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There would be a delivery date, we will pick it up a week before | डिलीवरी की डेट होती, एक हफ्ते पहले उठवा लेंगे: सीधी की गर्भवती सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर के बयान पर सांसद राजेश मिश्रा का बयान – Sidhi News

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यह कहना है सीधी सांसद डॉ. राजेश मिश्रा का। वे सोमवार को कलेक्टोरेट में समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में बोल रहे थे। दरअसल, खड्‌डी खुर्द ग्राम पंचायत की चर्चित यू-ट्यूबर लीला साहू के बयान को लेकर उनसे पत्रकारों ने सवाल किया था। इसके बाद उन्होंने यह जवाब दिया।

9 माह की गर्भवती लीला साहू ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर अपने गांव की कच्ची और कीचड़ भरी सड़कों की समस्या उठाई थी। उन्होंने बताया कि खराब सड़क के कारण अस्पताल जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

लीला एक साल से गांव में पक्की सड़क की मांग कर रही हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मदद की गुहार लगाई।

वहीं पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने सड़क निर्माण की मांग को फंड की कमी का हवाला देते हुए खारिज कर दिया था। उन्होंने सड़क निर्माण की प्रक्रिया को जटिल बताया। लीला ने कहा कि उन्होंने बीजेपी को वोट दिया था। डबल इंजन सरकार से उम्मीद थी, लेकिन उन्हें सिर्फ बहाने मिले। दोनों नेताओं की प्रतिक्रिया के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने नाराजगी जताई है।

पढ़िए… सांसद डॉ. राजेश मिश्रा का पूरा बयान

सीधी से सांसद राजेश मिश्रा।

सीधी से सांसद राजेश मिश्रा।

कई रोड 10 साल से बन रही है। कहीं-कहीं फॉरेस्ट की आपत्ति की कारण काम रुका है। ये रामायण में देखा था कि विश्वकर्मा ने ऐसे हाथ फैलाया। चमत्कार हो गया। नई नगरी बन गई। आज कांग्रेस को कोई नेता नहीं मिल रहा है और वे बेचारे एक ऐसी महिला को जो गर्भवती है। उसको मोहरा बनाकर कांग्रेस के लोग राजनीति कर रहे हैं। मुझे तो इनके ऊपर तरस आता है।

सवाल : लीला साहू जी का जो डर है कि अगर सड़क नहीं बनी तो हमारी डिलीवरी कैसे होगी? जवाब: उस गांव की जो सड़क है ना चुरहट और धौनी विधानसभा को जोड़ती है। हम लोगों को मालूम है, उसके लिए क्या कर रहे हैं। रही बात डिलीवरी की तो उस गांव में बहुत सारी महिलाएं होंगी, जिनकी डिलीवरी भी हुई होगी। आज तक ऐसी घटना हुई क्या? मोहन यादव की सरकार है मध्यप्रदेश में। आज जरूरत पड़े तो मरीज को हेलीकॉप्टर, हवाई जहाज से भी उड़ाकर ले जाते हैं और इलाज कराते हैं। हमारे पास एंबुलेंस हैं। हमारे पास सुविधाएं हैं। वहां पर आशा कार्यकर्ताएं हैं। हम व्यवस्था करेंगे, उसके लिए। उसमें क्या चिंता की बात है। अस्पताल में भर्ती हो जाओ आकर, अगर ऐसी कोई बात है तो। डिलीवरी की एक्पेक्टेड डेट होती है। उसके हम एक हफ्ते पहले उठवा लेंगे। उनकी इच्छा है तो आकर भर्ती हो जाएं। हम सब सुविधा देंगे। हमारी सरकार भोजन, पानी भी देती है। सब कुछ कराती है। मैं समझता हूं। इसको सामने रखकर बात करना…कोई उचित बात नहीं है। अब मान लीजिए किसी को सोशल मीडिया में छाना है तो आप कुछ भी कर सकते हैं। हर गांव में ऐसा होगा। सड़क मैं नहीं बनाता हूं। सड़क इंजीनियर बनाता है। उसका सर्वे होता है। कोई ठेकेदार बनाता है। डीपीआर होता है। उसके बहुत सारे प्रोजेक्ट होते हैं। वैसे भी दो-तीन साल लगता है। वह सड़क जो आप कह रहे हैं, उसके लिए हमारा डे टू डे …कि अगर बनेगी तो किस दिन निविदा निकलेगी। हमारे जो प्रधानमंत्री सड़क योजना के इंजीनियर हैं। उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति भी जारी किया है। वह तो आपके पास भी गई होगी। उसमें मेरे से पूछने की क्या जरूरत है। मेरे पहले कांग्रेस के जो नेता थे, उन लोगों ने क्या किया।

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खराब सड़क के खिलाफ 8 गर्भवती महिलाओं ने खोला मोर्चा:सीधी की लीला साहू कर रहीं अगुआई, बोलीं- महिलाओं को कुछ हुआ तो सांसद होंगे जिम्मेदार

मध्यप्रदेश के सीधी जिले के खड्‌डी खुर्द गांव की 8 गर्भवती महिलाओं ने खराब सड़क के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इनकी अगुआई कर रही है बघेली सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर लीला साहू, जो खुद भी प्रेग्नेंट है। दरअसल, इस गांव की खराब सड़क को लेकर लीला साहू ने पिछले साल भी आवाज उठाई थी। पूरी खबर पढ़ें…

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