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As soon as the priest was summoned to the police station, the Panchayat withdrew the boycott | थाने में तलब होते ही पंचायत ने पुजारी का बहिष्कार वापस लिया – Ujjain News

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उज्जैन जिले के बड़नगर के पीरझलार गांव में शासकीय देवनारायण मंदिर के पुजारी का पंचायत द्वारा बहिष्कार किए जाने का मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो सुलह हो गई। थाने तलब होते ही पंचायत ने अपना फैसला वापस ले लिया और गलती मानी। टीआई ने दोनों पक्ष को बड़नग

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इधर, समाज के जिलाध्यक्ष ने कहा कि समझौता दबाव में कराया है, जबकि जो दोषी है, उन पर कार्रवाई होना चाहिए। समाज का प्रतिनिधि मंडल जल्द बड़नगर जाकर पुजारी से बात करेगा। बता दें कि 14 जुलाई को बड़नगर के पीरझलार गांव में पंचायत ने गांव के देवनारायण मंदिर के पुजारी पूनमचंद के बहिष्कार का फैसला सुनाते हुए तय किया था कि उनके यहां कोई दूध, किराना व अन्य सुविधा नहीं देने दी जाएगी।

उनके बच्चे भी गांव के स्कूल में नहीं पढ़ेंगे। गांव का कोई व्यक्ति मदद करता है तो उस पर पंचायत 51 हजार रुपए जुर्माना करेगी। पंचायत के फैसले का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ा और पुजारी पूनमचंद कलेक्टर व एसपी के पास पहुंचे थे, जिसके बाद ताबड़तोड़ दोनों पक्ष को थाने बुलाया गया।

मंदिर निर्माण के दान के एक लाख रुपए को लेकर विवाद उपजा था

बड़नगर थाना प्रभारी अशोक पाटीदार ने बताया कि डेढ़ घंटे तक दोनों पक्ष से बात की है। पंचायत ने गलती मानी व फैसला वापस लिया। देवनारायण भगवान का मंदिर काफी पुराना होने से नई जगह मंदिर बनाना तय हुआ था, जिसमें साढ़े छह लाख रुपए गांववालों ने चंदा एकत्रित किया था। इसमें एक लाख रुपए पुजारी पूनमचंद ने दिए थे। बाद में पुजारी ने कहा नए मंदिर बनाने की बजाय इसी का जीर्णोद्धार कर दिया जाए, इसे लेकर झगड़े की शुरुआत होना सामने आई।

पुजारी ने दान वापस ले लिया था और कोर्ट में वाद दायर किया था। दो बार पंचायत इसके पहले बुलाई जा चुकी थी व पुजारी द्वारा अपशब्द किए जाने पर उनके खिलाफ गालीगलौज की रिपोर्ट भी 12 तारीख को दर्ज हुई थी। इसके बाद 14 को वापस पंचायत हुई तथा बहिष्कार का फैसला सुनाया, जो गलत था। दोनों पक्ष में सुलह हो चुकी है तथा यह तय हो गया कि पुराने मंदिर से मूर्ति कहीं नहीं जाएगी और नया मंदिर बनता है तो उसमें भी पुजारी चाहे तो सेवा दे सकेंगे।

हमें ये समझौता मान्य नहीं, लड़ाई लडेंगे -जिलाध्यक्ष

पुजारी शासकीय मंदिर की रक्षा के लिए अकेले लड़ रहे थे, जो प्रशासन का काम है। गांव के लोगों ने जिस तरह से पंचायत बुलाकर बहिष्कार करते हुए अपमान किया, वह सही नहीं है। दोषियों पर कार्रवाई होना चाहिए। समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष शहर आने वाले हैं। हम पुजारी से मिलेंगे। समझौता दबाव में कराया है, लड़ाई लड़ी जाएगी। कमल चौधरी, जिलाध्यक्ष पाल गारी समाज

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