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जगदीप धनखड़ ने स्वास्त्य कारणों से 21 जुलाई को पद से इस्तीफा दे दिया. (फाइल फोटो)मार्च में जस्टिस यशवंत वर्मा के आधिकारिक आवास पर बड़े पैमाने पर नोटों की अधजली गड्डियां मिलने से उठे विवाद ने धनखड़ को भ्रष्टाचार और जवाबदेही की कथित कमी के मुद्दे पर उच्च न्यायपालिका पर निशाना साधने का एक और मौका दे दिया था. धनखड़ ने अदालतों और उनके विभिन्न फैसलों पर सवाल उठाए. उन्होंने एक वकील के तौर पर खुद को न्यायपालिका का ‘पैदल सिपाही’ बताया. उन्होंने अपने सार्वजनिक भाषणों में न्यायपालिका सहित अन्य संस्थाओं को निशाना बनाने के लिए ‘हानिकारक एजेंडे वाली ताकतों’ को आड़े हाथों लिया.
धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ न बोलने के लिए सांसदों पर भी निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि शीर्ष अदालत के एनजेएसी अधिनियम को रद्द करने के बाद संसद में ‘कोई चर्चा’ नहीं हुई, जो एक ‘बहुत गंभीर मुद्दा’ है. उन्होंने न्यायपालिका के राष्ट्रपति के लिए फैसले लेने की समयसीमा निर्धारित करने और ‘सुपर संसद’ के रूप में काम करने पर भी सवाल उठाया था. उन्होंने कहा था कि शीर्ष अदालत लोकतांत्रिक ताकतों पर ‘परमाणु मिसाइल’ नहीं दाग सकती.
जस्टिस वर्मा के आवास पर नकदी की अधजली गड्डियां मिलने के बाद धनखड़ ने मामले में प्राथमिकी न दर्ज किए जाने पर सवाल उठाया. उन्होंने घटना की जांच के लिए भारत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) की ओर से गठित तीन सदस्यीय आंतरिक समिति को असंवैधानिक करार दिया था.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h…और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h… और पढ़ें
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