[ad_1]
वैश्विक मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श करते हुए मोदी और बिसेसर ने संयुक्त राष्ट्र में व्यापक सुधारों की आवश्यकता पर बल दिया, जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का विस्तार भी शामिल है ताकि वर्तमान वास्तविकताओं को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित किया जा सके. संयुक्त वक्तव्य में कहा गया, ‘बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक संघर्षों को स्वीकार करते हुए दोनों नेताओं ने बातचीत और कूटनीति को आगे बढ़ने का रास्ता बताया.’ इस बात पर भी सहमति बनी कि भारत 2027-28 की अवधि के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सीट के लिए त्रिनिदाद और टोबैगो की उम्मीदवारी का समर्थन करेगा तथा यह द्वीपीय राष्ट्र 2028-29 की अवधि के लिए नयी दिल्ली की दावेदारी का समर्थन करेगा.
पीएम मोदी ने किस बात पर की तारीफ
प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू से भी मुलाकात की. मोदी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में कहा कि भारत और त्रिनिदाद एवं टोबैगो के बीच दोस्ती को नयी गति मिली है. उन्होंने कहा, ‘त्रिनिदाद एवं टोबैगो को धन्यवाद. यहां बिताए गए पल कभी भुलाए नहीं जा सकेंगे. हमने भारत-त्रिनिदाद एवं टोबैगो मैत्री को नयी गति दी है. राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू, प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर, सरकार और इस अद्भुत देश के लोगों के प्रति मेरा आभार.’ द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए कई घोषणाएं की गईं, जिनमें कैरेबियाई देश में भारतीय मूल के लोगों की छठी पीढ़ी को ओसीआई (भारत की विदेशी नागरिकता) कार्ड की पेशकश भी शामिल है.
राष्ट्रपति के साथ हुई मीटिंग
भारतीय समुदाय की सराहना
मंत्रालय ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने इस वर्ष प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार प्राप्त करने पर राष्ट्रपति कंगालू को बधाई दी और उनकी विशिष्ट सार्वजनिक सेवा के लिए गहरी सराहना की.’ विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बिसेसर को भारत आने का निमंत्रण दिया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कैरेबियाई देश की संसद को संबोधित किया और दोनों देशों के बीच क्रिकेट संबंधों के बारे में बात की. उन्होंने कहा, ‘दोनों देशों के बीच संबंधों में स्वाभाविक गर्मजोशी है. मैं यह जरूर कहना चाहूंगा कि भारतीय, वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के सबसे उत्साही प्रशंसकों में से हैं! हम पूरे दिल से उनका उत्साहवर्धन करते हैं, सिवाय इसके कि जब वे भारत के खिलाफ खेल रहे हों.’ मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो की विकास यात्रा में भारतीय मूल के लोगों के योगदान की भी सराहना की.
उन्होंने कहा, ‘राजनीति से लेकर कविता तक, क्रिकेट से लेकर वाणिज्य तक, कैलिप्सो से लेकर चटनी तक, वे हर क्षेत्र में योगदान देते हैं. वे उस जीवंत विविधता का अभिन्न अंग हैं जिसका आप सभी सम्मान करते हैं.’ मोदी ने कहा, ‘आपने मिलकर एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण किया है जो अपने आदर्श वाक्य पर चलता है: ‘हम साथ मिलकर आकांक्षा रखते हैं, हम साथ मिलकर हासिल करते हैं’.’ भारत तथा त्रिनिदाद और टोबैगो ने 31 अगस्त 1962 को राजनयिक संबंध स्थापित किए थे. उसी वर्ष इस कैरेबियाई राष्ट्र को स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी.
[ad_2]
Source link


