[ad_1]
दुनियाभर के टॉप एजुकेशनल इंस्टिट्यूट की रैंकिंग जारी करने वाली संस्था क्यूएस वर्ल्ड ने इस बार की रैंकिंग जारी कर दी है। पिछले साल 477 रैंक हासिल करने वाला संस्थान इस साल 554वीं रैंक पर है। आईआईटी की रैंकिंग में लगातार चौथे साल बड़ी गिरावट है।
.
गुरुवार को जारी रैंकिंग 2026 में भारत के 54 शैक्षणिक संस्थानों ने जगह बनाई है। सबसे ज्यादा आठ भारतीय संस्थान इस सूची में जुड़ने में कामयाब रहे हैं। देश में 123वीं रैंक के साथ आईआईटी, दिल्ली सबसे आगे है। आईआईटी इंदौर का प्रदर्शन लगातार गिरता जा रहा है। साल 2023 में रैंक 396 थी। 2024 में 454 रैंक पर पहुंच गया, फिर 2025 में 477 और इस बार 2026 के लिए 554 रैंक मिली है।
शैक्षणिक संस्थानों की रैंक 11 अलग-अलग बिंदुओं पर निर्धारित की जाती है। इनमें ओवरऑल परफॉर्मेंस के साथ ही एकेडमिक रेप्यूटेशन, साइटेशन, एम्प्लॉयमेंट आउटकम, फैकल्टी स्टूडेंट रेशो, रिसर्च वर्क शामिल है। ओवरऑल स्कोर में 4.5 अंकों की बढ़ोतरी : क्वालिटी रिसर्च, एकेडमिक एक्सीलेंस सहित तमाम बिंदुओं के आधार पर हुए आकलन में आईआईटी, इंदौर के ओवरऑल स्कोर में 4.5 अंकों की बढ़ोतरी देखने को मिली है। इस बार 29.6 अंक स्कोर रहा, जबकि पिछली रैंकिंग में 25.1 स्कोर से ही संतोष करना पड़ा था। प्रति फैकल्टी साइटेशन इंडेक्स में सबसे ज्यादा स्कोर (96.9/100) रहा। 2024 में यह 95.6 था।

^ आईआईटी, इंदौर ने क्यूएस रैंकिंग के ओवरऑल स्कोर में पिछली बार की तुलना में अधिक स्कोर किया, जो संस्थान की बढ़ती क्षमताओं और केंद्रित प्रयासों को दर्शाता है। वैश्विक रैंक में गिरावट क्यूएस रैंकिंग परिदृश्य में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और बदलते मानदंडों को उजागर करती है। आज की रैंकिंग दुनियाभर में सहकर्मी संस्थानों के बीच की स्थिति की तुलना करती है। इसलिए, सभी पैरामीटर्स पर सुधार महत्वपूर्ण है। – प्रो. सुहास जोशी, डायरेक्टर, आईआईटी इंदौर
[ad_2]
Source link



