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दतिया जिले के गोदन थाना परिसर में एएसआई प्रमोद पावन का शव उनके कमरे में मंगलवार को फांसी पर लटका हुआ मिला। मौत से पहले के उनके कुछ वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें उन्होंने तत्कालीन थाना प्रभारी अरविंद भदौरिया सहित कुछ अन्य लोगों पर प्रताड़ित करने के
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एक ओर जहां परिवार का आरोप है कि ये सुसाइड नहीं हत्या का मामला है, दूसरी ओर इस घटना के बाद क्षेत्र के लोग भी तत्कालीन थाना प्रभारी अरविंद भदौरिया पर पैसे लेकर कार्रवाई करने और जुआ खेलने-खिलाने वालों को संरक्षण देने की बात कह रहे हैं।
मामले की सच्चाई क्या है? प्रमोद पावन वीडियो में जो आरोप लगा रहे हैं, वे क्या हैं? उनका परिवार इस घटना के बारे में क्या सोचता है? गांव वालों का क्या कहना है? वीडियो में जिन पर आरोप लग रहे हैं, उनकी सफाई क्या है…पढ़िए, रिपोर्ट

परिजन ने दाह संस्कार से इनकार किया भिंड जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर बमनपुरा गांव है। मुख्य सड़क से लगी एक पतली सड़क गांव को जाती है। बुधवार को भारी बारिश के बीच गांव के मुख्य रास्ते पर कई गाड़ियां खड़ी थीं। इनमें से कुछ गाड़ियां मध्यप्रदेश पुलिस की हैं।
सड़क पर पानी भरा दिखा। जैसे-तैसे हम प्रमोद के घर के पास पहुंचे। प्रमोद के घर के बाहर काली पन्नी के नीचे भीड़ खड़ी दिखी। अंदर घुसकर देखा तो प्रमोद के भाई से कुछ पुलिस वाले बातचीत कर रहे थे।
पता चला कि वे परिवार को प्रमोद का दाह संस्कार करने के लिए मना रहे हैं जबकि प्रमोद के परिजन बिना ठोस कार्रवाई के दाह संस्कार न करने पर अड़े थे। पुलिस के काफी समझाने पर परिवार अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गया।

पुलिस अफसर प्रमोद के परिजन को समझाने उनके घर पहुंचे थे।
सबसे पहले परिवार के लोगों के आरोप…
कई दिनों से पिता को मानसिक प्रताड़ना दे रहे थे प्रमोद पावन के बेटे धीरेंद्र से हमने बात की। धीरेंद्र ने बताया- मेरे पिता को थाने में कई दिनों से अलग-अलग तरीके से मानसिक प्रताड़ना दी जा रही थी। उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को भी बताया था, लेकिन थाना प्रभारी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब हमें पुलिस वालों पर कोई भरोसा नहीं।
मेरे पिता वीडियो बनाकर, शिकायत करके टीआई और अन्य पुलिस वालों, राजनेताओं की मिलीभगत और भ्रष्टाचार वाले मामले लगातार उठा रहे थे। यही कारण है कि उनकी मौत हुई। मुझे तो उनकी आत्महत्या में भी संदेह लग रहा है।

ईमानदार, मेहनती और व्यवहार कुशल थे प्रमोद पावन के मामा कुंवर सेन ने कहा- मेरा भांजा ईमानदार और मेहनती था। उसने इसके पहले जहां-जहां ड्यूटी की, वहां आप किसी से भी पूछ लीजिए। सब उसके अच्छे व्यवहार और ईमानदारी के लिए उसे याद करते हैं।
इस थाने में आने के बाद से उसे जिस तरीके से प्रताड़ित किया जा रहा था, उसी का यह अंजाम है कि उसकी मौत हुई। मरने से पहले उसने जिन लोगों पर इल्जाम लगाया, उनका कुछ नहीं बिगड़ा। जिस पुलिस विभाग में उसने इतने साल सेवा दी, उसने भी उसकी सुनवाई नहीं की। आरोपियों पर एफआईआर तक दर्ज नहीं कर पाए हैं, सोचिए आम लोगों के साथ क्या इंसाफ होगा?
जान से मारने की साजिश का अंदेशा था दिव्यानंद अर्गल कहते हैं- मेरे मौसा प्रमोद की मौत गहरी साजिश की तरफ इशारा करती है। यह सब पुलिस और राजनेताओं की साठगांठ का नतीजा है। वो वीडियो में पहले ही यह चिंता जता चुके थे कि थाना प्रभारी मुझे जान से मारने की साजिश रच रहे हैं। यह हमें आत्महत्या नहीं बल्कि मर्डर लग रहा है। मर्डर को छुपाने के लिए आत्महत्या का नाम दिया जा रहा है।
अब तक सिर्फ मर्ग कायम हुआ है। जिन लोगों पर उन्होंने आरोप लगाया था, उनमें से सिर्फ दो पर लाइन अटैच जैसी मामूली कार्रवाई हुई है। पूरे क्षेत्र में जो रेत का अवैध कारोबार चल रहा है, उसमें नेताओं के साथ पुलिस की मिलीभगत है। मौसा इसी को एक्सपोज कर रहे थे।

प्रमोद के परिवार को सांत्वना देने पूरे गांव के लोग पहुंचे। इनमें बड़ी तादाद में महिलाएं भी थीं।
आरोपों पर इलाके के लोगों की राय…
हम गोदन थाना क्षेत्र के गोदन, उड़ीना, सोडा और बागुर्दन गांव पहुंचे। यह यादव बाहुल्य आबादी का क्षेत्र है।
गांव के लोगों ने हमें बताया कि तत्कालीन थाना प्रभारी अरविंद भदौरिया का आरक्षक ड्राइवर रूपनारायण यादव उर्फ लकी था। वह दतिया जिले की भांडेर तहसील के देवड़ा गांव जो स्थानीय क्षेत्र से लगा हुआ है, वहीं का निवासी था। उसका जिक्र भी एएसआई के वीडियो में है। उस पर उगाही के आरोप हैं।
पति की हत्या हुई, वीडियो बयान टीआई ने गायब किया गोदन गांव में रहने वाली सरोज बताती हैं- 24 दिसंबर 2024 को गांव में ही दिनदहाड़े मेरे सामने मेरे पति नरेंद्र यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मरने से पहले मेरे पति ने अस्पताल में पुलिस को बयान दिया। टीआई अरविंद भदौरिया ने अपने फोन में वीडियो बयान रिकॉर्ड किया।

मेरे पति ने पुलिस को मेरे सामने ही बताया था कि इस मामले में चार नामजद आरोपियों के साथ तीन अज्ञात लोग शामिल हैं, लेकिन पुलिस ने एफआईआर में सिर्फ एक अज्ञात का जिक्र किया।
मैं कई बार दरोगा जी के पास गई। उनसे कहा कि मैं भी वहां मौजूद थी, मेरा बयान दर्ज कीजिए। मैं ही खून से सने अपने पति को लेकर आई थी, लेकिन दरोगा ने मेरी एक भी नहीं सुनी। हर बार मुझे गाली देकर थाने से भगा दिया। मुझसे वो पैसे की डिमांड करते थे।
गांव वालों के साथ शिकायत की, लेकिन कुछ नहीं हुआ नरेंद्र यादव के बेटे नैंस यादव बताते हैं कि टीआई अरविंद भदौरिया ने हमारे परिवार को बहुत परेशान किया। उसने आरोपियों से पैसे खा लिए थे। मेरे पिता को मारने से पहले भी आरोपियों पर कई मुकदमे दर्ज थे, लेकिन उन्हें टीआई का संरक्षण प्राप्त था। जब भी हम शिकायत करने जाते तो वे हमें गाली देते। उन्होंने कई बार हमें धमकी भी थी कि मैं तुम्हें किसी केस में फंसा दूंगा।
गांव वालों के साथ मिलकर एसपी, आईजी, डीआईजी और भोपाल तक उनकी शिकायत की, लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं हुई। पूरा गांव उनसे परेशान था लेकिन पता नहीं, उन पर किसका हाथ है। इस घटना के बाद भी उन्हें कुछ नहीं होगा। वे वापस बचकर आ जाएंगे। जिस एएसआई ने सुसाइड किया है, वे भले आदमी थे। गरीबों की भी बात सुनते थे।
पूरे क्षेत्र में टीआई का आतंक था, आरक्षक उगाही करता था गांव के ही रहने वाले मोतीलाल बताते हैं कि पूरे क्षेत्र में अरविंद भदौरिया का आतंक था। वह लोगों को फंसाने की धमकी देकर उनसे पैसा ऐंठते थे।

पहले जहां छोटे-छोटे मामले थाने में कम पैसों में निपट जाते थे, अब रूपनारायण और टीआई मिलकर हजारों रुपए वसूलते थे। उनका काम ही था कि लोगों को झूठे मुकदमों का डर दिखाना और फिर उनसे पैसा वसूल करना।
इसी क्षेत्र के अमित यादव ने बताया कि जब से अरविंद भदौरिया टीआई बनकर इस क्षेत्र में आए, यह जुए और अवैध कारोबार का अड्डा बन गया। ये सब लकी उर्फ आरक्षक रूपनारायण की देखरेख में होता था।
वीडियो में एएसआई प्रमोद पावन जिन गोदन निवासी दिनेश सरपंच, सोडा निवासी रामराजा यादव, बागपुरा निवासी छोटू यादव, उदीना निवासी रामलखन यादव पर जुआ खिलवाने का आरोप लगा रहे हैं, ये सभी रूपनारायण के रिश्तेदार हैं। आप खुद सोचिए रूपनारायण उर्फ लकी की कितनी हैसियत होगी कि उसे अपने गृह जिले में ही पोस्टिंग मिली हुई है। वह धड़ल्ले से सारे अवैध काम करता है।
एएसआई को सबसे पहले फंदे पर देखने वाले ने बताया…
गोदन थाने में प्रधान आरक्षक सूरज कुमार कुशवाहा ने बताया- 15 दिन पहले ही मेरी पोस्टिंग यहां हुई है। मंगलवार सुबह थाने में मेरे साथियों के पास प्रमोद जी के घर से कॉल आया। तब मुझे कहा गया कि जाकर उनको उठा दो। मैं उनके कमरे में गया। कमरे में कूलर चल रहा था। मैंने बहुत देर तक आवाज लगाई, लेकिन वे नहीं उठे तो मैंने साथियों को बताया।
फिर मेरे साथ दो आरक्षक और आए। हम लोगों को कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। यहीं बगल में थाना प्रभारी का निवास है। हम उनके पास गए। उनको बताया। वे भी आए। हमने कूलर के बगल में खिड़की में थोड़ी सी जगह से झांककर देखा तो प्रमोद पावन जी फांसी के फंदे पर लटक रहे थे। यह घटना करीब साढ़े सात बजे की है। इसके बाद तुरंत ही परिवार को सूचना दी। बाकी सब अधिकारियों को जानकारी दी गई।

प्रमोद अपने कमरे में फांसी के फंदे पर मिले थे।
सूरज ने आगे कहा- मैं प्रमोद जी को पिछले 15 दिन से ही जानता हूं, लेकिन इतने दिनों में उनका व्यवहार हम लोगों के साथ बहुत अच्छा था। आरक्षकों के साथ हमेशा आकर बैठ जाते थे। लिखा-पढ़ी में बहुत होशियार थे। उनकी और थाना प्रभारी की नहीं बनती थी। मुझे नहीं पता कि उन दोनों के बीच क्या बात थी?
चार लोगों पर आरोप, सिर्फ एक ने की बात प्रमोद पावन के कुछ वीडियो सामने आए हैं, जिनमें वे टीआई अरविंद भदौरिया, थरेट टीआई अनफासुल हसन, गोदन थाने के ड्राइवर रूपनारायण यादव और रेत व्यवसायी बबलू यादव पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगा रहे थे।
हमने सभी से बात करने की कोशिश की, लेकिन कई बार कॉल करने और मैसेज करने के बाद भी तत्कालीन थाना प्रभारी अरविंद भदौरिया से हमारी बात नहीं हो पाई। उनसे मिलने हम दतिया पुलिस लाइन भी गए, लेकिन वह वहां भी नहीं मिले।
गोदन में हम बबलू यादव के घर उनसे मिलने पहुंचे। वो नहीं मिले। वो कहां हैं, इसकी जानकारी उनके घर वालों ने हमें नहीं दी, न हमसे कोई बात की। उनके घर के सामने पड़ी रेत दिखी, संभवत: इसका जिक्र प्रमोद पावन ने अपने वीडियो में किया था।
गोदन थाने के ड्राइवर रूपनारायण यादव भी हमें दतिया लाइन पर नहीं मिले। थरेट टीआई ने हमसे बात की।

इसी थाने के टीआई और उनके ड्राइवर पर गंभीर आरोप लगे हैं।
मेरा कोई लेनादेना नहीं, गलतफहमी होगी थरेट टीआई अनफासुल हसन ने हमें बताया- एएसआई प्रमोद पावन की मेरे साथ कभी कोई ड्यूटी नहीं रही। न ही मैं कभी उनसे मिला। वो पहले शिकायत के जो लेटर लिख रहे थे, उसमें उन्होंने मेरा कहीं नाम नहीं लिखा।
उनका जो अंतिम वीडियो है, उसमें भी उन्होंने मेरे बारे में कुछ नहीं कहा। मुझे लगता है कि किसी गलतफहमी में उन्होंने एक जगह बस मेरे ऊपर आरोप लगाए हैं।

कार्रवाई को लेकर पुलिस अफसरों के जवाब जांच अधिकारी डीएसपी उमेश कुमार गर्ग कहते हैं- अभी मैं ही जांच कर रहा हूं। मामले से संबंधित जितने भी सबूत हैं, उन्हें इकट्ठा किया जा रहा है। इसके साथ ही थाने के सभी लोगों के वीडियो बयान लिए जा रहे हैं। जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। प्रमोद ने फांसी क्यों लगाई है, अभी इसका स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है।
एसपी सूरज वर्मा ने बताया- एएसआई के वीडियो में जो आरोप हैं, उसकी भी जांच कर रहे हैं। तत्कालीन टीआई अरविंद भदौरिया को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही आरक्षक रूपनारायण यादव और थरेट टीआई अनफासुल हसन को लाइन अटैच कर दिया गया है। जितने भी लोगों के नाम शामिल हैं, उनके कॉल रिकॉर्ड निकलवा रहे हैं।

मामले में पुलिस अफसर थाने के स्टाफ से पूछताछ कर जांच कर रहे हैं।
मौत से पहले वीडियो में एएसआई ने लगाए थे ये आरोप प्रमोद पावन ने वीडियो में कहा है- वाहन चेकिंग के दौरान अवैध रेत का ट्रैक्टर पकड़ा था। जिसे आरक्षक ड्राइवर रूपनारायण और थाना प्रभारी अरविंद सिंह भदौरिया ने छुड़वा दिया। उसी दिन से थाना प्रभारी और ड्राइवर मुझे बहुत प्रताड़ित कर रहे हैं। ट्रैक्टर बबलू यादव उर्फ अरविंद यादव का था। बबलू बड़ा रेत माफिया है। वो मुझे जान से मारने धमकी दे रहा है।
टीआई अरविंद भदौरिया और ड्राइवर रूपनारायण लगातार जुआ खिलवाए जा रहे हैं। जुए के कारण क्षेत्र में हत्याएं हो रही हैं।
थरेट थाना प्रभारी ने भी मेरी झूठी शिकायत करवाई है। मुझे छुट्टी भी नहीं दी जा रही है। मैं एसपी से मिलने के लिए सात दिन से परेशान हूं। थाना प्रभारी मुझे जाने नहीं दे रहे हैं। मेरे साथ अप्रिय घटना के जिम्मेदार अरविंद सिंह भदौरिया, थरेट टीआई अनफासुल हसन, गोदन थाने के ड्राइवर रूपनारायण यादव और बबलू होंगे।
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