गुजरात दौरे पर गए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ एक ऐसी घटना हुई, जो लोगों के बीच चर्चा का कारण बन गई। बताया जा रहा है कि वे जल्दी में अपने काफिले के साथ जूनागढ़ से राजकोट की ओर रवाना हो गए, लेकिन उनकी पत्नी साधना सिंह पीछे रह गईं। कुछ दूरी जाने के बाद जब शिवराज सिंह को ध्यान आया कि उनकी पत्नी साथ नहीं हैं, तो काफिला तुरंत वापस लौटा। कार्यक्रम के दौरान शिवराज सिंह बार-बर समय देख रहे थे। मंच से ही उन्होंने कहा कि राजकोट का रास्ता ठीक नहीं है, अबगली बार समय निकालकर फिर आउंगा। इसके बाद वे तेजी से गाड़ियों के काफिले के साथ निकल पड़े। उधर, साधना सिंह गिरनार दर्शन के बाद लौट चुकी थीं और मूंगफली शोध केंद्र के प्रतीक्षालय में उनका इंतजार कर रही थीं। हालांकि इस पूरे मामले पर शिवराज सिंह के कार्यालय की तरफ से सफाई दी गई है। उनका कहना है कि कार्यक्रम गेस्ट हाउस परिसर में ही था। गेस्ट हाउस की इमारत दूसरी ओर थी, जहाँ साधना सिंह मौजूद थीं। सुरक्षा में लगे पुलिस वाहन दूसरी दिशा में खड़े कर दिए गए थे, जिन्हें घुमाकर लाने में लगभग 10 मिनट का समय लगा। बाकी जो बातें इस मामले में कही जा रही हैं, उनमें कोई सच्चाई नहीं है।
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केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों अपनी पत्नी साधना सिंह के साथ गुजरात के धार्मिक और सरकारी दौरे पर हैं। शनिवार को उन्होंने सबसे पहले सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन किए और फिर गिर जंगल में शेरों को देखने गए। इसके बाद वे मूंगफली अनुसंधान केंद्र पहुंचे, जहां उन्होंने किसानों और “लखपति दीदी” योजना से जुड़ी महिलाओं से मुलाकात की और बातचीत की। वे जुनागढ़ जिले के मानेकवाड़ा गांव भी पहुंचे और वहाँ मूंगफली के खेतों में गए। उन्होंने खेत में मेहनत कर रहे किसानों से सीधे बातचीत की।
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शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से मूंगफली की अच्छी किस्मों, बीज की गुणवत्ता, खाद के उपयोग और खेती की नई तकनीकों पर विस्तार से चर्चा की। किसानों ने उन्हें बताया कि मूंगफली की खेती में मौसम की मार, बाजार भाव और सिंचाई की दिक्कतें आती हैं। कृषि मंत्री ने खास तौर पर गुजरात की प्रसिद्ध मूंगफली किस्म ‘गिरनार-4’ के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। इसके अलावा, खेत में मौजूद आधुनिक कृषि मशीनों का भी निरीक्षण किया और किसानों से पूछा कि ये मशीनें उनके लिए कितनी फायदेमंद हैं।
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केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गिर नेशनल पार्क का दौरा किया। उन्होंने कहा कि उन्हें यहां आकर प्रकृति की सुंदरता को बहुत करीब से देखने का मौका मिला। गुजरात का यह गिर जंगल वास्तव में बहुत खास है। सासन के जंगल में घूमते हुए उन्हें प्रकृति के कई रंग देखने को मिले – जैसे शेरों का शाही अंदाज, पेड़ों पर चढ़ते तेंदुए, मधुर आवाज़ में चहचहाते पक्षी, घोंसला बनाती चिड़ियां और नाचते हुए मोर। यह सब देखकर उनका मन खुशी से झूम उठा। शिवराज सिंह ने कहा कि गिर जंगल सिर्फ एक जंगल नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, गौरव और प्रकृति से जुड़ाव का प्रतीक है। उन्होंने यहां की बेहतरीन व्यवस्थाओं के लिए प्रबंधन की भी तारीफ की।
उन्होंने बताया कि गिर की सफारी बहुत ही खास और अच्छी तरह से प्लान की गई है। यहां शेरों को बहुत आसानी से देखा जा सकता है। बब्बर शेर जंगल में घूमते दिखाई देते हैं, मोर नाचते हैं, चिड़ियां कीट-पतंगे पकड़ती हैं और पक्षी अपने घोंसले बनाते हैं – यह सब बहुत ही सुंदर दृश्य होते हैं। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने यहां की व्यवस्था को बहुत अच्छा बनाया, जिससे आज लोग वन्य प्राणियों को नज़दीक से देख सकते हैं।