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भारत भवन में कार्यक्रम को संबोधित करते मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव।
मध्यप्रदेश में शुक्रवार से जल संवेदना और संस्कृति का पांच दिवसीय संगम शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल में इसकी शुरुआत की है।
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा- जल हमारे जीवन की संस्कृति है। हमारे स्नान करने की प्रवृत्ति, जल से प्रेम और उसका सम्मान, इस बात का प्रमाण है कि जल ही हमारे जीवन का उद्गम है। जब हम स्नान करते हैं तो माता-पिता के प्रेम की अनुभूति होती है क्योंकि जल ही हमारे आदि स्रोत हैं।
मध्यप्रदेश नदियों का मायका है। यहां कोई ग्लेशियर नहीं है, फिर भी जंगलों और पहाड़ियों के कारण जल स्रोत बने हुए हैं। यह राज्य की जल समृद्धि का प्रमाण है।
मुख्यमंत्री ने कहा-
आगामी कुंभ में 24 घंटे में 5 करोड़ लोगों के स्नान की व्यवस्था की जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी के अमृत सरोवर विजन के तहत देशभर के जिलों की लिस्ट में खंडवा जिला पहले स्थान पर आया है।

उन्होंने कहा कि ऐसा माना जाता है कि तीसरा विश्व युद्ध जल को लेकर होगा। लेकिन हमारी संस्कृति में जल को जीवन का आधार बताया गया है। जन्म से लेकर मृत्यु तक मां गंगा का महत्व बताया गया है।
जल धारा साहित्य और कई ग्रंथों का विमोचन ‘सदानिरा’ महाअभियान का समापन कार्यक्रम भारत भवन में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और विधायक भगवान दास सबनानी भी उपस्थित रहे।
बता दें, सदानिरा’ महाअभियान 30 मार्च से 30 जून तक चला। अभियान का उद्देश्य जल संरक्षण को संस्कृति और विज्ञान से जोड़ते हुए व्यापक जनभागीदारी सुनिश्चित करना रहा।इस अवसर पर ‘जल धारा साहित्य’ और कई ग्रंथों का विमोचन भी किया गया। जिनमें मध्यप्रदेश की नदियों पर आधारित कविताएं और रचनाएं शामिल हैं। साथ ही फिल्मों और पुस्तकों का लोकार्पण किया गया। इन प्रयासों का यूट्यूब पर प्रसारण भी किया जाएगा ताकि जनसामान्य तक जल संरक्षण का संदेश पहुंचे।
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