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दतिया में लोगों को पुलिस ड्यूटी में बाधा डालना भारी पड़ गया। कोर्ट ने सोमवार को दोनों आरोपियों को एक-एक साल के लिए जेल भेज दिया, वहीं 1-1 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
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घटना मार्च 2020 की है। चिरूला थाना में पदस्थ आरक्षक गुरुबचन सिंह वरिष्ठों के निर्देश पर एक की तलाश में उसके गांव बेरा गांधारी पहुंचा था। जब वह संदिग्ध के घर तलाशी के लिए पहुंचा तो वहां मौजूद संदिग्ध के पिता दिनेश और मां उमा परिहार ने उसकी वर्दी पकड़ ली और उससे लटक गए। इससे वर्दी फट गई और बटन भी टूट गए थे। इसके बाद तीनों ने मिलकर पुलिसकर्मी के साथ गाली-गलौज और बदसलूकी की थी। तभी वहां मौजूद दूसरे आरक्षक संदेश ने किसी तरह बीच-बचाव कर साथी जवान को बचाया।
घटना के बाद आरक्षक गुरुबचन सिंह ने चिरूला थाने में शिकायत दर्ज कराई। जांच के बाद मामला कोर्ट ने संदिग्ध के नाबालिग होने के कारण उसका मामला अलग कर दिया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सतीश वसुनिया ने सबूतों और गवाहों के आधार पर दिनेश और उमा परिहार को दोषी मानते हुए सजा सुनाई। इस केस में शासन की ओर से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी अजय कुमार मिश्रा ने पैरवी की।
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