[ad_1]
‘एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ ने भी एअर इंडिया विमान दुर्घटना की निष्पक्ष और तथ्य-आधारित जांच की मांग करते हुए शनिवार को दावा किया था कि हादसे की जांच की शैली और दिशा पायलट की गलती की ओर संकेत करने वाला पूर्वाग्रह है. आईसीपीए टाटा समूह के स्वामित्व वाली एअर इंडिया में ‘नैरो बॉडी’ वाले विमान बेड़े के पायलटों का संगठन है.
पंद्रह पन्ने की रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉकपिट की आवाज रिकॉर्डिंग में एक पायलट दूसरे से पूछता सुनाई देता है कि उसने ईंधन क्यों बंद किया, जिस पर दूसरा पायलट ईंधन बंद करने से इनकार करता है. बारह जून को अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रहे एअर इंडिया की एआई171 उड़ान के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना पर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में एएआईबी ने शनिवार को कहा कि बोइंग 787-8 विमान के ईंधन स्विच उड़ान भरने के तुरंत बाद बंद हो गए थे.
आईसीपीए ने बयान में कहा, “इस समय ऐसे दावे का कोई आधार नहीं है तथा अधूरी या प्रारंभिक जानकारी के आधार पर इस तरह के गंभीर आरोप लगाना न केवल गैरजिम्मेदाराना है – बल्कि इसमें शामिल व्यक्तियों और परिवारों के प्रति भी असंवेदनशील रवैया है.” एसोसिएशन ने इस बात पर जोर दिया कि पायलटों को व्यापक मनोवैज्ञानिक और पेशेवर जांच, औचक प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता है, तथा सुरक्षा, जिम्मेदारी और मानसिक स्वास्थ्य के उच्चतम मानकों के तहत काम करना होता है.
एएआईबी ने प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा कि जांच जारी है और जांच दल हितधारकों से प्राप्त अतिरिक्त साक्ष्यों, अभिलेखों और सूचनाओं की समीक्षा और जांच करेगा. एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एएलपीए) ने शनिवार को एअर इंडिया विमान दुर्घटना की निष्पक्ष और तथ्य-आधारित जांच की मांग की. एएलपीए ने कहा था, “जांच की शैली और दिशा पायलट की गलती की ओर संकेत करने वाला पूर्वाग्रह है…एएलपीए इंडिया इस धारणा को स्पष्ट रूप से खारिज करती है और निष्पक्ष, तथ्य-आधारित जांच पर जोर देती है.”
एसोसिएशन ने यह भी मांग की है कि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उसके प्रतिनिधियों को जांच प्रक्रिया में पर्यवेक्षक बनाया जाए. एएलपीए इंडिया, इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन (आईएफएएलपीए) का एक ‘मेंबर एसोसिएट’ है.
[ad_2]
Source link


