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ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस का धमाका, 15 देशों ने जताई मांग: राजनाथ

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लखनऊ:ब्रह्मोस मिसाइल ने ऑपरेशन सिंदूर में चमत्कार कर दिया.” रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को लखनऊ में ये बयान देकर न सिर्फ भारत की सैन्य ताकत पर भरोसा जताया, बल्कि यह भी कहा कि इस ऑपरेशन के बाद दुनिया के 14–15 देशों ने भारत से ब्रह्मोस खरीदने की मांग की है. उन्होंने कहा कि अब ब्रह्मोस का एक्सपोर्ट लखनऊ से भी होगा और यह उत्तर प्रदेश को रक्षा क्षेत्र की आत्मनिर्भरता का केंद्र बना देगा.

राजनाथ सिंह लखनऊ के नेशनल पीजी कॉलेज में पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रभानु गुप्ता की प्रतिमा अनावरण और डाक टिकट विमोचन समारोह में बोल रहे थे. उन्होंने कहा, “कुछ दिन पहले ही मैंने लखनऊ में ब्रह्मोस एयरस्पेस इंटीग्रेशन और टेस्टिंग फैसिलिटी का उद्घाटन किया है. आपने देखा होगा कि ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस ने कितना शानदार प्रदर्शन किया. इसके बाद करीब 14–15 देशों ने भारत से ब्रह्मोस की मांग की है.”

ब्रह्मोस का धमाका अब दुनिया भर में गूंज रहा है– रक्षा मंत्री
राजनाथ सिंह ने ब्रह्मोस को भारत की तकनीकी ताकत और रणनीतिक संकल्प का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा, “ब्रह्मोस अब सिर्फ एक मिसाइल नहीं, भारत के सैन्य आत्मविश्वास की पहचान बन चुका है. ऑपरेशन सिंदूर में इसका परफॉर्मेंस देखकर दुनिया हैरान रह गई. भारत अब सिर्फ डिफेंस इंपोर्टर नहीं एक ग्लोबल डिफेंस एक्सपोर्टर बनता जा रहा है.”

उन्होंने कहा कि यूपी अब सिर्फ खेती या संस्कृति का गढ़ नहीं, बल्कि रक्षा तकनीक का भी उभरता हुआ केंद्र बन गया है. रक्षा मंत्री ने उत्तर प्रदेश की बदलती तस्वीर को लेकर भी बड़ी बात कही, “यूपी में कानून व्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर का नया चेहरा. उत्तर प्रदेश में आज इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव हो रहे हैं… एक्सप्रेसवे, एयरपोर्ट, मेट्रो, मेडिकल कॉलेज, ये सब विकास की नई तस्वीर पेश कर रहे हैं.”

उन्होंने कहा कि बेहतर कानून व्यवस्था और मजबूत बुनियादी ढांचे के कारण यूपी में निवेश और इंडस्ट्री का माहौल तेजी से बन रहा है. यही वजह है कि ब्रह्मोस जैसे अत्याधुनिक हथियारों का उत्पादन अब लखनऊ जैसे शहरों में संभव हो रहा है.

चंद्रभानु गुप्ता सिर्फ नेता नहीं, मूल्यों के प्रतीक: राजनाथ सिंह
कार्यक्रम में उन्होंने चंद्रभानु गुप्ता के योगदान को याद करते हुए कहा, “उन्होंने एक सामान्य कार्यकर्ता से शुरुआत की और जन सेवा, त्याग और नेतृत्व के दम पर करोड़ों लोगों के दिलों में जगह बनाई. उनके जीवन से हमें यह सीख मिलती है कि सत्ता केवल पद या अधिकार नहीं, बल्कि जिम्मेदारी और सेवा है.”

उन्होंने यह भी कहा कि गुप्ता का दृष्टिकोण हमेशा राष्ट्रीय रहा, कभी सीमित नहीं. उन्होंने आगे कहा, “चंद्रभानु गुप्ता जी लंबे समय तक सत्ता में नहीं रहे, लेकिन जितने समय रहे, जन कल्याण को प्राथमिकता दी. उनकी ईमानदारी के किस्से आज भी प्रेरणा हैं.”

नेहरू की आर्थिक नीतियों से नहीं थे सहमत, फिर भी दिया इस्तीफा…
राजनाथ सिंह ने कामराज योजना का जिक्र करते हुए कहा कि गुप्ता जी को जवाहरलाल नेहरू की आर्थिक नीतियों से असहमति थी, फिर भी उन्होंने पार्टी की मर्यादा को प्राथमिकता दी और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा, “आप सोचिए, एक निर्वाचित नेता को सिर्फ इसलिए पद छोड़ना पड़ा क्योंकि कुछ लोगों को पसंद नहीं था. ये थी उस दौर की नैतिक राजनीति.” उन्होंने कहा कि डाक टिकट सिर्फ सम्मान नहीं, बल्कि भारतीय राजनीति के मूल्यों, ईमानदारी, सादगी और सेवा की विरासत को सलाम है.

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