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कौन है सवाई माधोपुर की वो फैमिली, जिसने दिए देश को सबसे ज्यादा आईएएस अफसर

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IAS Officers Factory: सवाई माधोपुर के नाहरसिंहपुरा गांव के अर्नब प्रताप सिंह के परिवार के छह सदस्य आईएएस अधिकारी हैं. यह परिवार देश के लिए मिसाल है.

कौन है सवाई माधोपुर की वो फैमिली, जिसने दिए देश को सबसे ज्यादा आईएएस अफसर

सवाई माधोपुर के नाहरसिंहपुरा गांव का परिवार देश के लिए मिसाल है.

हाइलाइट्स

  • सवाई माधोपुर के नाहरसिंहपुरा गांव से 6 आईएएस अधिकारी हैं
  • अर्नब प्रताप सिंह ने यूपीएससी 2022 में 430वीं रैंक हासिल की
  • प्रतापगढ़ के लालगंज कस्बे से भी 4 आईएएस अधिकारी बने
IAS Officers Factory: यूपीएससी यानी संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा अपनी कठिन चुनौतियों के लिए जानी जाती है. यूपीएससी परीक्षा लंबे समय से महत्वाकांक्षी सिविल सेवकों के लिए एक लक्ष्य रही है. हर साल अनगिनत लोग इस कठिन परीक्षा को पास करने का प्रयास करते हैं. फिर भी कुछ ही लोग इसमें सफल हो पाते हैं. परिवार के किसी एक सदस्य का यूपीएससी परीक्षा पास करना अक्सर एक ऐसी उपलब्धि बन जाती है जो पूरे समुदाय का ध्यान आकर्षित करती है. कुछ समय पहले राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले का एक परिवार सुर्खियों में रहा. बामनवास के नाहरसिंहपुरा गांव से ताल्लुक रखने वाले अर्नब प्रताप सिंह का परिवार वास्तव में उल्लेखनीय है. इस परिवार के छह सदस्य भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में हैं. इस परिवार को आईएएस बनाने की फैक्ट्री कहा जाता है. 

आश्चर्यजनक रूप से अर्नब प्रताप सिंह के परिवार के छह सदस्य प्रतिष्ठित आईएएस अधिकारी हैं. अर्नब प्रताप सिंह ने यूपीएससी 2022 परीक्षा में 430वीं रैंक हासिल की थी. जो उनकी अटूट लगन और प्रतिबद्धता का प्रमाण है. अर्नब का सफर मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, लखनऊ से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के साथ शुरू हुआ. उनकी शिक्षा की नींव लखनऊ के प्रसिद्ध सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) और दिल्ली के दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) में पड़ी. अर्नब प्रताप सिंह के पिता बाबूलाल मीणा 1991 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. वह वर्तमान में उत्तर प्रदेश में सेवारत हैं. परिवार की मुखिया वीना मीणा भी 1993 बैच की आईएएस अधिकारी हैं. वीणा मीणा भी उत्तर प्रदेश कैडर में सेवारत हैं. 

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देश के लिए एक मिसाल
इस विरासत में अर्नब के ताऊजी (पिता के बड़े भाई) डॉ. बत्तीलाल मीणा (सेवानिवृत्त) ने परिवार की उल्लेखनीय आईएएस परंपरा में योगदान दिया. यह विरासत और भी आगे बढ़ती है क्योंकि अर्नब के ताऊजी की बेटी (नाम ज्ञात नहीं) और उनके एक अन्य चाचा की बेटी शेफाली ने 2016 में यूपीएससी परीक्षा पास की और आईएएस अधिकारी बनीं. ये प्रतिभाशाली बहनें अब गुजरात कैडर में कार्यरत हैं. यह परिवार कई पीढ़ियों से सिविल सेवाओं में योगदान दे रहा है और युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है. सवाई माधोपुर का ये परिवार देश के लिए एक मिसाल है. 

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लालगंज का मिश्रा परिवार भी कम नहीं
दिलचस्प बात यह है कि ऐसे ही एक परिवार की कहानी उत्तर प्रदेश की भी है. उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के चार भाई-बहनों ने यूपीएससी परीक्षा पास करके सफलता की सारी ऊंचाइयां पार कर लीं और आईएएस और आईपीएस अधिकारी बने. प्रतापगढ़ के लालगंज कस्बे में जन्मे और पले-बढ़े इन भाई-बहनों ने अपने दम पर सफलता की यह सुनहरी इबारत लिखी. योगेश मिश्रा ने 2013 में एक मिसाल कायम की जो परिवार की यूपीएससी में पहली जीत का प्रतीक था. अपने भाई के नक्शेकदम पर चलते हुए माधवी मिश्रा 2015 में आईएएस में शामिल हुईं.

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