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आगरा-मुंबई नेशनल हाईवे पर यह तस्वीर धार के गणेश घाट की है। इसकी लंबाई करीब तीन किमी है। यह धार जिले का सबसे बड़ा ब्लैक स्पॉट है। इस जिले में ऐसे करीब 14 ब्लैक स्पॉट हैं। सड़क हादसों में हाेने वाली मौतों के मामलों में धार जिला प्रदेश में नंबर है। यहां
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एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर समुेश बांजल ने बताया कि अब गणेश घाट के ब्लैक स्पॉट को खत्म करने के लिए 8.8 किमी लंबा वैकल्पिक मार्ग तैयार किया गया। इसका निर्माण डेढ़ साल में पूरा हो हुआ। इस परियोजना पर कुल 106 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इसके बाद यहां हादसों में कमी आई है। आगे भी अन्य ब्लैक स्पॉट को भी ऐसे ही दुरुस्त किया जाएगा। धार के एसपी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि गणेश घाट समेत अन्य ब्लैक स्पॉट पर मार्किंग और रंबल स्ट्रीप लगाए जा रहे हैं, ताकि हादसों में कमी आए।
धार के इन 14 ब्लैक स्पॉट पर… 2022 से 2024 तक हादसे
हादसे और मौत की यह वजह भी
- रेलवे सुविधा ना होने के कारण सारा दबाव सड़कों पर है, जिससे यहां ट्रैफिक अधिक रहता है।
- कई सड़कों पर गलत ढलान, संकेतों की कमी है। इससे वाहन अनियंत्रित हो जाते हैं। ढलानों पर ब्रेक फेल हो जाने से गंभीर हादसे होते हैं।
- इन ब्लैक स्पॉट से अस्पताल 50–60 किलोमीटर दूर हैं।

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