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सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास करना हर युवा का सपना होता है, लेकिन इसे साकार करना आसान नहीं. अमेठी के जिलाधिकारी संजय चौहान की कहानी उन चुनिंदा लोगों में शामिल है, जिन्होंने कठिन हालातों में भी हार नहीं मानी. एक किसान परिवार में जन्मे संजय चौहान ने संघर्षों भरे माहौल में पढ़ाई की, लेकिन उनका सपना था कुछ बड़ा करने का — देश की सेवा का. उन्होंने पहले ही प्रयास में UPSC जैसी कठिन परीक्षा पास कर दिखा दिया कि सच्ची लगन और मेहनत के आगे कोई भी बाधा टिक नहीं सकती; आज वे न केवल एक सक्षम प्रशासक हैं, बल्कि लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा भी हैं. आइए, जानते हैं उनके सफर की पूरी कहानी.

अमेठी के डीएम संजय चौहान एक सक्रिय जिलाधिकारी के रूप में पहचाने जाते हैं. छोटे से लेकर बड़े पद पर रहते हुए उन्होंने प्रशासनिक कार्यों में अपनी दक्षता दिखाई है. संजय चौहान 2012 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में अमेठी जिले में तैनात हैं.

जिलाधिकारी संजय चौहान के पिता किसान थे और एक कृषि वैज्ञानिक भी थे. घर की परिस्थितियां प्रतिकूल थीं, लेकिन उन्होंने कठिन परिश्रम और समर्पण से पहली ही कोशिश में सिविल सर्विसेज जैसी कठिन परीक्षा पास कर परिवार और समाज का गौरव बढ़ाया. उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा आरपीएस इंटर कॉलेज से प्राप्त की और यहीं रहकर सिविल सेवा की तैयारी की, जिसमें उन्हें सफलता मिली.

जनता की शिकायतों को प्रभावी रूप से सुनने और सुलझाने के लिए जिलाधिकारी संजय चौहान ने एक अलग पहल की शुरुआत की. पहले शिकायतों के निस्तारण के लिए आम जनता को काफी परेशान होना पड़ता था, लेकिन इस समस्या को समझते हुए उन्होंने मॉनिटरिंग सेल की स्थापना की. इस सेल के माध्यम से फरियादियों को बेहतर सुविधा मिल सके और उनकी शिकायतों का समयबद्ध तरीके से समाधान हो, यह सुनिश्चित किया गया. साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे शिकायतों का निस्तारण करने के बाद संबंधित व्यक्तियों को फीडबैक के रूप में जवाब भी जरूर दें.

अमेठी के जिलाधिकारी संजय चौहान ने अपने प्रशासनिक जीवन की शुरुआत उप जिलाधिकारी (एसडीएम) पद से की. इसके बाद उन्होंने एडीएम, नगर आयुक्त और नगर विकास प्राधिकरण में विभिन्न जिम्मेदारियां संभालते हुए कई जिलों में छोटे और बड़े पदों पर कार्य किया. हर भूमिका में उन्होंने कुशल प्रशासनिक क्षमता का परिचय देते हुए खुद को एक प्रभावी और जिम्मेदार अधिकारी के रूप में स्थापित किया.

जिलाधिकारी संजय चौहान ने जिले में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक सराहनीय पहल करते हुए बुक बैंक की स्थापना कराई. उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि गरीब बच्चों को पढ़ाई में किसी भी तरह की कठिनाई न हो. इसके लिए जिले के पंचायत भवनों में पुस्तकालय के साथ-साथ बुक बैंक स्थापित करवाए गए, जहां जरूरतमंद बच्चों को पाठ्य पुस्तकें मुफ्त में उपलब्ध कराई गईं. इतना ही नहीं, बच्चों को पढ़ाई के लिए उचित वातावरण मिले, इसके लिए उन्होंने वहां बैठकर कक्षा के रूप में अध्ययन करने की भी व्यवस्था करवाई. इस पहल से अनेक विद्यार्थियों को सीधा लाभ पहुंचा और उन्हें बेहतर शैक्षिक सुविधाएं प्राप्त हुईं.

जिलाधिकारी संजय चौहान किसान परिवार से हैं, तो उनका लगाव खेती-किसानी को बढ़ावा देने को भी है. उन्होंने अमेठी में कई बेहतर योजनाएं धरातल पर उतरकर किसानों को फायदा दिया, जिसके कारण आज चाहे केले की खेती हो, स्ट्रॉबेरी की खेती हो, ड्रैगन फ्रूट की खेती हो या फिर अन्य खेती-किसानी हो, उससे लाखों रुपए की कमाई डीएम की प्रेरणा से कर रहे हैं.

जिलाधिकारी संजय चौहान ने लोकेलिटी से बातचीत में बताया कि शासन की योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करना उनकी पहली प्राथमिकता होगी. भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. हालांकि दंडात्मक कार्रवाई से पहले एक बार सुधार का मौका दिया जाएगा. उन्होंने आश्वासन दिया कि फरियादियों को समय पर न्याय मिलेगा और कोई भी व्यक्ति परेशान नहीं होगा.
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