेड़ी, उसका चचेरा भाई निकला। आरोपी आरक्षक ड्यूटी के दौरान ही नशीले पदार्थों की तस्करी में संलिप्त था।

आरोपी आरक्षक राजेंद्र सिंह।
ड्यूटी से गायब भी था पुलिसवाला
जानकारी में सामने आया कि मनासा से लाइन हाजिर होने के बाद राजेंद्र सिंह पिछले कुछ समय से जिला अस्पताल नीमच में चौकी गार्ड ड्यूटी पर तैनात था, लेकिन तीन दिन पूर्व से बिना सूचना के ड्यूटी से गैर हाजिर था और इसी दौरान वह तस्करी में संलिप्त मिला।
पहले भी कई मामलों में नाम आया सामने
राजेंद्र सिंह पर पहले भी अनुशासनहीनता के आरोप थे। पहले वह मनासा थाने में पदस्थ था, लेकिन वहां विभागीय कार्रवाई के चलते उसे लाइन अटैच किया गया था। उसके खिलाफ मारपीट का प्रकरण भी दर्ज है, जिसकी जांच अभी जारी है। साथ ही उसके रिश्तेदारों पर भी एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत प्रकरण दर्ज हो चुके हैं।
दो दिन रिमांड पर
नारायणगढ़ टीआई अनिल रघुवंशी ने बताया कि डोडाचूरा और कार को जब्त करने के बाद शनिवार को आरोपी को एनडीपीएस एक्ट कोर्ट मंदसौर पेश किया गया, जिसे दो दिन पुलिस रिमाण्ड पर सौंपने के आदेश हुए है। आरोपी डोडाचूरा कहां से लाया था तथा किसे देने जा रहा था। इस संबंध में पूछताछ की जाएगी।
तुरंत निलंबन, जांच के आदेश
मामले की गंभीरता को देखते हुए नीमच पुलिस अधीक्षक अंकित जायसवाल ने राजेंद्र सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय जांच के निर्देश दिए हैं। एसपी जायसवाल ने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में जिन पुलिसकर्मियों पर संदेह या विभागीय जांचें लंबित हैं, उन्हें लाइन अटैच किया गया था। राजेंद्र सिंह को लाइन अटैच किया था।
एसडीओपी ने कहा कि गहराई से हो रही जांच
एसडीओपी मल्हारगढ़ नरेंद्र सोलंकी ने कहा कि यह मामला अत्यंत गंभीर है। आरोपियों से यह जानने की कोशिश की जा रही है कि मादक पदार्थ कहां से लाए गए और इसे कहां सप्लाई होना है। इनके पीछे कोई बड़ा गिरोह सक्रिय तो नही है।
दो वर्ष पूर्व भी बर्खास्त हुआ था आरक्षक
यह कोई पहली घटना नहीं है जब खाकी वर्दीधारी ही अपराध में संलिप्त पाया गया हो। 27-28 मई 2023 को भी बूढ़ा चौकी क्षेत्र में चोरी की बोलेरो को छुड़वाने के प्रयास में एक आरक्षक देवेंद्र सिंह को बर्खास्त किया गया था। उसने भी पुलिस का स्टीकर लगी गाड़ी को छुड़ाने के लिए चौकी प्रभारी को कॉल कर दबाव बनाया था। मामला मीडिया में आने के बाद एसपी ने मामले की जांच कराई और उसे बर्खास्त किया था।
[ad_2]
Source link



