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छतरपुर जिले के राजनगर तहसील के पटवारी प्राण सिंह और उनके दोस्त छन्नू यादव की मौत के मामले में नया मोड़ आया है। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के हवाले से दावा किया है कि दोनों की मौत आकाशीय बिजली गिरने से हुई है। पुलिस के इस नए दावे के बाद परिजन का कहन
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दरअसल, 27 जून को सूरजपुरा गांव के एक अधूरे पड़े मकान में दो लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में लाशें मिली थीं। ये मकान खेत में बना है। इनमें से एक लाश गांव के पटवारी प्राण सिंह और दूसरी उनके दोस्त छन्नू यादव की थी। मृतक प्राण सिंह की पत्नी ने इसे हत्या बताते हुए बीजेपी विधायक अरविंद पटेरिया पर आरोप लगाया है।
पत्नी का कहना है कि विधायक के कहने पर पति का 6 महीने में तीन बार ट्रांसफर किया गया था। जिससे वह परेशान थे। उनके खिलाफ बड़ी साजिश की गई है। स्थानीय विधायक पर आरोप के बाद ये मामला सुर्खियों में है। दैनिक भास्कर ने मौके पर पहुंचकर दोनों मृतक के परिजन से बात की। उस जगह पर भी पहुंचे जहां दोनों की लाशें मिली थी। साथ ही पुलिस अधिकारियों से भी बात की। पढ़िए ये ग्राउंड रिपोर्ट

ये वो जगह है जहां 27 जून की सुबह 6 बजे प्राण सिंह और छन्नू यादव की लाशें मिली थीं।
पहले जानिए क्या हुआ था 26 जून को मृतक प्राण सिंह की पत्नी पार्वती ने बताया- मेरे पति 26 जून को दिनभर घर में ही थे। शाम को करीब 4 बजे बोले- 3 हजार रुपए दे दो। सेट ला देते हैं तो कल खेत की जुताई हो जाएगी। हम 3 दिन की छुट्टी तहसीलदार से लेकर आए हैं। बोवनी करा देते हैं। इसके बाद उन्होंने अपने दोस्त छन्नू यादव को बुलाया और दोनों खेत पर चले गए।
रात को हमने खाना बनाया। रात 9 बजे तक उनके घर आने का इंतजार किया। प्राण सिंह के बेटे कमलेश ने बताया- पिताजी देर रात तक नहीं लौटे तो मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास किया। दोनों का मोबाइल स्विच ऑफ आता रहा। रातभर खराब मौसम होने की वजह से तलाशने नहीं जा पाए। जब सुबह खेत पर पहुंचे तो दोनों की लाशें पड़ी हुई थी। उन्हें तत्काल ही अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

छन्नू यादव की मौत के बाद परिवार गम में डूबा है।
पुलिस ने कहा- आकाशीय बिजली गिरने से मौत पुलिस का कहना है कि ये मौतें आकाशीय बिजली गिरने से हुई हैं। दोनों मृतकों का पोस्टमॉर्टम अलग-अलग अस्पताल में हुआ है। डॉक्टरों की रिपोर्ट के मुताबिक मृतकों के बाल झुलसे हुए थे। पैरों में बिजली के एग्जिट के साइन बने हुए हैं। बमीठा थाने के टीआई आशुतोष सिंह ने बताया कि घटनास्थल पर जो सबूत मिले उससे भी पता चलता है कि आकाशीय बिजली गिरी है।
टीआई के मुताबिक घटनास्थल पर पेड़ के पत्ते जले हुए मिले हैं। जिस कमरे में लाशें मिलीं, उसके सरिया और सीमेंट पर कालापन आया गया था। मृतकों के मोबाइल फोन भी जले हुए पाए गए हैं। टीआई ने कहा-
इस गंभीर घटना का 14 घंटे तक प्रॉपर इन्वेस्टिगेशन हुआ है। फिंगर प्रिंट्स लिए गए, डॉग स्क्वॉड को भी बुलाया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक बिजली गिरने से मौत हुई है।


पटवारी प्राण सिंह के घर पर भी मातम का माहौल है।
अब जानिए पुलिस के दावे पर क्या कहते हैं दोनों परिवार
पटवारी की पत्नी बोलीं- विधायक पटेरिया पर शक भास्कर की टीम सबसे पहले मृतक पटवारी प्राण सिंह की पत्नी पार्वती बाई से मिली। पार्वती बाई बीजेपी जिला उपाध्यक्ष हैं। इससे पहले वह जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं। पार्वती बाई ने कहा- मेरे पति की हत्या हुई है, हमें न्याय चाहिए। उनसे पूछा कि उन्हें किस पर शक है? तो बोलीं-मेरे पति का ट्रांसफर विधायक अरविंद पटेरिया के लैटरपैड के जरिए हुआ था।
पिछले 6 महीने में ये उनका तीसरा ट्रांसफर था, इससे वो परेशान थे। मेरे पति ने मुझसे कहा था कि तुम बीजेपी की पदाधिकारी हो, विधायक को कॉल कर मेरा ट्रांसफर रुकवा दो। पति के कहने पर मैंने विधायक को कॉल किया, लेकिन उन्होंने 4 दिन तक कॉल रिसीव ही नहीं किया। मैंने पूछा, तो बोले मैं दिल्ली में व्यस्त था, इसलिए फोन नहीं उठाया।

पत्नी बोलीं- बिजली गिरती तो जली हालत में मिलते पार्वती ने पुलिस के दावे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि घटना खेत पर नहीं बल्कि कहीं और हुई। उनकी लाश को बाद में कमरे में लाकर रखा गया। बिजली गिरने से पति की मौत होती तो वो जले हुए मिले। घटनास्थल की दीवार भी गिरती। वहां ऐसा कुछ नहीं था। उनके शरीर पर चोट के निशान थे।
बेटा बोला- बॉडी पर ऐस पेड़ के पत्ते मिले जो वहां नहीं था प्राण सिंह के बेटे भूपेंद्र सिंह ने कहा, मेरे पिता की हत्या की गई है। उनकी मौत आकाशीय बिजली से नहीं हुई है। बिजली से मृत्यु होती तो घटनास्थल पर उसके कुछ साक्ष्य मिलते, लेकिन वहां ऐसा कुछ नहीं मिला। उनकी बॉडी के ऊपर ऐसे पेड़ के पत्ते मिले, जो वहां था ही नहीं। उनका मोबाइल टूटी-फूटी हालत में मिला। उनके गले में ऐसे निशान मिले, जैसे तौलिए से किसी ने गला दबाया हो।

छन्नू यादव की पत्नी बोली- पड़ोसी ने मारा छन्नू की पत्नी भुवन बोली 27 तारीख की शाम तक मेरे पति बाजार में थे। वो प्राण सिंह के अच्छे दोस्त थे। दोनों साथ रहते थे। 27 जून को शाम को वो कहां गए इसकी जानकारी नहीं थी। उन्हें दुश्मनों ने मारा है। गांव के ही छोटे यादव ने उन्हें 20 दिन पहले धमकी दी थी कि 7 दिन के अंदर तुम्हें मार डालेंगे।
उनसे पूछा कि छोटे यादव से क्या दुश्मनी थी, तो भुवन ने कहा- खेत में पानी के पंप को लेकर 2 साल से विवाद था। करीब 20 दिन पहले भी मेरे पति की इसी बात पर लड़ाई हुई थी। मैं गांव में नहीं थी। उसने और उसकी पत्नी ने मेरे पति पर हमला किया। उन्हें पीटा था। गांव के लोगों ने उन्हें बचाया था। इससे पहले भी जब छोटे यादव ने मेरे पति को पीटा था, तो वो थाने चले गए थे। तभी से वो हमसे दुश्मनी पाल रहा था।

छोटे यादव बोला- मैं तो गांव में नहीं था इन आरोपों को लेकर छोटे यादव ने कहा कि 27 जून को मैं चंद्रनगर में था। मेरे साथ राजा मोटे गांव के लंबरदार भी थे। हम दोनों रात साढ़े 9 बजे वापस गांव पहुंचे थे। बस स्टैंड पर गपशप की और फिर घर गए। खाना खाया और सो गए। हमें सुबह 8 बजे घटना की जानकारी मिली। मैं जब छन्नू यादव के घर पहुंचा तो उसके लड़के मुझे गालियां देने लगे और पत्थर मारने लगे।
छोटे यादव ने ये माना कि छन्नू यादव के साथ जमीन बंटवारे का विवाद था। छन्नू ने मेरे हिस्से की जमीन पर कब्जा किया था। इसके बंटवारे को लेकर हमारी बातचीत हो रही थी। बारिश के चलते बंटवारा नहीं हुआ। इसी मामले को लेकर एक बार मामला थाने तक पहुंचा था, लेकिन वहां हम दोनों के बीच राजीनामा हो गया था।

ग्रामीणों ने कहा- बिजली गिरने से ही हुई मौत दोनों परिवारों के इन आरोपों को लेकर गांव ग्रामीणों का कहना है कि ये हत्या नहीं है। दोनों की मौत बिजली गिरने से ही हुई है। गांव में पुलिस की दो-दो टीम ने जांच की। जहां तक विधायक पर ट्रांसफर के आरोप हैं तो तबादले हर दिन होते हैं। ये सारी बातें बेबुनियाद हैं। अब विधायक ने ट्रांसफर किया है तो इसका मतलब ये नहीं कि वह बिजली गिरा देगा।

खेत के बीच बना अधूरा मकान। जहां बिजली गिरने की बात कही जा रही है।
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