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रान्‍या राव की तेवर ED ने किए ढीले, गोल्‍ड स्मगलिंग से बनाई 34 करोड़ की प्रॉपर्टी अटैच, हाथ में रह जाएगा ठेंगा! – Ranya Rao Case ED Attack 34 crore property in gold smuggling case

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Ranya Rao Case: रान्‍या राव कन्‍नड़ अभिनेत्री है, जिसे बेंगलुरु एयरपोर्ट पर अवैध तरीके से विदेशों से सोनी के स्‍मगलिंग के आरोप में अरेस्‍ट किया गया है. इस मामले में सीबीआई जांच कर रही है. मनी लॉनन्ड्रिंग से जुड…और पढ़ें

रान्‍या राव के तेवर हुए ढीले, ED ने अटैच की 34 करोड़ की प्रॉपर्टी

रान्‍या राव पर पुलिस ने एक्‍शन लिया है. (News18)

हाइलाइट्स

  • रान्‍या राव गोल्‍ड स्मगलिंग केस में ईडी का बड़ा एक्‍शन.
  • ईडी ने करीब 34 करोड़ की संपत्ति को अटैच कर लिया है.
  • रान्‍या राव साउथ की अभिनेत्री और बड़े पुलिस अफसर की बेटी है.
नई दिल्‍ली. केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अंतरराष्ट्रीय गोल्ड स्मगलिंग और मनी लॉन्ड्रिंग केस में अभिनेत्री रान्या राव और उनके सहयोगियों से जुड़ी 34.12 करोड़ रुपये की संपत्तियां अस्थायी रूप से अटैच कर दी हैं. यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई हैं. अटैच की गई संपत्तियों में बेंगलुरु और तुमकुर जिले की रियल एस्टेट प्रॉपर्टीज शामिल हैं.

ईडी ने यह जांच सीबीआई की एफआईआर के आधार पर शुरू की थी. यह प्राथमिकी 7 मार्च 2025 को सीबीआई की एंटी करप्शन यूनिट द्वारा दर्ज की गई थी, जिसमें भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. यह मामला राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) की शिकायत पर दर्ज किया गया था.

रान्‍या हवाला रैकेट का हिस्‍सा

ईडी का दावा है कि रान्या राव एक बड़े अंतरराष्ट्रीय तस्करी और हवाला नेटवर्क का हिस्‍सा है. ईडी की जांच में पता चला कि रान्या राव ने हवाला ऑपरेटरों के साथ मिलकर सोने की तस्करी के लिए विदेशी मुद्रा का अवैध लेन-देन किया. ईडी सूत्रों के मुताबिक कई हवाला ऑपरेटरों ने स्वीकार किया कि उन्होंने रान्या से सीधे लेन-देन किए और तस्करी का सोना जौहरियों को बेचा. यह नेटवर्क दुबई से बेंगलुरु तक फैला था, जिसमें रान्या ने बतौर कूरियर काम किया और प्रति किलो सोने पर 4-5 लाख रुपये की कमीशन ली. जांच में कई फर्जी कंपनियों का पता चला, जिन्होंने रान्या के खातों में नकली लेन-देन दिखाकर करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए. एक कंपनी ने रान्या को “कंस्ट्रक्शन लेबर सप्लायर” के रूप में दिखाकर भारी रकम दी, जबकि कोई वैध दस्तावेज नहीं मिला.

रान्‍या ने 40 लाख कैसे हड़पे?

ईडी को संदेह है कि रान्या की तीन कंपनियां रान्या राव फोटोग्राफी, आयरस ग्रीन्स, और क्षिरोदा इंडिया शेल कंपनियां हैं, जिनका इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए हुआ. एक चौंकाने वाला खुलासा यह था कि एक शैक्षणिक ट्रस्ट ने रान्या के क्रेडिट कार्ड बिल का 40 लाख रुपये का भुगतान किया. इस लेन-देन का कोई वैध बिल या दस्तावेज नहीं मिला, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग का शक गहरा गया. ईडी अब इस ट्रस्ट की फंडिंग और इसके पीछे की साजिश की जांच कर रही है.

Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें

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