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मंदसौर में भगवान पशुपतिनाथ की प्रतिमा को गुलाब, गेंदा और कमल के फूलों से सजाया गया।
मंदसौर के पशुपतिनाथ मंदिर के गर्भ गृह में विराजित विश्वप्रसिद्ध अष्टमुखी भगवान पशुपतिनाथ की नैना विराम प्रतिमा को निहारने के लिए सैकड़ो की तादात में श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं। पशुपतिनाथ की अष्ट मुख वाली प्रतिमा को गुलाब, गेंदा और कमल के फूलों से स
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सावन के पहले सोमवार सुबह से लेकर लगभग 25 हजार लोग दर्शनार्थी बाबा पशुपतिनाथ के दर्शन करेंगे।
पशुपतिनाथ की प्रतिमा पूरे विश्व की सबसे अद्भुत प्रतिमा मानी जाती है, इस संसार की यह एकमात्र ऐसी प्रतिमा है जिसके आठ मुख हैं जो अलग-अलग मुद्रा में दिखाई देते हैं। यही वजह है कि शिव भक्तों के लिए यह आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।

सन 1939 में पशुपतिनाथ की प्रतिमा शिवना नदी से मिली प्रतिमा 1961 में गर्भ गृह में स्थापित की गई।
गर्भगृह में श्रद्धालुओं के जाने पर रोक सावन के पहले सोमवार भीड़ ज्यादा होने की वजह से श्रद्धालुओं को गर्भ गृह में अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई, दर्शनार्थी बाहर से ही कतारबद्ध तरीके से बाबा के दर्शन कर रहे हैं। तो सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए पुलिस प्रशासन भी पूरी मुस्तैद नजर आ रहा है।
मंदिर पुजारी राकेश भट्ट ने दैनिक भास्कर से चर्चा के दौरान बताया कि सावन के पहले सोमवार को प्रातः काल से ही बड़ी संख्या में भक्त भगवान के दर्शन के लिए पधार रहे हैं। पशुपतिनाथ प्रतिमा का जलाभिषेक और फिर दुध, दही, घी से विशेष आकर्षक श्रृंगार किया गया है।
भगवान के 8 ही मुखों पर अलग-अलग श्रृंगार किया गया। यह भगवान भोलेनाथ को मनाने का सबसे बड़ा पर्व है।

सुबह से ही लोग भगवान के दर्शन करने को पहुंचे।
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