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Anger over order to auction agricultural land of temples | मंदिरों की कृषि भूमि की नीलामी के आदेश से नाराजगी: साधु-संतों, पुजारियों ने किया विरोध, शंख बजाकर कलेक्ट्रेट पर की आरती – Gwalior News

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मंदिरों की जमीन नीलामी के आदेश के बाद कलेक्ट्रेट पर शंख बजा कर आरती करते हुए साधु-संत, पुजारी

ग्वालियर-चंबल संभाग के मठ मंदिरों के साधु-संत और पुजारी सरकार के एक आदेश से नाराज हैं। जिसमें मंदिरों की कृषि भूमि को नीलाम किया जा रहा है। ग्वालियर-चंबल संभाग के माफी औकाफ से जुड़े मंदिरों के पुजारियों, संतों ने कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट पर घेराव कर ध

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यहां साधु-संतों ने रामधुन बजाई, मजीरे बजाए और सरकार को नींद से जगाने के लिए शंख बजाकर, आरती की। प्रदर्शन में 500 से ज्यादा पुजारी धरने पर बैठे थे। कलेक्टर उन्हें मनाने के लिए पहुंची लेकिन वो नहीं माने, साधु-संत चाहते हैं कि सरकार ये आदेश वापस लें।

कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट पर घेराव कर प्रदर्शन किया गया।

कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट पर घेराव कर प्रदर्शन किया गया।

ग्वालियर में 865 मंदिरों को किया है चिह्नित ग्वालियर में सरकारी अमले की देखरेख वाले मंदिरों की संख्या 865 हैं। जिनको चिह्नित किया है। ऐसे में जैसे ही खबर मठ-मंदिरों के साधु-संत और पुजारियों तक पहुंची तो इन्होंने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

सोमवार दोपहर से ही ग्वालियर की कलेक्ट्रेट पर मठ-मंदिरों के साधु-संत और पुजारियों का जमावड़ा शुरू हो गया था, जिसके बाद, बारिश के बीच उन्होंने कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वारा धरना शुरू कर दिया। हाथों में शंख लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया।

साधु संतों का कहना है कि सरकार अपना आदेश वापस लें, क्योंकि जो मंदिरों की जमीन है उसे वे मंदिर की देख रेख में लगाते हैं। साथ ही अपने परिवार का पालन पोषण भी करते हैं।

16 जिलों में माफी औकाफ के 52 हजार मंदिर मध्य प्रदेश के 16 जिलों में माफी औकाफ के 52 हजार से ज्यादा मंदिर हैं। इनकी देखरेख सरकारी अफसर ग्वालियर से करते हैं। माफी औकाफ के मंदिर ग्वालियर संभाग के ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर एवं चंबल संभाग के मुरैना, भिंड व श्योपुर के अलावा उज्जैन, शाजापुर, मंदसौर, धार, विदिशा, नीमच, आगर मालवा और देवास जिलों में हैं।

ग्वालियर जिले में 865 मंदिर है। माफी मंदिरों पर 20377 बीघा भूमि है, जिनमें 20 से ज्यादा शहर में है। नए नियम में माफी औकाफ से जुड़े मंदिरों की 35% जमीन का रकबा 4 हेक्टेयर से अधिक अर्थात 20 बीघा से ज्यादा है। यहां जमीनों पर कब्जा न हो, इसलिए अब 4 हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले मंदिरों से लगी कृषि भूमि नीलाम कर रही है।

नीलामी के बाद जमीन ना छोड़ने पर एक लाख जुर्माना इसमें सबसे खास बात यह है कि यदि किसी मंदिर की भूमि पर कोई कब्जा करके रखता हैं, या फिर नीलामी बाद भी कब्जा नहीं छोड़ता है तो संबंधित पर 1 लाख रुपए के जुर्माना की कार्रवाई की जाएगी।

इसके साथ ही संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाकर जेल भेजने की कार्रवाई की जाएगी। इसी के विरोध में ग्वालियर, डबरा, दतिया, शिवपुरी, नरवर, करैरा और भितरवार के करीब 500 पुजारी और महंतों ने विरोध शुरू कर दिया है।

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