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Indus Waters Treaty: पाकिस्तान लिखता रहे पत्र, लेकिन सिंधु जल संधि पर भारत का रुख नहीं बदलने वाला

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Indus Waters Treaty News: जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने कहा कि पाकिस्तान का सिंधु जल संधि पर पत्र औपचारिकता है और भारत का रुख नहीं बदलेगा. उन्होंने कहा कि तीस्ता जल बंटवारे पर बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिरता ज…और पढ़ें

'पाकिस्तान लिखता रहे पत्र, लेकिन सिंधु जल संधि पर भारत का रुख नहीं बदलने वाला'

भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि रद्द कर दिया है. (पीटीआई)

हाइलाइट्स

  • भारत का सिंधु जल संधि पर रुख नहीं बदलेगा.
  • पाकिस्तान का पत्र लिखना औपचारिकता मात्र है.
  • तीस्ता जल बंटवारे पर बांग्लादेश में स्थिरता जरूरी.

नई दिल्ली. जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने बृहस्पतिवार को कहा कि सिंधु जल संधि के निलंबन को रद्द करने के लिए पाकिस्तान का पत्र लिखना एक औपचारिकता भर है और इससे इस मामले में भारत का रुख नहीं बदलने वाला है. पाकिस्तान ने भारत को कई बार पत्र लिखकर संधि पर अपने फैसले की समीक्षा करने को कहा है. पाटिल ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सिंधु जल संधि के तहत मिलने वाला पानी कहीं नहीं जाएगा.

संधि पर पाकिस्तानी नेता बिलावल भुट्टो की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर पाटिल ने कहा कि भुट्टो ने राजनीतिक कारणों से कई बातें कही हैं. पाकिस्तानी नेता ने सिंधु जल संधि को निलंबित किये जाने को लेकर हाल में भारत को धमकी दी थी. पाटिल ने कहा, “उन्होंने खून और पानी बहने की बात भी कही, लेकिन हम ऐसी खोखली धमकियों से नहीं डरते.”

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया गया था. वहीं, जल शक्ति मंत्री ने बांग्लादेश के साथ लंबे समय से लंबित तीस्ता जल बंटवारे समझौते पर कहा कि इस पर किसी भी प्रगति के लिए पड़ोसी देश (बांग्लादेश) में राजनीतिक स्थिरता जरूरी है.

पाटिल की यह टिप्पणी इस अटके हुए समझौते को लेकर चिंताओं के बीच आई है, जो इन दोनों पड़ोसी देशों के बीच एक दशक से भी अधिक समय से एक विवादास्पद मुद्दा रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बांग्लादेश यात्रा के दौरान इस समझौते के लिए एक व्यापक रूपरेखा पर सहमति बन गई थी, लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विरोध के कारण इसे अंतिम रूप देने में देरी हुई.

पाटिल ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, “बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिति फिलहाल स्थिर नहीं है. इसलिए, यह देश कोई भी निर्णय लेने की स्थिति में नहीं है.” उन्होंने कहा, “जब वहां हालात कुछ ठीक हो जाएंगे, तभी हम आगे बढ़ पाएंगे.” बांग्लादेश में प्रवेश करने से पहले सिक्किम और पश्चिम बंगाल से होकर बहने वाली तीस्ता नदी उत्तरी बांग्लादेश में सिंचाई और कृषि के लिए महत्वपूर्ण है.

बांग्लादेश ने अपने किसानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए, खास तौर पर शुष्क मौसम के दौरान, तीस्ता नदी के पानी का उचित हिस्सा मांगा है. हालांकि, भारत ने जल की अपनी आवश्यकताओं और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के साथ आम सहमति बनाने की जरूरत का हवाला दिया है.

Rakesh Ranjan Kumar

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h…और पढ़ें

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h… और पढ़ें

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