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Gogakheda’s dilapidated school building, teachers are conducting classes in the verandah due to fear of ceiling plaster falling down | पंचायतनामा: गोगाखेड़ा का जर्जर स्कूल भवन, छत का प्लास्टर ऊपर न गिर जाए, डर के मारे शिक्षक बरामदे में लगा रहे क्लास – Ujjain News

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हर शुक्रवार को एक पंचायत या गांव की कहानी, आज पढ़िए गोगाखेड़ा के बारे में

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ग्राम पंचायत गोगाखेड़ा के माध्यमिक स्कूल के बच्चे भय के वातावरण और मुश्किलों में रहकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं। वजह स्कूल भवन की जर्जर व गिराऊ हालत है। भवन में तीन कक्ष हैं लेकिन तीनों की हालत ऐसी नहीं कि उनमें कक्षाएं लगाई जा सके। छत से आए दिन प्लास्टर गिरता है, सरियों का जाल तक नजर आने लगा है।

ऐसे में हादसे के डर से शिक्षक स्वयं इन कक्षों में जाने से डरते हैं। लिहाजा वे नए ​शैक्षणिक सत्र में व बारिश के इस दौर में स्कूल के बरामदे में कक्षाएं लगाने को मजबूर हैं। जहां सभी को कई तरह की परेशानियां झेलना पड़ रही हैं।

महिदपुर जनपद की ग्राम पंचायत गोगाखेड़ा के इस स्कूल में कक्षा 6ठी, 7वीं व 8वीं में 71 बच्चे दर्ज हैं। जिला पंचायत सदस्य श्याम सिंह कहते हैं कि वे नए भवन के लिए प्रयासरत हैं। सरपंच सुनीता राकेश आंजना का कहना है कि नए स्कूल भवन के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रस्ताव दिए हैं।

जिला मुख्यालय से अधिकारियों की टीम ने यहां मौके पर निरीक्षण भी किया है। उम्मीद हैं कि हम बच्चों को स्कूल का नया भवन मुहैया करवा पाएंगे। इधर, इन तमाम परिस्थतियों के बीच अभिभावकों को भी चिंता लगी रहती हैं कि बच्चों के साथ कोई हादसा न हो जाए। हवा-आंधी व गरज के साथ ज्यादा बारिश होती देख अभिभावक बच्चों काे स्कूल भेजने में भी डर रहे हैं।

पंचायत का लेखा-जोखा पंचायत : गोगाखेड़ा। सरपंच : सुनीता राकेश आंजना अन्य गांव : मोड़ी व घाटखेड़ी। जनपद : महिदपुर ग्राम पंचायत की आबादी : करीब 2600 मतदाता : करीब 640

विभागीय स्तर पर भी अवगत करवा रहे स्कूल के प्रभारी एचएम राकेश अग्रवाल बताते हैं कि स्कूल के नए भवन के लिए 2.71 लाख रुपए स्वीकृत हो गए थे। इसके लिए उन्होंने खाता भी खुलवाया लेकिन राशि नहीं आई और न ही नया भवन बन पाया। वर्तमान में जो पुराना भवन है, वह करीब 20-22 वर्ष पुराना है। वे कहते हैं कि विभागीय स्तर पर हम भी लगातार वरिष्ठ अधिकारियों को यहां की स्थिति से अवगत करवाते आ रहे हैं। चूंकि बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो, इसलिए बरामदे में क्लास लगा रहे हैं।

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