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एलएनआईपीई के पूर्व कुलपति डॉ. दिलीप दुरेहा, जिन पर यौन उत्पीड़न केस में कोर्ट ने फैसला सुनाया।
ग्वालियर में LNIPE (लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय) के पूर्व कुलपति डॉ. दिलीप दुरेहा यौन उत्पीड़न केस में कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाया है। कोर्ट ने टिप्पणी की है कि संस्थान ऐसे व्यक्ति के नियंत्रण में रखा गया, जो खुद सेवा में रख
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शासन की जुर्माना की राशि उस पुलिस अधिकारी से की जाए, जिसने शिकायत आने के बाद मामला दर्ज नहीं किया था। जिस मामले में कोर्ट ने जुर्माना किया है, वह साल 2019 का मामला है। जब एलएनआईपीई की एक योगा टीचर ने तत्कालीन कुलपति दुरेहा पर यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी, लेकिन स्थानीय पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया था। उसके बाद पीड़ित टीचर ने सुप्रीम कोर्ट का सहारा लिया और तब मामला दर्ज हो सका।
पूर्व कुलपति ने महिला शिक्षक के साथ गलत हरकत की थी
दरअसल एलएनआईपीई में पदस्थ एक महिला योगा शिक्षक मार्च 2019 में सुबह 7 बजे क्लास लेने जा रही थी। उसी बीच तत्कालीन कुलपति दिलीप दुरेहा रास्ते में मिले और गलत नीयत से हाथ लगाया। इससे महिला शिक्षक घबरा गई। उस वक्त शिकायत नहीं की, लेकिन फिर से कुलपति ने शिक्षक के साथ गलत हरकत की। इसकी शिकायत महिला उत्पीड़न के लिए बनी कमेटी में की गई।
कमेटी में शिकायत सही पाई गई। रिपोर्ट आने के बाद दिलीप दुरेहा पर कोई कार्रवाई नहीं की। महिला ने मामले की शिकायत पुलिस में की थी, लेकिन पुलिस ने भी कोई एक्शन नहीं लिया। इसके बाद महिला टीचर ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली। साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद गोला का मंदिर थाना पुलिस ने तत्कालीन कुलपति डॉ. दिलीप दुरेहा सहित पांच लोगों पर यौन उत्पीड़न व सहयोग करने की धाराओं में मामला दर्ज किया था। इस मामले में लगातार सुनवाई की जा रही थी।
मंगलवार को कोर्ट ने सुनाया फैसला, लगाया 41 लाख का जुर्माना हाईकोर्ट की एकल पीठ ने एलएनआईपीई में सात साल पहले हुए यौन उत्पीड़न मामले में अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने तत्कालीन कुलपति प्रो. दिलीप दुरेहा पर टिप्पणी करते हुए कहा कि संस्थान ऐसे व्यक्ति के नियंत्रण में रखा, जो सेवा में रखे जाने योग्य नहीं था। कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद कोई कार्रवाई नहीं की।
एक महिला ने अपनी प्रतिष्ठा को भी खोया। कोर्ट ने दिलीप दुरेहा पर 35 लाख रुपए का हर्जाना लगाया। एलएनआईपीई पर 1 लाख व शासन पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने यह भी कहा कि जुर्माना की राशि संबंधित पुलिस अधिकारी से वसूल की जाए, जिसके पास शिकायत पहुंची और उसने यौन शोषण का केस दर्ज नहीं किया था। चार सप्ताह में राशि वसूल कर पीड़ित महिला को देनी होगी।
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