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रोशनी 2017 से केरल वन विभाग में बीट फॉरेस्ट ऑफिसर के रूप में काम कर रही हैं. उन्होंने जिन सांपों को पकड़कर रेस्क्यू किया, उसमें अजगर, वाइपर, और अन्य कोबरा प्रजातियां शामिल हैं. यह उनका पहला किंग कोबरा रेस्क्यू था, जो दक्षिणी केरल में कम देखा जाता है. उन्होंने इसे बिना किसी सुरक्षा उपकरण के केवल छड़ी और बैग के साथ पूरा किया.
सवाल – जी.एस. रोशनी ने कोबरा को पकड़ने के लिए कौन सी ट्रिक का इस्तेमाल किया?
– जी.एस. रोशनी ने किंग कोबरा को पकड़ने के लिए सावधानी, धैर्य, और वैज्ञानिक तकनीक का इस्तेमाल किया. उन्होंने पूरी तरह से शांत रहते हुए उस तकनीक का प्रदर्शन किया, जो खतरनाक और लंबे सांपों को पकड़ने में इस्तेमाल की जाती है. वह बिना घबराए सांप की हर हरकत पर नजर रखती हैं. किंग कोबरा जैसे खतरनाक सांप के सामने भी उनकी शांति और धैर्य ने स्थिति पर कंट्रोल रखा. चूंकि वह फारेस्ट अफसर हैं लिहाजा वह सांपों को पकड़ने की प्रापर ट्रेनिंग ले चुकी हैं और इसे अच्छी तरह करना जानती हैं. उनकी ट्रिक में स्नेक कैचिंग स्टिक और बैग का इस्तेमाल, सांप की हरकतों पर नजर रखना, और धैर्य के साथ काम करना शामिल था.
सवाल – उन्होंने सांप की पूंछ क्यों पकड़ी?
– दरअसल सांप की पूंछ पकड़ने के बाद उसका मूवमेंट कंट्रोल किया जा सकता है. ऐसा करने पर सांप अपनी बॉडी को हरकत में नहीं ला पाता. ये भी गौरतलब है कि पूंछ पकड़ने से सांप की पूरी बॉडी जो मूवमेंट ला पाती है, वो काफी हद तक कम हो जाती है. बेशक सांप पीछे की पलटकर हमला कर सकता है लेकिन उसकी सीमा होती है, वो अपने शरीर की आधी लंबाई तक ही पलटकर हमला करने में सक्षम होता है. इसलिए ज्यादातर स्नैच कैचर उसे कंट्रोल करने के लिए सबसे पहले पूंछ को पकड़ते हैं.
– एक तो उसके जहर की तोड़ सही मायनों में अब भी नहीं है. दूसरा ये अगर लंबा है तो सामने खड़े शख्स की ऊंचाई खुद को खड़ा करके अपना हुड तान सकता है. ये बहुत खतरनाक स्थिति होती है. इसलिए स्नैक कैचर पर्याप्त पीछे रहते हुए उसकी पूंछ पकड़ते हैं सांप को पकड़ते हुए कभी उसके सामने नहीं आना चाहिए.
सवाल – स्नेक कैचिंग के लिए वो कौन से टूल होते हैं जो फारेस्ट अफसर जीएस रोशनी ने इस्तेमाल किये?
– इसमें खासतौर पर स्नेक कैचिंग स्टिक का इस्तेमाल किया जाता है. रोशनी ने भी यही किया. उन्होंने एक लंबी छड़ी (स्नेक कैचिंग स्टिक) का उपयोग किया. एक और स्टिक उनके पास थी, जिसके आखिरी छोर पर काले रंग का थैला जुड़ा हुआ था. यह छड़ी सांप को सुरक्षित दूरी से नियंत्रित करने में मदद करती है. दूसरे इसके जरिए सांप को बैग में घुसाया भी जा सकता है. जब छड़ी से सांप नियंत्रित हो जाता है तो वह किनारे पर इससे जुड़े बैग में घुस जाता है. जिसे तुरंत स्टिक को घुमाकर बंद कर देते हैं.
– इसका रंग काला इसलिए रखा जाता है क्योंकि सांप इसके रंग की वजह से इसे बिल समझता है और ये रंग उसे अंधेरे का अहसास कराता है. इसलिए वह आराम से इस बैग में चला जाता है.
सवाल – उन्होंने लगातार सांप की हरकतों पर नजर रखते हुए क्या किया?
– जब रोशनी को अपनी स्टिक से कंट्रोल कर रही थीं, तब किंग कोबरा बार-बार फन फैलाकर हमला करने की कोशिश कर रहा था. रोशनी ने ऐसा करने से उसे रोका लेकिन कई मिनट धैर्य के साथ थकाती रहीं. इससे उसकी ताकत और गति दोनों कम होती गई. यह तकनीक खतरनाक सांपों को पकड़ने में बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे सांप की आक्रामकता कम हो जाती है.
सवाल – स्नैक रेस्क्यू किट क्या होता है?
– ये भारत के वन विभाग द्वारा सांपों को रेस्क्यू के समय पकड़ने के दौरान इस्तेमाल करने वाली किट होती है. ये सांपों को सुरक्षित और वैज्ञानिक तरीके से पकड़ने के लिए डिज़ाइन की गई है. ये किट सांप के काटने से बचाने और सांप को बिना नुकसान पहुंचाए रेस्क्यू करने में मदद करती है.
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