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RTI फार्म की कॉपी लेने से इनकार करते डीपीसी फूलसिंह दिनकर।
निवाड़ी जिले के डिप्टी प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर (डीपीसी) और एक आरटीआई कार्यकर्ता के बीच की बातचीत का वीडियो सामने आया है।
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बिनवारा गांव के समाजसेवी अंकित शर्मा ने डीपीसी कार्यालय में जाकर भर्ती प्रक्रिया की जानकारी मांगी। यह जानकारी सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी गई थी। डीपीसी फूलसिंह दिनकर ने न केवल जानकारी देने से इनकार कर दिया, बल्कि कई विवादित टिप्पणियां भी कीं। इस मामले पर डीपीसी से चर्चा करने कॉल लगाया तो उन्हें कॉल रिसीव नहीं किया।

आरटीआई की पावती देने से इनकार करते डीपीसी।
छह मिनट के वीडियो में डीपीसी को कहते सुना जा सकता है कि वे अपनी मर्जी से काम करते हैं। जब कार्यकर्ता ने कहा कि अखबारों में भ्रष्टाचार की खबरें छपी हैं, तो डीपीसी ने अखबारों को फर्जी बताया और कहा कि सभी पैसे लेकर खबरें छापते हैं।
सिस्टम को बताया भ्रष्ट
डीपीसी ने यहां तक कह दिया कि उनकी कुर्सी भी उन्होंने खुद खरीदी है। उन्होंने सिस्टम को भ्रष्ट बताते हुए कहा कि जिले में अच्छे लोगों को काम नहीं करने दिया जाता, जबकि घोटालेबाज खुले घूम रहे हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता ने यह पूरी बातचीत अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर ली। डीपीसी ने न केवल जानकारी देने से मना किया बल्कि आवेदन की पावती देने से भी इनकार कर दिया। उन्होंने कार्यकर्ता को डाक से आवेदन भेजने को कहा।

डीपीसी फूलसिंह दिनकर।
अखबार तो सभी फर्जी हैं
डीपीसी ने आरटीआई लेकर पहुंचे समाजसेवी से कहा, अखबार तो सभी फर्जी हैं, अखबार में छपने से क्या होता है। मैं आपको पावती नहीं दूंगा और ना ही जानकारी दे सकता हूं, आपको ऊपर जहां शिकायत करना है कर दो। भ्रष्टाचार कर कर के वार्डन बनाए गए हैं। मैंने नियमानुसार नियुक्ति करवाई है।
मैं भ्रष्टचारी निकला तो नौकरी छोड़कर चला जाऊंगा
आखिरी में डीपीसी ने कहा कि जो बोल देगा मैं भ्रष्टाचारी हूं तो नौकरी छोड़कर चला जाऊंगा। अंत में उन्होंने कह दिया कि मेरे पास टाइम नहीं है बाद में आना। यह पूरा घटनाक्रम समाजसेवी ने चुपचाप मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया, जिसमें डीपीसी का एक-एक शब्द रिकॉर्ड है।
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