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आपके साथ भी हुआ बैंकिंग फ्रॉड? दिल्‍ली के इस लड़के की कहानी जान लें, FD से भी ज्‍यादा ब्‍याज के साथ वसूला पैसा – Man face Banking Fraud SBI Did not help now Consumer Court now order to return money with 10 percent interest

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नई दिल्‍ली. आरबीआई की तरफ से बार-बार कहा जाता है कि अगर आपके साथ बैंकिंग फ्रॉड होता है तो बिना देरी किए इसकी सूचना बैंक को दें. दिल्‍ली के एक युवक ने ऐसा ही किया, लेकिन इसके बावजूद उसे इंसाफ मिलने में 11 साल लग गए और वो भी कंज्‍यूमर कोर्ट की मदद से. फ्रांड के दौरान गंवाई रकम उन्‍हें बहुत पहले मिल चुकी होती लेकिन स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया ने निचली कोर्ट के फैसले को चुनौती दी, जिसके कारण केस खिंचता चला गया. ईटी वेल्‍थ की रिपोर्ट के अनुसार अब कोर्ट ने बैंक को पूरी राशि एफडी से भी ज्‍यादा वार्षिक ब्याज यानी 10 परसेंट के रेस से रिफंड करने का निर्देश दिया है.

क्‍या है पूरा मामला

एक शख्‍स ने गुवाहाटी रेलवे स्टेशन के एक SBI ATM से 1,000 रुपये निकालने की कोशिश की, लेकिन ट्रांजेक्शन फेल हो गई. इसके बाद उन्होंने पास के इंडियन ओवरसीज बैंक के ATM से पैसे निकाले. दिल्ली के लिए ट्रेन में सवार होने के बाद उन्हें SBI से तीन SMS प्राप्त हुए, जिसमें उनके बैंक कार्ड से 1,000 रुपये, 20,000 रुपये और फिर 1,000 रुपये की निकासी की पुष्टि की गई. दिल्ली पहुंचने पर पंवार ने तुरंत बैंक में शिकायत दर्ज की और ATM की CCTV फुटेज की मांग की, लेकिन बैंक ने कोई जवाब नहीं दिया. उन्होंने RBI बैंकिंग ओम्बुड्समैन में दो शिकायतें दर्ज कीं, लेकिन कोई राहत नहीं मिली. अंततः, उन्होंने दिल्ली डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर फोरम में शिकायत दर्ज की.

एसबीआई ने फैसले का किया विरोध

25 अक्टूबर 2017 को दिल्ली डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर फोरम ने SBI को 20,000 रुपये लौटाने का आदेश दिया. इसके अलावा 4 जनवरी 2014 से 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज देने, 5,000 रुपये मुकदमे के खर्च के लिए और 10,000 रुपये मानसिक परेशानी और उत्पीड़न के लिए देने का आदेश दिया. SBI ने इस आदेश के खिलाफ दिल्ली स्टेट कंज्यूमर फोरम में अपील की. इसपर अब फिर ग्राहक के पक्ष में फैसला आया.

कितना पैसा मिलेगा वापस?

SBI को मूल राशि 20,000 रुपये के साथ 4 जनवरी 2014 से 9 जुलाई 2025 तक 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज देना होगा. कहा गया कि चक्रवृद्धि ब्याज की गणना करने पर 20,000 रुपये पर 11 वर्षों के लिए 10% वार्षिक ब्याज (साधारण ब्याज मानते हुए) लगभग 22,000 रुपये होगा. इस प्रकार कुल राशि 20,000 (मूल) + 22,000 (ब्याज) + 5,000 (मुकदमे का खर्च) + 10,000 (मानसिक परेशानी) = लगभग 57,000 रुपये होगी.

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