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Forced transfer of rape victim teacher | रेप पीड़ित शिक्षिका का जबरन ट्रांसफर: बोलीं- बीजेपी नेता के खिलाफ गवाही रोकने के लिए तबादला, बिना आवेदन किसके इशारे पर हटाया – Madhya Pradesh News

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ये कहना है उस रेप पीड़िता टीचर का जिसने 7 महीने पहले नवंबर में बालाघाट के भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष भूपेंद्र सोहागपुरे पर रेप की शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत के बाद पुलिस ने सोहागपुरे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, मगर गिरफ्तारी से पहले ही उसने अग्रिम जमानत ले ली। ये मामला अब कोर्ट में विचाराधीन है।

रेप पीड़िता टीचर का कहना है कि एक महीने बाद इस केस में उसकी गवाही होने वाली है। वहीं दूसरे जिले में ट्रांसफर होने से मेरी वरिष्ठता भी खत्म हो जाएगी। शिक्षिका का कहना है कि ये सब बीजेपी नेताओं के इशारे पर हो रहा है। मैंने हाईकोर्ट में भी इस आदेश को चुनौती दी है। वहीं भास्कर ने जिम्मेदार नेताओं से बात की तो उन्होंने कहा उन्हें इस ट्रांसफर की जानकारी नहीं है। पढ़िए रिपोर्ट

टीचर को ट्रांसफर की जानकारी ही नहीं थी रेप पीड़िता शिक्षिका ने भास्कर से बात करते हुए कहा कि हफ्ते भर पहले ही स्कूल के एक शिक्षक ने उन्हें ट्रांसफर आदेश की जानकारी दी। पहले तो मुझे भरोसा ही नहीं हुआ, लेकिन जब पोर्टल पर देखा तो पता चला कि मेरा तबादला बालाघाट से 150 किमी दूर छिंदवाड़ा किया गया है। ट्रांसफर की वजह प्रशासनिक बताई गई है।

टीचर बोलीं-मैंने तबादले के लिए किसी तरह का आवेदन नहीं किया था। मैं जिस स्कूल में पढ़ा रही हूं वहां एक शिक्षक की पोस्ट पहले से खाली है। मेरा नाम अतिशेष में भी नहीं है। दूसरी तरफ मेरे खिलाफ कोई शिकायत भी नहीं हुई है। यदि शिकायत होती तो मुझे तबादले से पहले कारण बताओ नोटिस दिया जाता।

मुझे ये भी बताया गया कि इस बार शैक्षणिक तबादले ही होने थे। प्रशासनिक तबादला नहीं होने थे। ऐसी कोई वजह न होते हुए भी मेरा तबादला कर दिया।

जिम्मेदार बोले- हमें जानकारी नहीं भूपेंद्र सोहागपुरे पूर्व आयुष मंत्री रामकिशोर कांवरे का खास आदमी बताया जाता है। 17 नवंबर को जिस मैरिज गार्डन में सोहागपुरे की सगाई का कार्यक्रम चल रहा था, तब वहां कांवरे अपने परिवार के साथ मौजूद थे। पीड़िता की शिकायत के बाद जब पुलिस वहां पहुंची तो न तो कांवरे वहां से निकले, न ही दूसरे भाजपा कार्यकर्ता।

टीचर ने आरोप लगाया था कि कांवरे के ही दबाव में पुलिस ने एक्शन नहीं लिया। यदि एक्शन लिया होता तो उसी समय सोहागपुरे की गिरफ्तारी हो जाती। अब ट्रांसफर को लेकर भी रेप पीड़िता कह रही है कि बीजेपी नेताओं के इशारे पर उनका ट्रांसफर हुआ है तो ये इशारा कांवरे की ही तरफ है।

रामकिशोर कांवरे इस समय बीजेपी के जिला अध्यक्ष हैं। भास्कर ने जब उनसे बात की तो उन्होंने कहा कि उन्हें रेप पीड़ित टीचर के बालाघाट से ट्रांसफर की कोई जानकारी नहीं है। जहां तक सोहागपुरे की बात है, तो उन्होंने युवा मोर्चा अध्यक्ष पद से खुद ही इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद से वह पार्टी के किसी कार्यक्रम में मंच पर नजर नहीं आया है।

सोहागपुरे ने पाला बदला अब वह सांसद खेमे में पार्टी सूत्रों का कहना है कि युवा मोर्चा अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद अब भूपेंद्र सोहागपुरे बालाघाट सांसद भारती पारधी के कार्यक्रमों में ज्यादा सक्रिय हो गया है। वो उनके कार्यक्रमों में नजर आता है। भास्कर ने जब सांसद भारती पारधी से पूछा कि क्या उन्होंने रेप पीड़ित शिक्षिका के ट्रांसफर की कोई सिफारिश की है तो उन्होंने इनकार कर दिया।

हालांकि उन्होंने ये जरूर कहा है कि वह सोहागपुरे को जानती हैं, लेकिन रेप पीड़िता टीचर के ट्रांसफर से उनका कोई लेना-देना नहीं है।

बालाघाट सांसद भारती पारधी के साथ भूपेंद्र सोहागपुरे।

बालाघाट सांसद भारती पारधी के साथ भूपेंद्र सोहागपुरे।

हाईकोर्ट ने कहा- शासन निर्णय करें पीड़ित शिक्षिका ने बताया कि उन्होंने इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में स्थगन के लिए आवेदन दिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि ट्रांसफर आदेश के विषय में शासन निर्णय ले। हालांकि कोर्ट ने ये राहत जरूर दी है। शासन के निर्णय तक शिक्षिका को छिंदवाड़ा में जॉइनिंग की बाध्यता नहीं होगी।

अफसर बोले- बिना आवेदन के ट्रांसफर नहीं हो सकता दैनिक भास्कर ने जब इस मामले में लोक शिक्षण संचालनालय के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि यदि आवेदन नहीं हुआ है, तो फिर ये आदेश उनके लिए भी आश्चर्य का विषय है। अधिकारियों ने ये भी बताया कि यदि प्रशासनिक आधार पर भी तबादला हुआ है, तो भी एक जिले से दूसरे जिले में नहीं हो सकता।

हालांकि, यहां कई ऐसे शिक्षक मिले जो ट्रांसफर के लिए परेशान हो रहे थे। एक शिक्षिका ने बताया कि वह सागर जिले के बंडा में पदस्थ हैं, जबकि उनके पति खरगोन में पदस्थ हैं। हमने ऑनलाइन आवेदन भी किया, लेकिन ट्रांसफर नहीं हो सका। अब अफसर कह रहे हैं कि ट्रांसफर के विषय में बात न करें।

ऐसे ही टीकमगढ़ से आई एक शिक्षिका ने कहा कि वह सामाजिक विज्ञान की शिक्षक हैं, लेकिन पोर्टल पर उन्हें इतिहास विषय का शिक्षक दिखाया गया है। इसके चलते वह तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन हीं नहीं कर पाईं।

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