Home अजब गजब शाहरुख कुरैशी की चाय की दुकान: अमरेली का स्वाद और पहचान

शाहरुख कुरैशी की चाय की दुकान: अमरेली का स्वाद और पहचान

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Viral Tea seller story: अमरेली में शाहरुख कुरैशी ने 12वीं के बाद चाय बेचना शुरू किया. 25 साल बाद उनकी दुकान स्वाद, शुद्धता और मेहनत की पहचान बन गई है, जो रोजाना हजारों लोगों की पहली पसंद है.

12वीं के बाद शाहरुख ने चाय बेचना शुरू किया, अब 25 साल हो गए, एक दिन में 5000..

शाहरुख चायवाले की कहानी

हाइलाइट्स

  • शाहरुख ने 12वीं के बाद चाय बेचना शुरू किया.
  • शाहरुख की चाय दुकान अमरेली में मशहूर है.
  • शाहरुख की चाय से रोज 4,000-5,000 रुपये की कमाई होती है.
गुजरात के अमरेली जिले के सावरकुंडला कस्बे में स्थित पुराने बस स्टैंड के पास एक चाय की दुकान है, जो अब किसी पहचान की मोहताज नहीं. रोज़ाना हज़ारों लोग यहां से गुज़रते हैं, लेकिन बहुतों की मंज़िल वही चाय की दुकान होती है, जिसे शाहरुख कुरैशी चलाते हैं. 25 साल पहले, एक छोटे से स्टोव पर चाय की केतली चढ़ाई गई थी और उसी के साथ एक सपना भी पनपा.

पढ़ाई छोड़ शुरू की चाय की दुनिया
शाहरुखभाई कुरैशी ने 12वीं तक पढ़ाई करने के बाद अपने पिता के साथ चाय का काम शुरू किया. उन्होंने कोई बड़ी डिग्री नहीं ली, लेकिन मेहनत और स्वाद में कोई कमी नहीं छोड़ी. चाय बेचने के इस फैसले ने उनकी जिंदगी की दिशा ही बदल दी. चाय अब उनके लिए सिर्फ रोज़गार नहीं रही, बल्कि पहचान बन गई.

सुबह 6 से रात 11 तक चलता है चाय का जादू
शाहरुखभाई की दिनचर्या बहुत सटीक है. वे हर सुबह 6 बजे दुकान खोलते हैं और देर रात 11 बजे तक ग्राहकों को चाय परोसते हैं. मानसून का मौसम हो या ठंडी सुबह, दुकान पर भीड़ हमेशा रहती है. खासकर बारिश में तो ग्राहक लाइन लगाकर चाय पीने आते हैं.

दो रुपये से शुरू, आज भी जेब पर हल्की
पहले शाहरुखभाई सिर्फ 2 रुपये में एक कप चाय बेचते थे. आज भी एक साधारण चाय केवल 5 रुपये और स्पेशल चाय 10 रुपये में मिलती है. इस महंगाई के दौर में यह कीमत लोगों को राहत देती है, और ग्राहक इसे एक “किफायती ताज़गी” मानते हैं.

20 से 30 लीटर दूध से रोज बनाई जाने वाली चाय से शाहरुखभाई रोज करीब 4,000 से 5,000 रुपये कमा लेते हैं. ना कोई सोशल मीडिया प्रचार, ना कोई बड़ा बोर्ड सिर्फ स्वाद और भरोसे के दम पर यह दुकान इतने सालों से टिकी हुई है.

स्वाद और शुद्धता का भरोसा
शाहरुखभाई की चाय सिर्फ चाय नहीं, एक अनुभव है. वह टाइगर गोट नीलम और तुलसी मिक्स जैसी खास चायपत्ती का इस्तेमाल करते हैं. चाय में मिठास संतुलित रखी जाती है ताकि सभी को पसंद आए. स्पेशल चाय में अदरक और इलायची पाउडर मिलाकर वह स्वाद में चार चांद लगा देते हैं. सबसे बड़ी बात उनकी चाय पूरी तरह शुद्ध दूध से बनती है, उसमें न तो पानी मिलाया जाता है और न ही मावा.

सरकारी दफ्तरों में भी पहुंची चाय की खुशबू
अब यह चाय सिर्फ राहगीरों या दुकानदारों तक ही सीमित नहीं है. सावरकुंडला के कई सरकारी दफ्तरों में रोज़ाना खास तौर पर यह चाय भेजी जाती है. कर्मचारी खुद कहते हैं कि बिना शाहरुखभाई की चाय के उनका दिन अधूरा लगता है.

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