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28 फरवरी 2024 को मजदूर अकील की 12 फीट गहरे गड्ढे में दबने से मौत हो गई थी।
नर्मदापुरम शहर में अंडरग्राउंड सीवरेज लाइन डाल रही भुवन इंफ्रा कंपनी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर, मैनेजर और सुपरवाइजर के खिलाफ लापरवाही से मौत (धारा 304ए) का केस दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई 17 महीने बाद की गई है। मजदूर की मौत फरवरी 2024 में नंद विहार कॉ
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भोपाल निवासी मजदूर अकील खान को कंपनी ने 28 फरवरी 2024 को सीवरेज लाइन डालने के लिए करीब 12 फीट गहरी नाली में उतारा था, वह जमीन समतल कर रहा था। तभी नाली की मिट्टी धंस गई और अकील नीचे दब गया। साथियों ने रस्सी डालकर उसे निकालने की कोशिश की, लेकिन उसका हाथ छूट गया।
दो घंटे चला रेस्क्यू, नहीं बचाई जा सकी जान करीब दो घंटे तक होमगार्ड और SDRF की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, लेकिन अकील को जिंदा बाहर नहीं निकाला जा सका। जांच में सामने आया कि कंपनी ने कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं की थी और बिना सेफ्टी के मजदूरों से काम कराया जा रहा था।

30जून को भी एक मजदूर दब गया था। जिसे बचा लिया गया।
जांच के बाद FIR, तीन अफसरों पर केस दर्ज कोतवाली पुलिस के एसआई अनुज बघेल ने जांच के बाद शुक्रवार रात को कंपनी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रवि प्रसाद, मैनेजर अरुण शर्मा और सुपरवाइजर मुन्ना तिवारी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304(ए) और 34 बीएनएस के तहत केस दर्ज किया।
30 जून को ऐसी ही घटना, मजदूर की जान बची थी इससे पहले 30 जून को हर्षित नगर में भी सीवरेज लाइन डालते समय मिट्टी धंस गई थी। एक मजदूर पप्पू करीब ढाई फीट गहरे गड्ढे में दब गया था, जिसे जेसीबी और स्थानीय लोगों की मदद से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था। इस घटना ने भी कंपनी की लापरवाही उजागर की थी।
प्रशासन ने हादसे के बाद दिए थे जांच के निर्देश अकील की मौत के बाद प्रशासन ने जांच कराई थी, जिसमें सामने आया कि कंपनी और ठेकेदार ने सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया और न ही एजेंसियों ने मॉनीटरिंग की। यही लापरवाही अकील की मौत का कारण बनी।
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