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इस्कॉन मंदिर द्वारा आज भगवान श्रीजगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा माता की भव्य रथयात्रा निकाली जाएगी। यह इस्कॉन भोपाल की तेरहवीं वार्षिक रथयात्रा होगी। यात्रा शाम 4 बजे भोपाल टॉकीज से शुरू होकर हमीदिया रोड, भारत टॉकीज, रोशनपुरा, रंगमहल और न्यू मार्केट होते
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रथ का निर्माण तीन माह में, पहली बार दिखेगा नंदिघोष शैली में भव्य रथ इस बार रथ पूरी उड़ीसा के नंदीघोष रथ की तर्ज पर बनाया गया है। 27 फीट ऊंचा, 24 फीट लंबा और 17 फीट चौड़ा यह रथ लोहे के मजबूत फाउंडेशन पर खड़ा है, जबकि ढांचा सागौन की लकड़ी से निर्मित है। 2 टन लोहे और 50 घन फीट लकड़ी से बने इस रथ में छह फीट ऊंचे लकड़ी के विशाल पहिए लगाए गए हैं। इसकी ऊंचाई को हाइड्रोलिक लीवर से समायोजित किया जा सकता है। रथ की छत को सुंदर वास्तुशिल्पीय नक्काशी और रंगीन वस्त्रों से सजाया गया है। यह रथ पूरी तरह से हाइड्रोलिक है, जिसे आवश्यकता अनुसार ऊपर या नीचे किया जा सके।

27 फीट का रथ।
रूस से भी आएंगे श्रद्धालु इस वर्ष रथयात्रा में इस्कॉन के जोनल सेक्रेटरी महामन दास प्रभुजी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। उनके साथ रूस से वितांक दास और द्विजमणि दास जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध भक्त भी भोपाल आएंगे। देश-विदेश से हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी की संभावना जताई जा रही है। रथ पर विराजमान भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा माता की झलक पाने के लिए श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह है।
यात्रा मार्ग में भक्तजन ‘हरे कृष्ण’ महामंत्र के संकीर्तन के साथ रथ को रस्सियों से खींचेंगे। रास्ते भर शंख, मृदंग, करताल की ध्वनि और पारंपरिक झांकियां वातावरण को भक्तिमय बनाएंगी। रथ के साथ 151 विशेष भोग अर्पित किए जाएंगे और विभिन्न स्थानों पर आरती की जाएगी।
प्रसाद वितरण और भंडारे की व्यापक व्यवस्था रथयात्रा के दौरान 500 किलो खाजा प्रसाद का वितरण किया जाएगा। समापन स्थल पर देसी घी का हलवा प्रसाद 5000–7000 श्रद्धालुओं को वितरित किया जाएगा। इसके अलावा संध्या आरती के पश्चात इस्कॉन मंदिर द्वारा तैयार महाप्रसाद में लगभग 5000 लोगों के भोजन की व्यवस्था की गई है।
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