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बैंकों ने हाल ही में अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) दरों में बदलाव किया है. अगर आप 5 लाख रुपये की एफडी करते हैं, तो पांच साल बाद आपको कितना रिटर्न मिलेगा? आइए जानते हैं.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के जून की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट को 5.5% तक घटाने के बाद अब ज्यादातर बैंकों ने अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) ब्याज दरों में बदलाव किया है. इस बदलाव के बाद FD दरें और भी कम हो गई हैं. RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने 6 जून को रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की थी.

MPC ने अप्रैल में भी रेपो रेट में कटौती की घोषणा की थी.जिन्हें नहीं पता है, उन्हें बता दें कि रेपो रेट वो दर होती है जिस पर RBI कमर्शियल बैंकों को लोन देता है. कम रेपो रेट लोन लेने वालों के लिए फायदेमंद होती है, लेकिन इसका नेगेटिव असर FD और सेविंग अकाउंट्स पर मिलने वाले ब्याज पर होता है.

देश के सबसे बड़े बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने एक से दो साल की अवधि के लिए अपनी FD दरें 6.5% से घटाकर 6.25% कर दी हैं. इसी तरह, HDFC बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, एक्सिस बैंक और अन्य बैंकों ने भी एक साल की अवधि के लिए 3 करोड़ रुपये तक की जमा राशि पर अपनी FD दरें 6.25% कर दी हैं.

पांच साल के लिए, SBI 6.05% प्रति वर्ष की ब्याज दर दे रहा है, जबकि HDFC 6.4% रिटर्न दे रहा है. दूसरे बैंक भी इसी रेंज में रिटर्न दे रहे हैं. इसलिए, जो निवेशक FD में पैसा लगाना चाहते हैं, उन्हें यह देखना चाहिए कि एफडी से मिलने वाला रिटर्न उनके वित्तीय लक्ष्यों के साथ मेल खाते है या नहीं.

मान लीजिए, आपने HDFC में 5 लाख रुपये को पांच साल के लिए एफडी में निवेश किया है, तो देखते हैं कि आपका ये फंड कैसे बढ़ेगा. 5,00,000 रुपये पर एचडीएफसी 6.4% का ब्याज दे रहा है. पांच साल में 5 लाख रुपये पर 1,86,823 रुपये का ब्याज मिलेगा. यानी 5 साल बाद आपको कुल 6,86,823 रुपये मिलेंगे.

वैसे देखा जाए तो एफडी से रिटर्न बहुत आकर्षक नहीं मिल रहा, लेकिन वे ये पोर्टफोलियो का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं. ये सुरक्षित होते हैं, इसलिए लोग यहां निवेश करते हैं.
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