[ad_1]
![]()
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने केंद्र सरकार द्वारा जनगणना के लिए नोटिफिकेशन जारी करने के बाद जाति जनगणना को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि चुनावी राजनीति के चलते केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार जातीय जनगणना को डिले करा सकती है। इस मामले
.
सोमवार को केंद्र सरकार के जातीय जनगणना का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बयान जारी कर कहा कि जातिगत जनगणना राहुल गांधी की जीत है। यही कारण है कि भाजपा समय रहते जातिगत जनगणना कराने से कतराएगी। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या मोदी सरकार लोकसभा चुनाव के पहले जातिगत जनगणना कराएगी?
जाति जनगणना का सर्वे कराकर क्या यह सरकार जातियों की स्थिति स्पष्ट करेगी। चाहे दक्षिण हो या उत्तर भारत हो, सभी राजनीतिक समीकरण के आधार पर तय होगा। सिंघार ने यह भी कहा कि क्या लोकसभा चुनाव के पहले पीएम नरेंद्र मोदी जातीय जनगणना कराएंगे। जनगणना कब तक होगी, कब खत्म होगी? दो साल के करीब है क्या परिसीमन महिलाओं का आरक्षण आगामी लोकसभा चुनाव के पहले होगा?
यह भी स्पष्ट होना चाहिए। कोई भी योजना बनती है तो यह जरूरी नहीं है कि एक साल में पूरी हो जाए। ये तो राहुल गांधी की जीत है कि जिसको लेकर नोटिफिकेशन तो जारी हो गया, लेकिन क्या लोकसभा चुनाव के पहले यह सब हो पाएगा।
आज जारी हुआ है नोटिफिकेशन
गृह मंत्रालय ने सोमवार को जनगणना अधिनियम, 1948 के तहत जनगणना और जातीय जनगणना से संबंधित ऑफिशियल गैजेट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके बाद अब जनगणना से जुड़ी विभिन्न एजेंसियां सक्रिय हो जाएंगी। पहले स्टाफ की नियुक्ति, ट्रेनिंग, फॉर्मेट तैयार करना और फील्ड वर्क की प्लानिंग की जाएगी। देश में पहली बार जनगणना और जाति जनगणना एक साथ कराई जाएगी।
अब पूरे देश में एक मार्च 2027 से जनगणना शुरू कराई जाएगी। इससे पांच महीने पहले अक्तूबर 2026 में पहाड़ी राज्यों में जातीय जनगणना का कार्यक्रम पूरा कर लिया जाएगा। इन राज्यों में अक्तूबर 2026 में आबादी से जुड़े जो भी आंकड़े होंगे, वही रिकॉर्ड में दर्ज किए जाएंगे।
[ad_2]
Source link



