[ad_1]
Last Updated:
राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोप पर चुनाव आयोग ने कहा कि अगर आपके पास सबूत है तो कोर्ट में अर्जी दी गई होगी. कोर्ट का फैसला आने दीजिए. और अगर याचिका नहीं दी है तो निराधार आरोप लगाने का क्या मतलब?
चुनाव आयोग ने राहुल के आरोपों पर जवाब दिया.हाइलाइट्स
- राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोट चोरी करने का आरोप लगाया.
- चुनाव आयोग ने कहा- कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए.
- अगर कोर्ट नहीं गए तो फिर ऐसे आरोप लगाने का औचित्य क्या?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों चुनाव आयोग पर हमलावर हैं. उन्होंने कहा- चुनाव आयोग अब स्वतंत्र संस्था की तरह नहीं, बल्कि किसी एजेंडे के तहत काम कर रहा है. यह भी दावा किया कि कांग्रेस के पास कर्नाटक की एक विधानसभा सीट पर ‘वोट चोरी’ के 100 प्रतिशत ठोस और पुख्ता सबूत हैं. हम इन्हें सार्वजनिक भी करेंगे और लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने वालों को छोड़ेंगे नहीं. उनके इस बयान पर चुनाव आयोग ने सीधा जवाब दिया. आयोग ने कहा, अगर इस मामले में इलेक्शन पिटीशन दायर की गई है, तो सभी को हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए. आयोग ने यह भी पूछा कि यदि याचिका दाखिल नहीं की गई है, तो फिर ऐसे आरोप लगाने का क्या औचित्य है?
इससे पहले राजद, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन के खिलाफ संसद में प्रदर्शन किया. राजद नेता तेजस्वी यादव तो बिहार चुनाव के बहिष्कार का विकल्प खुला रखने की बात तक कह चुके हैं. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 90 फीसदी नहीं, जब हम आपको दिखाने का फैसला करते हैं, तो यह 100 प्रतिशत प्रूफ होता है. हमने सिर्फ एक निर्वाचन क्षेत्र पर नजर डाली और हमें इसके बारे में पता चला. मुझे पूरा यकीन है कि हर निर्वाचन क्षेत्र में यही ड्रामा चल रहा है. हजारों-हजार नए मतदाता, उनकी उम्र कितनी है? 45, 50, 60, 65, हजारों-हजार वोटर एक ही निर्वाचन क्षेत्र में बना दिए गए हैं.
चुनाव आयोग गलतफहमी में न रहे!
वोट चोरी करने के आपके हथकंडों के 100% पुख्ता सबूत हैं हमारे पास।
हम उन्हें सामने भी लाएंगे और आप इसके अंजाम से बच नहीं पाएंगे – लोकतंत्र और संविधान को बर्बाद करने की कोशिश करने वाले बक्शे नहीं जाएंगे। pic.twitter.com/gYAVbDo20O
[ad_2]
Source link


