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मध्यप्रदेश में दक्षिण-पश्चिम मानसून जमकर बरस रहा है। अब तक औसत 14 इंच बारिश हो चुकी है, जो 74% ज्यादा है। तेज बारिश से प्रदेश के मंडला, नरसिंहपुर समेत कई जिलों में बाढ़ के हालात है। नर्मदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि कई रास्ते बंद है। मंग
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मंगलवार को टीकमगढ़ जिले में धसान नदी पर बने बान सुजारा बांध के 5 गेट और खोल दिए गए। दमोह में सतधरू और साजली बांध के तीन-तीन गेट और बैतूल जिले के सारणी में सतपुड़ा डैम के 7 गेट खोल दिए गए। नरसिंहपुर के कौड़ियां गांव में बाढ़ आ गई। कई घर आधे डूब गए। इससे रेस्क्यू की नौबत आ गई। नर्मदापुरम में तेज बारिश की वजह से स्कूलों की छुट्टी कर दी गई। वहीं, मंडला में नर्मदा नदी खतरे के निशान के ऊपर बही। मंडला में ही उफनती नदी पार करने के दौरान 3 बाइक सवार बह गए। दो बच गए, लेकिन तीसरा लापता है। धार में खेतों में पानी भरने से फसलें खराब हो रही है।
पचमढ़ी में 9 घंटे में 5 इंच बारिश हुई प्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी है। मंगलवार को भी प्रदेश के कई जिलों में तेज बारिश हुई। नर्मदापुरम के पचमढ़ी में 9 घंटे में 5 इंच से ज्यादा पानी गिर गया। यहां भारी बारिश दर्ज की गई। वहीं, नर्मदापुरम में सवा इंच, बैतूल, बालाघाट के मलाजखंड में 1 इंच, श्योपुर, छिंदवाड़ा-दमोह में पौन इंच पानी गिरा। भोपाल, मंडला, नरसिंहपुर, हरदा, दमोह, धार, रायसेन, टीकमगढ़, सीहोर, देवास, शाजापुर, आगर-मालवा, इंदौर, सिवनी, जबलपुर, सागर समेत कई जिलों में बारिश का दौर चलता रहा।

आज इन जिलों में तेज बारिश का अलर्ट मौसम विभाग ने बुधवार को विदिशा, रायसेन, सागर, दमोह, पन्ना, सतना, रीवा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। अगले 24 घंटे में 8 इंच तक पानी गिरने की संभावना है।
वहीं, भोपाल, सीहोर, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, जबलपुर, कटनी, डिंडौरी, अनूपपुर, उमरिया, मैहर, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में भारी बारिश हो सकती है। इंदौर, उज्जैन, धार, बड़वानी, श्योपुर, हरदा समेत अन्य जिलों में बारिश का यलो अलर्ट है।
प्रदेश में मंगलवार को हुई बारिश की तस्वीरें…

मंडला में नर्मदा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, घाट भी डूब गए।

मंडला में सोमवार रात एक बाइक सवार नदी में बह गया, जबकि दो ने जैसे-तैसे अपनी जान बचाई।

भोपाल में मंगलवार को तेज बारिश का दौर रहा।
तीन सिस्टम का असर सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि प्रदेश में दो ट्रफ का असर है। वहीं, साइक्लोनिक सकुर्लेशन सिस्टम भी एक्टिव है। इन वजहों से अति भारी या भारी बारिश हो रही है। लो प्रेशर एरिया (कम दवाब का क्षेत्र) की एक्टिविटी अगले कुछ दिन में देखने को मिलेगी। इससे बारिश का दौर जारी रहेगा।
12 जुलाई तक तेज बारिश का दौर रहेगा मौसम विभाग के अनुसार, अगले चार दिन यानी, 12 जुलाई तक प्रदेश के ज्यादातर हिस्से में तेज बारिश का दौर रहेगा। 9-10 जुलाई को स्ट्रॉन्ग सिस्टम के रहने का अनुमान है। पूर्वी हिस्से में सिस्टम का असर ज्यादा रहेगा।
10-11 जुलाई को इन जिलों में बारिश का अलर्ट…


इस बार एक दिन ही लेट पहुंचा मानसून बता दें कि इस बार देश में मानसून 8 दिन पहले ही आ गया था। वहीं, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में यह तय समय से पहले पहुंच गया। ऐसे में अनुमान था कि मध्यप्रदेश में यह जून के पहले सप्ताह में ही आ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पिछले 15 दिन से मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर ठहरा रहा। इस वजह से एमपी में इसकी एंट्री नहीं हो पाई। 13-14 जून को मानसून आगे बढ़ा। बावजूद यह प्रदेश में 1 दिन लेट हो गया।
हालांकि, 3 दिन में ही मानसून ने प्रदेश के 53 जिलों को कवर कर लिया। वहीं, एक के ठहराव के बाद बाकी बचे 2 जिले- भिंड और मऊगंज में भी मानसून एंटर हो गया। इस तरह 5 दिन में ही मानसून ने पूरे प्रदेश को कवर कर लिया। एमपी में मानसून के प्रवेश की सामान्य तारीख 15 जून ही है। पिछले साल यह 21 जून को एंटर हुआ था। मानसून के एक्टिव होने के बाद से ही पूरे प्रदेश में तेज बारिश का दौर चल रहा है।
एमपी में इतना रहा तापमान…


10 साल में बारिश का ट्रेंड, पहले भोपाल के बारे में जानिए भोपाल में जुलाई में खूब बारिश होती है। यहां एक ही महीने में 1031.4 मिमी यानी 41 इंच के करीब बारिश होने का रिकॉर्ड है। यह साल 1986 में हुई थी। 22 जुलाई 1973 को एक ही दिन में 11 इंच बारिश हुई थी, जो अब तक का रिकॉर्ड है। साल 2024 में पूरे जुलाई महीने में 15.70 इंच बारिश हुई थी।
भोपाल में जुलाई महीने में एवरेज 15 दिन बारिश होती है यानी हर दूसरे दिन पानी बरसता है। महीने की एवरेज बारिश 367.7 मिमी यानी 14.4 इंच है। बारिश के चलते दिन का तापमान 30 और रात में पारा 25 डिग्री सेल्सियस से कम रहता है।

इंदौर में इस बार 40% ज्यादा बारिश इंदौर की बात करें तो 24 घंटे में 11.5 इंच बारिश होने का रिकॉर्ड है, जो 27 जुलाई 1913 को हुई थी। वर्ष 1973 में पूरे महीने 30.5 इंच पानी गिरा था। बारिश के चलते यहां भी तापमान में गिरावट देखने को मिलती है। इंदौर में महीने की एवरेज बारिश 12 इंच है। एवरेज 13 दिन यहां बारिश होती है। पिछले साल इंदौर में पूरे महीने 8.77 इंच बारिश हुई थी।

जबलपुर में जुलाई में गिर चुका 45 इंच पानी चारों बड़े शहरों में जबलपुर ऐसा है, जहां सबसे ज्यादा बारिश होती है। वर्ष 1930 में यहां करीब 45 इंच पानी बरसा था जबकि 30 जुलाई 1915 को 24 घंटे की सर्वाधिक 13.5 इंच बारिश हुई थी। 2013 और 2016 में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई थी।
जबलपुर में जुलाई की सामान्य बारिश 17 इंच है। महीने में 15 से 16 दिन पानी बरसता है।

ग्वालियर में कम बारिश का ट्रेंड भोपाल, इंदौर और जबलपुर की तुलना में ग्वालियर में जुलाई के महीने में सबसे कम बारिश होती है। पिछले 10 साल में 6 बार ऐसा हुआ, जब 8 इंच से कम पानी गिरा हो जबकि यहां की एवरेज बारिश 9 इंच के करीब है।
ग्वालियर में वर्ष 1935 में महीने की सबसे ज्यादा बारिश हुई थी। तब 623.3 मिमी यानी 24.5 इंच बारिश दर्ज की गई थी। इस बार बारिश के अच्छे संकेत हैं। मानसून की दस्तक के साथ यहां तेज बारिश का दौर जारी है। 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश की बात करें तो 12 जुलाई 2015 को 190.6 मिमी यानी साढ़े 7 इंच पानी बरसा था। ग्वालियर में जुलाई के महीने में एवरेज 11 दिन बारिश होती है।

उज्जैन में 36 इंच बारिश का रिकॉर्ड उज्जैन में पूरे जुलाई महीने में 36 इंच बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड है। इतनी बारिश साल 2015 में हुई थी। 2023 में 21 इंच से ज्यादा पानी गिर गया था। 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश 19 जुलाई 2015 को 12.55 इंच हुई थी। उज्जैन में जुलाई की औसत बारिश 13 इंच है। महीने में 12 दिन पानी बरसता है।

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